The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • India
  • karnataka 4 year old girl dies of rabies after stray dog bite in davangere

कुत्ते के हमले के बाद रेबीज से बच्ची की मौत, डॉक्टरों ने कोई कसर नहीं छोड़ी, पर नहीं बची जान

बच्ची का नाम खदीरा भानु है. उसकी उम्र चार साल है. बच्ची को चार महीने पहले एक आवारा कुत्ते ने काटा था. इसके बाद से उसका बेंगलुरु के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था.

Advertisement
karnataka 4 year old girl dies of rabies after stray dog bite in davangere
चार साल की बच्ची की कुत्ते के काटने के बाद 'रेबीज' से मौत हो गई. (तस्वीर-इंडिया टुडे)
pic
सचेंद्र प्रताप सिंह
19 अगस्त 2025 (Updated: 19 अगस्त 2025, 07:22 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

कर्नाटक के दावणगेरे जिले में एक चार साल की बच्ची की कुत्ते के काटने के बाद 'रेबीज' से मौत हो गई. बच्ची को चार महीने पहले एक आवारा कुत्ते ने काटा था. इसके बाद से उसका बेंगलुरु के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था. इस दौरान डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बाद भी लगातार उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ. बीती 17 अगस्त को अस्पताल में ही उसने दम तोड़ दिया.

इंडिया टुडे से जुड़े नागार्जुन की रिपोर्ट के मुताबिक मृतक बच्ची का नाम खदीरा भानु है. वो चार साल की थी. खदीरा करीब चार महीने पहले अपने घर के बाहर खेल रही थी. तभी उस पर एक स्ट्रीट डॉग ने हमला कर दिया. इस दौरान कुत्ते ने बच्ची को चेहरे समेत शरीर के कई हिस्सों पर काटकर घायल कर दिया. हमले के बाद उसे बेंगलुरु के इंदिरा गांधी बाल स्वास्थ्य संस्थान (IGICH) में भर्ती किया गया था. यहां डॉक्टरों को उसे कई दिनों तक वेंटिलेटर पर रखना पड़ा था.

रिपोर्ट के मुताबिक समय के साथ धीरे-धीरे खदीरा में रेबीज़ के लक्षण दिखाई देने लगे थे. इस दौरान डॉक्टर लगातार उसे बचाने की कोशिश करते रहे. लेकिन अंत में बच्ची जंग हार गई.

IGICH के निदेशक डॉ. संजय केएस ने मंगलवार, 19 अगस्त को कहा कि खदीरा भानु पिछले चार महीने से अस्पताल में थी. रविवार को उसकी मौत हो गई. उन्होंने आगे बताया कि मई में बच्ची को गंभीर हालत में IGICH लाया गया था. यहां उसे ICU में भर्ती कराया गया था. डॉक्टर के मुताबिक जब जांच की गई तो रेबीज की पुष्टि हुई थी. 

डॉक्टर ने आगे कहा कि एक महीने से बच्ची की हालत में काफी सुधार था. उसे घर पर ही देखभाल के लिए छुट्टी दे दी गई थी. लेकिन कुछ दिन पहले उसे फिर से अस्पताल लाया गया था. इस दौरान उसका पूरा शरीर कोई रिस्पॉन्स नहीं दे रहा था. ऐसे में उसे इमरजेंसी इंट्यूबेशन की जरूरत पड़ी.

डॉक्टर ने आगे बताया कि यह डंब रेबीज़ का मामला था. इसमें इंसान आक्रामक नहीं होता, बल्कि उसके शरीर को लकवा मार जाता है. IGICH के निदेशक ने आगे कहा कि बच्ची के परिवार से इलाज का कोई भी पैसा नहीं लिया गया.

वीडियो: लिफ्ट में कुत्ता ले जा रहा था शख्स, महिला से लड़ाई हो गई

Advertisement