बिहार: NDA में सीट बंटवारे की राह आसान नहीं, क्योंकि मांझी ने अब बता दिया है कितनी सीटें चाहिए
पिछले विधानसभा चुनाव में Jitan Ram Manjhi की पार्टी HAM को पांच सीटें मिली थीं. जिसमें से चार पर उन्होंने जीत दर्ज की थी. पिछली बार उनके हिस्से में आई सीटें मगध इलाके की थीं. लेकिन इस बार जीतन राम मांझी मगध से बाहर भी अपना बेस बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं.

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर NDA के भीतर सीट बंटवारे की सुगबुगाहट तेज होने लगी है. NDA के छोटे हिस्सेदार ज्यादा से ज्यादा सीटों के लिए प्रेशर पॉलिटिक्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर)(HAM) के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने 20 सीटों की दावेदारी ठोक दी है.
नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में 4 सितंबर को HAM का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित हुआ. इस सम्मेलन में पार्टी के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि उनकी पार्टी का लक्ष्य बिहार विधानसभा में इतनी सीटें जीतना है कि उसे राज्य स्तरीय दल की मान्यता मिल सके. इसके लिए उन्हें छह प्रतिशत वोट शेयर और सात से आठ विधायकों की जरूरत है.
जीतन राम मांझी ने कहा कि एनडीए की आने वाली बैठक में वे इस मांग को प्रमुखता से उठाएंगे. मांझी ने इस दौरान तो सीधे तौर पर सीटों की संख्या नहीं बताई. लेकिन एक दिन पहले 3 अगस्त को मीडिया से बातचीत में उन्होंने 20 सीटों की मांग की थी. जीतन राम मांझी ने साफ-साफ कहा,
अगर एनडीए में उनकी पार्टी को लेकर सहानुभूति और सम्मान है तो उन्हें कम से कम 20 सीटें दी जानी चाहिए… आम लोगों की भी यही मांग है और मैं भी यही कहता हूं कि हमारी पार्टी को मान्यता दिलाने के लिए कम से कम 20 सीटें मिलनी चाहिए.
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पिछले विधानसभा चुनाव में जीतन राम मांझी की 'हम' को पांच सीटें मिली थीं. जिसमें से चार पर उन्होंने जीत दर्ज की थी. पिछली बार मांझी के हिस्से में आई सीटें मगध इलाके की थीं. लेकिन इस बार जीतन राम मांझी मगध से बाहर भी अपना बेस बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. उनके बयान से साफ है कि सीट बंटवारे को लेकर एनडीए की राह आसान नहीं होने वाली है. क्योंकि चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा भी सीटों को लेकर समझौते के मूड में नहीं दिख रहे हैं.
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