'एक ने अपमान किया, एक ने सवाल, जेल गया कौन?' विजय शाह और प्रोफेसर विवाद पर जावेद अख्तर का तंज
मध्य प्रदेश के भाजपा मंत्री Vijay Shah ने कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था. बॉलीवुड गीतकार Javed Akhtar ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
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गीतकार जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने मध्य प्रदेश के BJP मंत्री विजय शाह (Vijay Shah) और अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद (Professor Mahmudabad) पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि विजय शाह ने स्पष्ट रूप से सेना, अल्पसंख्यक समुदाय और देश का अपमान किया. जबकि महमूदाबाद ने तो घूमा-फिराकर एक बात कही थी. ऐसे में विजय शाह को क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया और महमूदाबाद को क्यों गिरफ्तार किया गया. उन्होंने कहा कि विजय शाह पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए.
'विजय शाह को तुरंत निकाला जाना चाहिए'भाजपा मंत्री ने कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे में आपत्तिजनक बयान दिया था. लल्लनटॉप के खास कार्यक्रम 'बैठकी' में जावेद अख्तर ने विजय शाह के बयान पर कहा,
'प्रोफेसर महमूदाबाद के पोस्ट में कोई दिक्कत नहीं'ये बिल्कुल ही आपत्तिजनक बयान है. उनको तुरंत बाहर (पार्टी से/सरकार से) करना चाहिए. इसमें इंक्वायरी या SIT की क्या जरूरत है. अब आपको क्या पता लगाना है? उन्होंने जो बोला है, वो तो सामने है. ये सिर्फ आप अपनी जिम्मेदारी किसी और को दे रहे हैं. इतना खौफ क्यों है? निकाल दो उस आदमी को. उस आदमी ने हिंदुस्तान की फौज की एक इंपॉर्टेंट मेंबर को अपमानित किया है. उनको (कर्नल कुरैशी) फौज ने भेजा था न, वो तो फौज की रिप्रेजेंटेटिव थीं न. उसको (विजय शाह) को नहीं हटाना, बहुत खराब मैसेज देता है. उनको न तो फौज की इज्जत है, न अल्पसंख्यक समुदाय की और न ही देश की. इसे फौरन निकाला जाना चाहिए. इसमें कोई शक नहीं है.
प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के फेसबुक पोस्ट पर बात करते हुए उन्होंने कहा,
मैंने उनका बयान पढ़ा. सच बताऊं, उस पोस्ट में इतनी गहराई थी कि वो मुझे पूरी तरह से समझ नहीं आया. लेकिन जो भी कहा हो, ये लोकतांत्रिक देश है. यहां आदमी को अपनी बात कहने का अधिकार है. उस आदमी ने (विजय शाह) ऐसी (आपत्तिजनक) बात कही, वो अपने ओहदे पर बना हुआ है, फिर इनको (महमूदाबाद) को क्यों अरेस्ट कर लिया. जबकि इन्होंने घुमा-फिरा कर एक बात कही थी. ये तो बेईमानी की बात है. इससे नैतिक मूल्यों पर बुरा असर पड़ता है.
उन्होंने आगे कहा,
कर्नल कुरैशी और प्रोफेसर महमूदाबाद मामला क्या है?हर नागरिक को ये यकीन होना चाहिए कि हमारे सिर पर कोई तलवार नहीं लटक रही है. जो हम महसूस करते हैं, वो हम कह सकते हैं. आपने कैसे तय कर लिया कि ये (महमूदाबाद) एंटी नेशनल है और वो (विजय शाह) नेशनलिस्ट है. वो अब तक मिनिस्टर बना बैठा है.
भारत-पाकिस्तान हमलों के दौरान विजय शाह और प्रोफेसर महमूदाबाद अपने बयानों के कारण चर्चा में रहें. 'ऑपरेशन सिंदूर' के प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए सेना ने कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को चुना था. इसके बाद सोफिया कुरैशी का जिक्र करते हुए विजय शाह ने एक विवादित बयान दिया. उन्होंने कहा,
जिन आतंकवादियों ने हमारी बेटियों के सिंदूर उजाड़े थे, हमने उन्हीं की बहन को भेजकर उनकी ऐसी-तैसी करवाई.
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इस बयान पर विवाद बढ़ा तो भाजपा नेता ने माफी मांगी. लेकिन तब तक मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. कोर्ट ने उनकी माफी नामंजूर कर दी. मामले की जांच के लिए उन्होंने एक SIT का गठन किया. इसके बाद विजय शाह ने अपनी ओर से एक और माफीनामा जारी किया. हालांकि, मामले की जांच अब भी चल ही रही है.
दूसरी ओर अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद ने एक फेसबुक पोस्ट किया. इस पोस्ट में उन्होंने पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे आंतकी हमलों की निंदा की. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को एक सही कार्रवाई बताई. साथ ही उन्होंने ये भी लिखा कि कर्नल सोफिया कुरैशी को प्रेस कॉन्फ्रेंस में देखकर खुशी हुई लेकिन सरकार इसके जरिए अल्पसंख्यकों की जो छवि पेश कर रही है, जमीन पर वैसी स्थिति नहीं है.
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प्रोफेसर के इस पोस्ट के बाद उनकी गिरफ्तारी हो गई. ये मामला भी सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत तो दी लेकिन जांच नहीं रोकी. उन्होंने कहा कि ये सब लिखने-कहने का ये सही वक्त नहीं है. हालांकि, कोर्ट ने उस आरोप को गंभीरता से नहीं लिया जिसमें कहा गया था कि प्रोफेसर ने अपने पोस्ट में कर्नल कुरैशी का अपमान किया.
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