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F-35 को हरा चुका फाइटर जेट अब इंडियन एयरफोर्स को मिलने वाला है! वो भी एक नहीं पूरे 114

Indian Air Force ने Ministry of Defence को एक प्रस्ताव भेजा है जिसमें 114 Rafale Fighter Jets की मांग की गई है. इन विमानों को Make in India के तहत भारत में ही बनाया जाएगा.

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indian airforce send request for 114 dassault rafale fighter jets to defemce ministry for its mrfa need
रफाल एक 4.5 जेनरेशन का फाइटर जेट है (PHOTO-X)
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मानस राज
16 सितंबर 2025 (Published: 12:13 PM IST)
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तारीख 22 अगस्त, 2025 को एक खबर आई. फिनलैंड में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और फिनलैंड एक संयुक्त युद्ध अभ्यास (Joint Military Exercise) में हिस्सा ले रहे थे. इस एक्सरसाइज का नाम Atlantic Trident है. इसी दौरान अमेरिकन विमान F-35 Lightning और फ्रांस का Rafale आमने-सामने आए. दोनों विमानों अलग जेनरेशन के हैं. फिर भी सबको हैरान करते हुए रफाल ने F-35 को अपनी मिसाइल से लॉक कर लिया. ये एक एक्सरसाइज मात्र थी इसलिए रफाल ने असली मिसाइल नहीं दागी. लेकिन इसने एक बार फिर F-35 की तारीफों के हवाई पुल को ढाह दिया. ये रफाल का नया F-4 वेरिएंट था, जिसने F-35 जैसे स्टेल्थ विमान को लॉक करने वाला कारनामा कर दिखाया. शायद यही वजह थी कि डॉनल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने जब भारत को F-35 ऑफर किया था, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई. और अब इंडियन एयरफोर्स (Indian Air Force) ने  F-4 वेरिएंट (Rafale F4) के 114 जेट्स की मांग केंद्र सरकार से की है.

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UAE को डिलीवर किया हुआ सुपर रफाल (PHOTO- Dassault Aviation/A Bonfort)

नए रफाल के वेरिएंट का नाम F4 रखा गया है. इस विमान में सबसे बड़ा बदलाव इसके नेटवर्किंग सिस्टम में किया गया है. जैसे इंडियन एयरफोर्स के सुखोई Su-30MKI के रडार, सेंसर्स में अपग्रेड कर के उसे Super Sukhoi बनाया गया है, कुछ-कुछ वैसा ही काम दसॉ ने भी रफाल के साथ किया है. इस विमान के नेटवर्किंग सिस्टम पर दसॉ ने जबरदस्त काम किया है. कुछ अपग्रेड्स तो ऐसे हैं जिससे ये विमान अमेरिकन F-35 Lightning के बराबर खड़ा दिखता है. वैसे तो रफाल और F-35 वैसे तो जेनरेशन के मामले में अलग हैं, और जंग में इनका सामना कभी नहीं हुआ. लेकिन  Trident Atlantic 25 में हैरान करते हुए रफाल ने F-35 को अपनी मिसाइल से लॉक कर लिया. फिलहाल फ्रांस ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को रफाल का नया वर्जन डिलीवर किया है.

नया रफाल, पुराने वाले से भी धाकड़ तकनीक 

अगर सामने से देखें तो पुराने और नए रफाल में अंतर कर पाना मुश्किल है. ये कुछ वैसा ही है जैसे किसी एक जैसी दिखने वाली कार के बेस मॉडल और टॉप मॉडल को चलाना. रफाल का F3 वेरिएंट फिलहाल इंडियन एयरफोर्स में सेवाएं दे रहा है. अगर फिर से 114 जेट्स की डील पूरी होती है तो आने वाले जेट्स निश्चित तौर पर F4 वेरिएंट के ही होंगे. क्या है नए वेरिएंट में, उससे पहले रफाल की थोड़ी बेसिक्स समझ लेते हैं.

Rafale को फ्रांस की कंपनी Dassault Aviation ने बनाया है. ये एक डबल इंजन वाला 4.5 जेनरेशन का विमान है. Rafale को सबसे पहले 2006 में फ्रांस ने अपनी वायुसेना में शामिल किया था. तब से अब तक Rafale ने नाटो सेनाओं के साथ अपनी काबिलियत साबित की है. Rafale का रडार 100 किलोमीटर के दायरे में 40 टारगेट्स को ढूंढ सकता है.

rafale f3 specifications
रफाल F3 वेरिएंट के फीचर्स

गौर करने वाली बात ये है कि रफाल के नए वेरिएंट में रडार और डेटा सिस्टम को लेकर कई बदलाव किए गए हैं. उदाहरण के लिए रफाल का नया F4 वेरिएंट  'Data Fusion' नाम के एक सिस्टम से लैस है. और इसी को F4 वेरिएंट की सबसे बड़ी खासियत कहा जा रहा है. Data Fusion सिस्टम एक फुली ऑटोमैटिक सिस्टम होता है जो कई जगह से आने वाली जानकारी को एक साथ कैलकुलेट कर पायलट को जंग के मैदान, संभावित खतरे, खतरे का प्रकर आदि की जानकारी एक साथ देता है. इससे पायलट पर उड़ान के दौरान मानसिक दबाव कम होता है और कॉम्बैट (लड़ाई) के दौरान वो बेहतर फैसले ले पाता है. 

‘Data Fusion’ , बिल्कुल F-35 वाली तकनीक

अमेरिकन फाइटर जेट F-35 इसलिए चर्चा में नहीं रहता कि उसने खूब लड़ाईयां लड़ी हैं, बल्कि इसलिए रहता है कि उसमें सॉफ्टवेयर और नेटवर्क के लिए बहुत ही उन्नत सिस्टम लगे हुए हैं. पायलट का काम आसान करने के लिए डेटा फ्यूजन (Data Fusion) नाम का एक सिस्टम लगा है. और यही इसे सबसे खास बनाता है. ये सिस्टम जानकारी को कैलकुलेट करने के लिए विमान में लगे रडार, इंफ्रारेड सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल टारगेटिंग सिस्टम (इंफ्रारेड कैमरे जो पायलट को 360डिग्री का व्यू देते हैं) से जानकारी जुटाता है. 

rafale thales system
Thales रफाल के लिए रडार और सेंसर बनाती है (PHOTO-Thales)

इसके अलावा विमान अपने ग्राउंड बेस पर लगे रडार और AWACS सिस्टम से भी जानकारी लेता है. सारी जानकारी लेने के बाद ये उसे प्रोसेस कर के पायलट के सामने पूरे सिनैरियो की एक तस्वीर पेश करता है. इससे पायलट की कार्यक्षमता बढ़ती है. एक फायदा और है कि अगर कोई एक रडार या सेंसर काम करना बंद कर दे, तो भी बाकी रडार और सेंसर्स से आने वाली जानकारी से पायलट विमान को ऑपरेट करता रहता है. रफाल के लिए इस सिस्टम को डिजाइन करने का काम Thales नाम की एक कंपनी करती है. इन सिस्टम्स को जेट का दिमाग कहा जाता है. 

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रफाल का कॉकपिट एक शानदार और उन्नत कॉकपिट है (PHOTO- X/EscadronsChasse)
हथियार ले जाने की क्षमता बढ़ेगी 

किसी भी फाइटर जेट में सबसे अधिक चर्चा का विषय होते हैं उसमें लगने वाले हथियार. ये वो चीज है जो पायलट के एक इशारे पर दुश्मन को मिट्टी में मिला सकता है. जो जानकारियां सामने आई हैं, उसके मुताबिक रफाल के नए वेरिएंट में पहले से तीन गुना अधिक वजन यानी 1 हजार किलोग्राम की तीन HAMMER मिसाइल्स ले जाने की क्षमता होगी. जिस डेटा फ्यूजन की बात हमने पहले की, वो इस विमान को हथियार दागने में भी विमान को मदद करेगा. वजह है कि जब विमान के सारे सिस्टम्स एक-दूसरे से जुड़े होते हैं, तब उनमें तालमेल का काम सॉफ्टवेयर करता है जिसमें ‘मार्जिन ऑफ एरर’ बहुत ही कम होता है. इस वजह से हथियार की सटीकता और भी बढ़ जाती है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान रफाल में लगी ‘Scalp’ और ‘Hammer’ मिसाइल्स ने शानदार प्रदर्शन किया था. लेकिन एविएशन की दुनिया में, खासकर फाइटर जेट्स के संदर्भ में हमेशा बेहतरी की गुंजाइश रहती ही है. और इसी गुंजाइश पर दसॉ एविएशन ने बेहतरीन काम किया है. इसके अलावा नए रफाल में MICA NG (Next Genration) मिसाइल्स लगेंगी जो अधिक रेंज के साथ इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग तकनीक से बचने में भी सक्षम होंगी. 

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इंडियन एयरफोर्स के रफाल में लगे हथियार (PHOTO-X)

 

मेंटेनेंस में भी बेहतर है नया रफाल

फाइटर जेट्स के बेड़े को मेंटेन करने के लिए उनके प्रॉपर रखरखाव की जरूरत होती है. इंजन से लेकर हर सिस्टम का सही से काम करना जरूरी है नहीं तो न सिर्फ पायलट बल्कि प्लेन को भी खतरा हो सकता है. नए रफाल में एक सिस्टम है जो किसी संभावित गड़बड़ी को पहले ही भांप लेता है. माने अगर इंजन के किसी हिस्से में डैमेज हो रहा है तो ये विमान समय रहते उसका पता लगा कर वार्निंग दे देगा. लिहाजा विमान आगे किसी भी डैमेज से बच कर पहले ही रिपेयर कर दिया जाएगा.

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हवा में मैनुवर करता इंडियन एयरफोर्स का रफाल (PHOTO-X/RealAirPower1)

कुलजमा बात ये है कि नया रफाल कई मायनों में पुराने वाले से बेहतर है. ये नए जमाने के वॉरफेयर को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है. लेकिन दसॉ यहां भी रुकी नहीं है. वो आने वाे समय में रफाल के अगले F5 वेरिएंट पर भी काम कर रही है. कहा जा रहा है कि ये वेरिएंट लॉयल विंगमैन जेसे फीचर्स से लैस होगा. इस वेरिएंट के 2029-30 तक ऑपरेशनल होने की उम्मीद है. अब देखना ये है कि भारत का रक्षा मंत्रालय एयरफोर्स की इस मांग पर कब मुहर लगाता है. क्योंकि मिग विमानों के रिटायरमेंट और तेजस के प्रोडक्शन की धीमी रफ्तार के बीच ये जरूरी है कि एयरफोर्स किसी भी जंग के लिए तैयार रहे. ऐसे में इन विमानों की जल्द से जल्द आपूर्ति ही सबसे बेहतर विकल्प है.

रफाल की सबसे बड़ी डील

114 रफाल जेट्स की ये डील लगभग 2 लाख करोड़ की हो सकती है. खास बात ये है कि इस नए रफाल में 60 प्रतिशत स्वदेशी कंपोनेंट्स लगे होंगे. रक्षा मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों ने इंडिया टुडे को बताया कि एयरफोर्स के इस प्रस्ताव को जल्द ही डिफेंस प्रोक्योरमेंट बोर्ड (Defence Procurement Board) के सामने रखा जाएगा. इस बोर्ड की अध्यक्षता भारत के रक्षा सचिव (Defence Secretary) करते हैं. बोर्ड में प्रस्ताव आने के बाद कीमत आदि पर चर्चा होगी. अगर इंडियन एयरफोर्स के इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है, तो ये रफाल की सबसे बड़ी डील होगी. भारत के पास पहले से 36 रफाल हैं. 26 रफाल मरीन जो कि इस विमान का नौसैनिक (Naval) वेरिएंट हैं, उनकी डील पहले ही फाइनल हो चुकी है. 114 विमानों के आने पर ये कुल संख्या 176 पहुंच जाएगी.

वीडियो: आधी रात तीनों सेनाओं ने ऐसे किया ऑपरेशन सिंदूर, रफाल के कमाल से दहला पाकिस्तान

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