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'अर्का' और 'भारत फोरकास्टिंग सिस्टम' की जोड़ी, मौसम का हर बदलता मिज़ाज रडार पर

भारत सरकार के Minister of Earth Sciences जितेंद्र सिंह 26 मई को आयोजित एक समारोह में Bharat Forecasting System को राष्ट्र को समर्पित कर दिया है.

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Government unveil Bharat Forecasting System more accurate and realtime weather updates
भारत का डॉपलर रडार (PHOTO-AajTak)
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मानस राज
26 मई 2025 (Updated: 26 मई 2025, 02:37 PM IST) कॉमेंट्स
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भारत सरकार 26 मई, 2025 को एक नए सिस्टम ‘भारत फोरकास्टिंग सिस्टम’ (Bharat Forecasting System-BFS) का अनावरण किया है. ये सिस्टम मौसम कार्यालय को अधिक सटीक और लोकल स्तर पर बेहतर पूर्वानुमान करने में सक्षम बनाएगा. इस सिस्टम को पुणे स्थित Indian Institute of Tropical Meteorology (IITM) द्वारा विकसित किया गया है. ये सिस्टम भारत की मौसम पूर्वानुमान प्रणाली को 6 किमी रिज़ोल्यूशन के साथ मौसम का और बेहतर पूर्वानुमान लगाने में सक्षम बनाएगा. अपने रिज़ोल्यूशन की वजह से भारत का ये सिस्टम दुनिया में सबसे उच्च स्तर का मौसम सिस्टम बन जाएगा. 

द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (Ministry of Earth Sciences) के सचिव एम. रविचंद्रन ने बताया

अब हम स्थानीय स्तर पर और भी सटीक मौसम पूर्वानुमान जारी करने में सक्षम होंगे.

इस सिस्टम का निर्माण साल 2024 में आईआईटीएम परिसर में 11.77 पेटाफ्लॉप्स (कंप्यूटर प्रोसेसिंग स्पीड मापने की एक इकाई) की क्षमता और 33 पेटाबाइट्स (एक पेटाबाइट में 1,000 टेराबाइट्स होते हैं) की स्टोरेज क्षमता वाले नए सुपरकंप्यूटर अर्का की स्थापना के कारण संभव हो पाया. इस मामले पर जानकारी देते हुए आईआईटीएम के एक रिसर्चर पार्थसारथी मुखोपाध्याय ने बताया, 

पिछले सुपरकंप्यूटर 'प्रत्युष' को पूर्वानुमान मॉडल को रन करने में 10 घंटे तक का समय लगता था. अर्का चार घंटे के भीतर ही डेटा-क्रंचिंग माने जानकारी को प्रोसेस कर लेता है.

सचिव एम रविचंद्रन ने बताया कि BFS सिस्टम 6kmX6km के ग्रिड (क्षेत्र) में होने वाले मौसम बदलावों की जानकारी देता है. पहले के मॉडल 12 किमी के ग्रिड के लिए ही पूर्वानुमान देते थे. उन्होंने कहा कि देश भर में मौजूद 40 डॉप्लर रडार नेटवर्क से मिले डेटा का उपयोग BFS मॉडल को चलाने के लिए किया जाएगा. इससे मौसम कार्यालय को लोकल लेवल पर पूर्वानुमान के साथ-साथ अगले दो घंटों के लिए मौसम की रिपोर्ट जारी करने में मदद मिलेगी.

रिपोर्ट के मुताबिक देश में मौजूद डॉपलर रडार की संख्या बढ़ाकर 100 की जाएगी. इससे मौसम कार्यालय पूरे देश के लिए रियल टाइम मौसम पूर्वानुमान जारी कर सकेगा. BFS 30 डिग्री साउथ और 30 डिग्री नॉर्थ अक्षांश (Latitude) के बीच आने वाले ट्रॉपिकल क्षेत्र के लिए 6 किलोमीटर रिज़ोल्यूशन पूर्वानुमान प्रदान कर सकता है. भारत में ये एरिया 8.4 डिग्री नॉर्थ और 37.6 डिग्री नॉर्थ के अक्षांशों के बीच पड़ता है. सचिव रविचंद्रन के मुताबिक, यूरोपीय, ब्रिटिश और अमेरिकी मौसम कार्यालयों द्वारा चलाए जाने वाले सिस्टम के पूर्वानुमान मॉडल का रिज़ोल्यूशन 9 किलोमीटर से 14 किलोमीटर के बीच है.

भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह सोमवार ने 26 मई को आयोजित एक विशेष समारोह में BFS को राष्ट्र को समर्पित किया है. मामले पर जानकारी देते हुए मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह मौसम विज्ञान के क्षेत्र में भारत के लिए एक मील का पत्थर है. साथ ही ये तकनीकी रूप से आत्मनिर्भरता के मामले में भी यह एक बड़ी छलांग है. 

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