The Lallantop
Advertisement

सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग ने साफ कह दिया, 'SIR में नहीं ले सकते आधार-राशन कार्ड'

बिहार में चल रहे Special intensive revision के बीच चुनाव आयोग ने Aadhar Card को मान्यता देने को लेकर Supreme Court में जवाबी हलफनामा दायर किया है. चुनाव आयोग के हलफनामे के बाद बिहार में SIR पर मचे घमासान का तेज होना तय लग रहा है.

Advertisement
sir bihar sir election commission aadhar ration card
चुनाव आयोग ने SIR के लिए जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट में आधार को शामिल करने से इनकार किया है. (इंडिया टुडे)
pic
आनंद कुमार
22 जुलाई 2025 (Updated: 22 जुलाई 2025, 02:10 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

बिहार में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) पर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है. मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा है. कोर्ट ने पहली सुनवाई में चुनाव आयोग को SIR के लिए आधार, वोटर और राशन कार्ड को सबूत के तौर पर शामिल करने का सुझाव दिया था लेकिन आयोग ने 21 जुलाई को दायर किए जवाबी हलफनामें में इन सुझावों को मानने से इनकार किया है.

आयोग ने अपने हलफनामे में कहा कि यह निर्धारित करना उनका संवैधानिक अधिकार है कि वोटर्स नागरिकता की आवश्यक शर्तें पूरी करते हैं या नहीं. लेकिन वोटर के तौर पर ‘अयोग्य’ ठहराए जाने के चलते किसी व्यक्ति की नागरिकता समाप्त नहीं होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई को SIR पर सवाल उठाने वाले याचिकाओं पर सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने चुनाव आयोग को वोटर लिस्ट अपडेट करने के लिए जरूरी 11 दस्तावेजों में आधार, वोटर कार्ड और राशन कार्ड को भी शामिल करने पर विचार करने का सुझाव दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर जवाब देने के लिए चुनाव आयोग को 21 जुलाई तक का वक्त दिया था. अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को होनी है.

अपने जवाबी हलफनामे में चुनाव आयोग ने कहा कि आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं है और अलग-अलग हाईकोर्ट ने भी इस बात को माना है. चुनाव आयोग ने कहा, 

आधार को वोटर लिस्ट में नाम अपडेट कराने के लिए दिए गए 11 दस्तावेजों की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि यह अनुच्छेद 326 के तहत वोटर की पात्रता का पता लगाने में मदद नहीं करता है. हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि पात्रता साबित करने के लिए आधार को दूसरे दस्तावेजों के पूरक के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.

वोटर लिस्ट में नाम अपडेट करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा जारी Enumeration Form (EF) पर वोटर्स के EPIC नंबर और आधार का वैकल्पिक कॉलम मौजूद है.  आयोग ने बताया कि आधार सीडिंग से मदद मिली है, लेकिन इसके साथ अभी भी समस्याएं बनी हुई हैं.

बड़े पैमाने पर फर्जी राशन कार्ड जारी 

चुनाव आयोग ने अपने हलफनामे में बताया कि बड़े पैमाने पर फर्जी राशन कार्ड जारी किए गए हैं. आयोग ने 7 मार्च को सरकार द्वारा जारी किए गए एक प्रेस विज्ञप्ति का हवाला भी दिया. इसमें कहा गया था कि केंद्र ने 5 करोड़ से ज्यादा फर्जी राशन कार्ड धारकों को हटा दिया है.

वोटर कार्ड के लिए चुनाव आयोग ने बताया कि इलेक्टर्स फोटो आइडेंटिटी कार्ड (EPIC) केवल वोटर लिस्ट की मौजूदा स्थिति की जानकारी देता है. इसे वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए पहचान साबित करने में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.

चुनाव आयोग ने 11 दस्तावेजों की सूची के बारे में बताया कि यह संपूर्ण लिस्ट नहीं बल्कि एक सांकेतिक लिस्ट है. इसलिए निर्वाचन अधिकारी वोटर्स द्वारा दिए गए सभी दस्तावेजों पर विचार कर सकते हैं. चुनाव आयोग के 24 जून के निर्देश के मुताबिक, बिहार के मौजूदा सभी 7.8 करोड़ वोटर्स को वोटर लिस्ट में बने रहने के लिए 25 जुलाई तक Enumeration Form (EF) भरना अनिवार्य है.

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: वोटर वेरिफिकेशन पर चुनाव आयोग के खिलाफ क्या बोले राहुल गांधी और तेजस्वी यादव?

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement