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टेस्ला को टक्कर! IIT हैदराबाद की इलेक्ट्रिक AI बस भारत में बनी ‘फ्यूचर की सवारी’

IIT Hyderabad में स्थित TiHAN ने जो गाड़ी बनाई है, वो पूरी तरह से इलेक्ट्रिक गाड़ी है. इसमें ड्राइवर की जगह Artificial Intelligence का इस्तेमाल किया गया है.

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driverless car running inside iit hyderabad from more  than one year using ai
आईआईटी हैदराबादकैंपस में दौड़ती ड्राइवरलेस कार (PHOTO-X)
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मानस राज
18 अगस्त 2025 (Published: 12:08 PM IST)
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अमेरिकन कंपनी टेस्ला ने जब खुद से चलने वाली कार लॉन्च की तो इसने लोगों को खूब आकर्षित किया. ये अपने आप में एक यूनिक फीचर था क्योंकि ड्राइवर के बैठे रहने भर से अगर गाड़ी चल रही है तो ये वाकई में साइंस के लिए बड़ी तरक्की थी. लेकिन अब टेस्ला की कार जैसी ही एक कार भारत में भी चल रही है. और ये कार लगभग डेढ़ साल से आईआईटी हैदराबाद के कैंपस में मौजूद है. क्या है इस बस की कहानी, विस्तार से समझते हैं.

आईआईटी हैदराबाद के कैंपस में कार

टेस्ला की कार में जब हम 'सेल्फ ड्राइव' का फीचर इस्तेमाल करते हैं, तब ड्राइविंग सीट पर ड्राइवर का बैठा होना जरूरी होता है. लेकिन आईआईटी हैदराबाद ने जो गाड़ी बनाई है, उसमें आपको कोई ड्राइवर नहीं चाहिए. इस गाड़ी को आईआईटी हैदराबाद स्थित Technology Innovation Hub on Autonomous Navigation (TiHAN) ने बनाया है. ये पूरी तरह से इलेक्ट्रिक गाड़ी है जिसमें ड्राइवर की जगह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया गया है.

इस कार के दो वेरिएंट मौजूद हैं. एक 6-सीटर है और दूसरा 14-सीटर. बीते डेढ़ सालों से ये कार आईआईटी हैदराबाद कैंपस में ऑपरेशनल है. शुरुआत से अब तक ये गाड़ी 10 हजार से भी अधिक लोगों को ट्रांसपोर्ट कर चुकी है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक TiHAN ने बताया कि कैंपस में इस गाड़ी को लोगों ने बहुत ही सकारात्मक फीडबैक दिया है. जितने लोगों ने भी इसमें सफर किया है, उनमें से 90 प्रतिशत लोग इसकी सर्विस से संतुष्ट हैं.

AI, क्रूज़ कंट्रोल जैसे फीचर्स से लैस 

IIT हैदराबाद कैंपस में चल रही ये बस न सिर्फ चलने में बेहतर है, बल्कि इसके कई फीचर्स ऐसे हैं जो रेगुलर कारों जैसे हैं. उदाहरण के लिए इस बस में ऑटोनॉमस इमरजेंसी ब्रेकिंग और क्रूज़ कंट्रोल जैसे फीचर्स हैं. इससे ये गाड़ी चलते समय स्पीड एडजस्ट करना, रास्ते पर बने गड्ढे या किसी रुकावट को डिटेक्ट करना और आगे चल रही गाड़ी से सेफ दूरी मेंटेन कर के चलती है. ये प्रोजेक्ट अभी अपने लेवल-9 में पहुंच गया है. यानी इसे पूरी दुनिया के रियल कंडीशंस में टेस्ट किया जा चुका है जो सफल साबित है.

TiHAN  की प्रमुख प्रोफेसर पी. राजलक्ष्मी ने इन बसों को इंडियन ट्रैफिक की चुनौतियों का सामना करने वाली तकनीकों को विकसित करने की एक बड़ी योजना का हिस्सा बताया है. उन्होंने बताया कि TiHAN न सिर्फ टेक्नोलॉजी में, बल्कि लोगों में भी निवेश कर रहा है. व्हीकल प्रोग्राम के साथ-साथ, TiHAN ऑटोमैटिक सिस्टम्स में दक्ष इंजीनियरों और शोधकर्ताओं का एक समूह बनाने के लिए AI और मशीन लर्निंग की ट्रेनिंग भी देता है. इन प्रोग्राम्स का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ऐसे सिस्टम्स के डिजाइन, निर्माण और रखरखाव के लिए जरूरी एक्सपर्ट देश में ही मौजूद हों.

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