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'भारत में हर कोई विकलांग का मजाक उड़ाता है तो...', SC के आदेश पर कर्ण शाह ने सबको सुना दिया

India's Got Latent में बतौर कंटेस्टेंट शामिल हुए थे Karn Shah. कर्ण ने वीडियो जारी कर कई अहम सवाल उठाए. उनके इस पोस्ट पर हजारों लाइक्स और कॉमेंट्स आए. ज्यादातर लोगों ने उनकी बात का समर्थन किया.

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Disabled Man Who Went To India Got Latent Karn Shah On SC Decision On Samay Raina And others
समय के शो में आए थे कर्ण शाह. (वीडियो ग्रैब)
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रिदम कुमार
26 अगस्त 2025 (Updated: 26 अगस्त 2025, 05:29 PM IST)
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देश की सर्वोच्च अदालत ने समय रैना समेत 5 कॉमेडियंस को विकलांगों का मजाक बनाने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के लिए कहा था. अब इस मामले में उस विकलांग का बयान सामने आया है जिसका समय के शो India's Got Latent में ‘मजाक’ बनाया गया था. इस विकलांग का नाम कर्ण शाह (Karn Shah) है. वह बतौर कंटेस्टेंट समय के शो में शामिल हुआ थे. उन्होंने एक वीडियो जारी कर इस मुद्दे पर अहम सवाल उठाए हैं.

कर्ण शाह अपने इंस्टाग्राम पर इस मामले को लेकर वीडियो पोस्ट किया. उन्होंने यह वीडियो सुप्रीम कोर्ट के फैसले वाले दिन शाम को पोस्ट किया. वीडियो में कर्ण शाह ने कहा, 

“विकलांग लोगों पर मजाक करना आज एक मुद्दा बन गया है. इस मामले पर अलग-अलग लोगों के अलग-अलग विचार और राय हैं. मैं उनका सम्मान करता हूं. लेकिन इस पर मैं अपनी बात रखना चाहता हूं. जब मैं घर के बाहर निकलता हूं तो कोई फुटपाथ वाली सड़क मुझे सुलभ नहीं मिलती. जब BMC मेरा मजाक उड़ा सकती है तो एक कॉमेडियन क्यों नहीं?”

उन्होंने वीडियो में आगे बताया कि कई कोशिशों के बावजूद अब तक उनका विकलांगता पहचान पत्र नहीं बन पाया है. वह इसके लिए 5 से 6 बार अस्पताल के चक्कर काट चुके हैं. कर्ण कहते हैं, 

“जब सरकारी अस्पताल उनका मजाक उड़ा सकते हैं तो एक कॉमेडियन क्यों नहीं? बड़े-बड़े मल्टीप्लेक्स (सिनेमाघर) खुद को व्हीलचेयर फ्रेंडली बताकर कई सारी सीढ़ियां लगा सकते हैं और मेरा मजाक उड़ा सकते हैं तो एक कॉमेडियन क्यों नहीं? कोई भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट विकलांग फ्रेंडली नहीं है. जब इंडिया का पब्लिक ट्रांसपोर्ट विकलांगों का मजाक उड़ा सकता है तो एक कॉमेडियन क्यों नहीं?”

यह भी पढ़ेंः सुप्रीम कोर्ट ने समय रैना-विपुल गोयल से माफी मांगने को कहा, विकलांगों का मजाक महंगा पड़ा

उन्होंने वीडियो में आगे कहा, 

“मैं लेटेंट में परफॉर्म करने गया था. लेटेंट ने मुझे नहीं पहचान दी. पहले जब मैं घर से निकलता था तो लोग बोलते थे कि उन्हें मेरे लिए बहुत बुरा लगता है. लेकिन आज वही लोग मेरे पास आकर पूछ रहे हैं, क्या मैं आपके साथ एक सेल्फी ले सकता हूं? अब बहुत से लोग मुझे अपनी प्रेरणा के रूप में देखते हैं. कई लोगों ने मुझसे कहा कि मैंने उन्हें एक बार फिर जीने की उम्मीद दी है. इसलिए, विकलांग लोगों का मजाक उड़ाना चाहिए या नहीं, मुझे नहीं पता. लेकिन मेरा एकमात्र सवाल यह है कि जब इंफ्रास्ट्रक्चर, सरकार, ट्रांसपोर्ट, भारत की हर चीज विकलांगों का मजाक उड़ा सकती है तो एक कॉमेडियन क्यों नहीं?”

कर्ण के इस पोस्ट पर हजारों लाइक्स और कॉमेंट्स आए. ज्यादातर लोगों ने उनकी बात का समर्थन किया. लेकिन कुछ यूजर्स ने यह भी कहा कि जोक किस मकसद से किया गया यह भी मायने रखता है. अगर कोई जोक किसी का मजाक उड़ाने के लिए हो, चाहे फिर वह विकलांग हो या स्वस्थ तो यह बिल्कुल गलत है. लेकिन अगर जोक का मकसद सिर्फ मनोरंजन है तो इसमें कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.

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