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घिसे टायर, खराब सिस्टम, लापरवाह उड़ानें, DGCA की जांच में खुला एयर सेफ्टी का काला सच

DGCA Audit On Flight Operations: जांच का एलान 19 जून को किया गया था. तब से संयुक्त महानिदेशकों के नेतृत्व में DGCA की दो टीमों ने Delhi के IGI और Mumbai के CSMAI समेत कई बड़े Airports की जांच की.

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DGCA Audit Report: Flagged Serious Safety Lapses Like Stopping Aircraft With Worn out Tyres
ऑडिट में मिली कई गड़बड़ियां. (फाइल फोटो- पीटीआई)
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रिदम कुमार
25 जून 2025 (Updated: 25 जून 2025, 11:10 AM IST)
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विमानन रेगुलेटर DGCA ने अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान क्रैश (Ahmedabad Air Crash) होने के बाद बड़े स्तर पर जांच शुरू की थी. पहली ऑडिट रिपोर्ट में कई गंभीर सुरक्षा चूकों की बात सामने आई है. जांच रिपोर्ट में विमानों के घिसे हुए टायर, तकनीकी ख़राबी के बावजूद विमान उड़ाने तक की बात सामने आई है. कई एयरपोर्ट्स पर रनवे की ख़राब हालत का भी ज़िक्र किया गया है. ऑडिट रिपोर्ट में सामने आई ये खामियां हवाई यात्रा की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है. 

बिज़नेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑडिट करने का एलान 19 जून को किया गया था. तब से संयुक्त महानिदेशकों के नेतृत्व में DGCA की दो टीमों ने दिल्ली के IGI और मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट समेत कई बड़े हवाई अड्डों की जांच की. 

जांच के दौरान फ्लाइट ऑपरेशन, रैंप सेफ़्टी, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC), कम्युनिकेशन, उड़ान से पहले की मेडिकल जांच और रखरखाव जैसी मुख्य बातों को ध्यान में रखा गया. 

जांच के दौरान ये खामियां मिलीं 

- कुछ विमान घिसे हुए टायरों के साथ उड़ रहे थे.

- एक ही विमान में बार-बार तकनीकी ख़राबियां आ रही थीं. लेकिन उन्हें ढंग से सुधारा नहीं गया.

- कई एयरक्राफ्ट में ख़राब पुर्ज़े, जैसे थ्रस्ट रिवर्सर (विमान की स्पीड कम करता है) और फ्लैप सिस्टम (उड़ान के समय दिशा बदलने का काम करते हैं), सही तरीके से लॉक नहीं किए गए थे.

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थ्रस्ट रिवर्सर (लेफ्ट) और फ्लैप्स (राइट)

- कुछ विमानों के अंदर लाइफ जैकेट ठीक से नहीं लगाई गई थी. कुछ हिस्सों में जंग से बचाने वाली टेप फटी हुई थी. 

एयरपोर्ट पर भी लापरवाही

- कई एयरपोर्ट्स पर रनवे की लाइनें मिट चुकी थीं. यानी रनवे पर मौजूद सफेद और पीली लाइनें बहुत हल्की हो गई थीं. इसकी वजह से टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान पायलट को ठीक से दिखना मुश्किल हो सकता है.

- कई जगहों पर टैक्सी-वे (रनवे के साथ वाली पट्टी जहां अक्सर विमान पार्क होते हैं) की लाइटें काम नहीं कर रही थीं. यह रात में या ख़राब मौसम में पायलट के लिए दिक्कत का सबब बन सकता है.

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टैक्सी-वे (लेफ्ट) और रनवे लाइट (राइट). (फोटो- @flightradar24)
  • एयरपोर्ट के आसपास बनी नई इमारतों की जानकारी पिछले तीन साल से अपडेट नहीं की गई थी. यह इसलिए अहम है क्योंकि इससे विमान की सुरक्षा पर असर डालता है. 
  • रनवे पर चलने वाली कुछ गाड़ियां बिना स्पीड लिमिट डिवाइस के पाई गईं. जांच में इस बारे में पता चलने के बाद उन्हें तुरंत हटाया गया और ड्राइवरों के परमिट सस्पेंड कर दिए गए. 

इसके अलावा ट्रेनिंग में भी गड़बड़ियों का पता चला है. एक सिम्युलेटर पुराने सॉफ्टवेयर पर चल रहा था. वह असली विमान के मौजूदा सिस्टम से मेल नहीं खा रहा था. इसकी वजह से पायलट की ट्रेनिंग पर असर पड़ सकता है. बता दें कि सिम्युलेटर पायलटों को विमान उड़ाने की ट्रेनिंग देने वाला एक ट्रेनिंग सॉफ्टवेयर है.  

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सिम्युलेटर सिस्टम. (फोटो- @flightradar24)

DGCA ने संबंधित ऑपरेटरों को इन गड़बड़ियों को 7 दिनों के अंदर ठीक करने का आदेश दिया है. DGCA का कहना है कि वह समय-समय पर इस तरह के ऑडिट करता रहेगा. अगर कंपनियों ने समय पर सुधार नहीं किया तो DGCA चेतावनी, लाइसेंस सस्पेंड, जुर्माना और संचालन पर रोक जैसी कड़ी कार्रवाई कर सकता है.

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