दिल्ली दंगा 2020: पुलिस की जांच में गंभीर खामियां! 93 में से 17 मामलों में कोर्ट ने बनावटी सबूत और गवाह की बात कही
2020 में उत्तर-पूर्वी Delhi में हुए दंगों में कम से कम 53 लोग मारे गए और 700 से अधिक लोग घायल हुए. इसको लेकर 695 मामले दर्ज हुए जिनमें से 116 के फैसले आ गए हैं. 97 केस में लोगों को बरी कर दिया गया है. केवल 19 मामलों सजा हुई है.

दिल्ली में 2020 में हुए दंगों (Delhi Riots) को लेकर 695 मामले दर्ज हुए. अगस्त 2025 के अंत तक, इनमें से दंगा, आगजनी और गैरकानूनी जमावड़े के 116 मामलों में अदालतों के फैसले आ गए. 97 मामलों में लोगों को बरी कर दिया गया. सिर्फ 19 मामलों में सजा हुई. अदालतों ने इनमें से कम से कम 17 मामलों में पाया कि पुलिस की जांच में गंभीर कमियां हैं.
जिन 97 मामलों में लोगों को बरी किया गया, इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने उनमें से 93 मामलों के रिकॉर्ड के आधार पर दावा किया है कि लगभग हर पांच में से एक केस में अदालत ने कहा कि पुलिस की जांच में गंभीर खामियां हैं. जिन 93 केस के रिकॉर्ड अखबार को मिले हैं, उसके अनुसार कम से कम 12 मामलों में कोर्ट ने पाया कि पुलिस ने बनावटी गवाह या सबूत पेश किए थे, जो मनगढ़ंत प्रतीत हुए. कम से कम दो मामले ऐसे थे, जिनमें गवाहों ने दावा किया उन्होंने अपनी मर्जी से बयान नहीं दिया बल्कि पुलिस ने उनसे बयान लिखवाए थे या उनमें कुछ जोड़-तोड़ किया था.
इसके अलावा कई अन्य मामलों में, कोर्ट ने पाया कि पुलिस की जांच न्याय सुनिश्चित करने से ज्यादा केवल इस बात से प्रेरित थी कि मामले को बंद कर दिया जाए. एक मामले में जज ने केस रिकॉर्ड में हेरफेर की ओर भी इशारा किया.
सिर्फ केस बंद करने के लिए चार्जशीट?इन मामले में से एक पर फैसला सुनाते हुए, पिछले महीने एडिशनल सेशन जज परवीन सिंह ने सख्त टिप्पणी की. न्यू उस्मानपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज इस मामले के छह आरोपियों को बरी करते हुए उन्होंने कहा,
जांच अधिकारी ने सबूतों को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है. इसके कारण आरोपियों के अधिकारों का गंभीर हनन हुआ है. इनके खिलाफ शायद सिर्फ इसलिए आरोप पत्र दायर किया गया है, ताकि ये दिखाया जा सके कि मामले को सुलझा लिया गया. ऐसा करने से जांच प्रक्रिया और कानून के प्रति लोगो का भरोसा कम होता है.
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दिल्ली दंगों में मारे गए थे 53 लोग, 700 घायलनागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के बीच फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे हुए. इस दौरान कम से कम 53 लोग मारे गए और 700 से अधिक लोग घायल हुए. अदालती रिकॉर्ड के अनुसार, जिन 17 मामलों में अदालतों ने फर्जी सबूतों के आधार पर बरी किया, उनमें से पांच मामले दयालपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज हैं. खजूरी खास और गोकलपुरी में चार-चार मामले दर्ज हैं. ज्योति नगर, भजनपुरा, जाफराबाद और न्यू उस्मानपुर में एक-एक मामले दर्ज हैं.
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