दिल्ली में बाढ़ रोकने के लिए 150 करोड़ का बजट मिला था, एक रूपये भी खर्च नहीं किया गया
दिल्ली में बाढ़ रोकने के लिए सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण (I&FC) विभाग को 150 करोड़ रुपये मिले थे. लेकिन रिपोर्ट बताती है कि 31 अगस्त तक एक पैसा भी खर्च नहीं हुआ.

दिल्ली में बाढ़ रोकने के लिए सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण (I&FC) विभाग को 150 करोड़ रुपये मिले थे. लेकिन रिपोर्ट बताती है कि 31 अगस्त तक एक पैसा भी खर्च नहीं हुआ. यह जानकारी 13 बड़े सरकारी विभागों और कुछ छोटे विभागों के कैपिटल एक्सपेंडिचर की ताजा रिपोर्ट से सामने आई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक प्रोजेक्ट पर कितना काम हुआ, कितना पैसा खर्च हुआ, इसकी रिपोर्ट सरकार समय-समय पर जारी करती है. इस हफ्ते की शुरुआत में मुख्य सचिव ने सभी विभागाध्यक्षों की मीटिंग ली. इस दौरान उन्होंने बजट का इस्तेमाल तेजी से करने का आदेश दिया. आगे कहा कि ऐसी समीक्षा मीटिंग्स अब नियमित तौर पर हों. इस मामले पर I&FC मंत्री साहिब सिंह ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
इस साल यमुना नदी का पानी 207 मीटर ऊपर चला गया. इससे कई इलाकों में घरों में पानी भर गया. सड़कें जाम हो गईं. लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ रही है. ऐसे में इन बाढ़ से निपटने और पानी की निकासी का इंतजाम I&FC विभाग द्वारा ही किया जाता है. इस विभाग इस साल 2025-26 के लिए 313 करोड़ रुपये का बजट मिला था, जिसमें से अभी तक सिर्फ 14% ही खर्च हुआ है.
इसके अलावा कैपिटल एक्सपेंडिचर की रिपोर्ट के मुताबिक 13 बड़े विभागों और कुछ छोटे विभागों को कुल 28,115 करोड़ रुपये मिले थे. जिसमें से केवल 5,902 करोड़ ही खर्च किए गए. यानी कुल बजट का करीब 21%. कैपिटल एक्सपेंडिचर का मतलब वो पैसा, जो सरकार विभागों को सड़क अस्पताल, नाले जैसी प्रोजेक्ट पर खर्च करने के लिए देती है.
इन 13 बड़े विभागों में PED, शहरी विकास, परिवहन, स्वास्थ्य और I&FC शामिल हैं. वहीं शहरी विकास विभाग (UD) का हाल थोड़ा बेहतर है. इसे इस साल 5,039 करोड़ रुपये मिले थे, जिसमें से 55% रकम खर्च हो चुकी है. यह विभाग MCD और दिल्ली जल बोर्ड (DJB) को प्रोजेक्ट और योजनाओं के लिए पैसा और लोन देता है.
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