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कॉलेजियम सिस्टम के खिलाफ बोल रहे सीनियर वकील से CJI संजीव खन्ना ने कहा, 'सियासी भाषण न दें'

दरअसल, सुनवाई के दौरान मैथ्यूज नेदुम्परा, 2022 में दायर एक रिट याचिका का उल्लेख कर रहे थे. इसमें मांग की गई थी कि न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम सिस्टम को खत्म कर दिया जाए और इसकी जगह पर राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) को दोबारा लागू किया जाए.

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CJI sanjiv khanna on collegium system plea get angry at the lawyer in supreme court
CJI खन्ना ने वकील को कोर्ट में ‘राजनीतिक भाषण’ न देने की सलाह दी (फोटो: आजतक)
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अर्पित कटियार
29 अप्रैल 2025 (Updated: 29 अप्रैल 2025, 04:28 PM IST) कॉमेंट्स
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देश की ऊपरी अदालतों में जजों की नियुक्ति करने वाले कॉलेजियम सिस्टम को लेकर CJI संजीव खन्ना और एक सीनियर वकील के बीच तीखी बहस हो गई. घटनाक्रम कॉलेजियम सिस्टम को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान देखने को मिला. सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील मैथ्यूज नेदुम्परा याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के संबंध में दलीलें दे रहे थे. तभी चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) संजीव खन्ना ने वकील से कह दिया कि अदालत में ‘सियासी भाषण’ न दें.

दरअसल, सुनवाई के दौरान मैथ्यूज नेदुम्परा, 2022 में दायर एक रिट याचिका का उल्लेख कर रहे थे. इसमें मांग की गई थी कि न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम सिस्टम को खत्म कर दिया जाए और इसकी जगह पर राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) को दोबारा लागू किया जाए.

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, सीनियर वकील नेदुम्परा ने रिट याचिका का उल्लेख करते हुए कहा,

“तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने इसे पांच बार लिस्टेड करने के लिए कहा था… NJAC समय की मांग है, यह आना ही चाहिए. उपराष्ट्रपति ने भी इसे कहा है और देश की जनता इसकी मांग कर रही है. माननीय न्यायाधीश ने इसे लिस्ट करने का वादा किया है.”

इसी पर CJI खन्ना कुछ नाराज दिखे. उन्होंने सीनियर वकील से साफ कहा,

“मेरे मुंह में शब्द न डालिए बस. कृपया, कोर्ट में राजनीतिक भाषण न दें.”

ये भी पढ़ें: जजों की नियुक्ति करने वाले कोलेजियम सिस्टम पर विवाद क्यों?

2022 में दायर हुई थी याचिका
रिपोर्ट के मुताबिक, ये याचिका 2022 में दायर की गई थी. इसमें कॉलेजियम सिस्टम को खत्म करने और न्यायिक नियुक्तियों में कार्यपालिका की भूमिका बढ़ाने के लिए NJAC को पुनः लागू करने की मांग की गई थी. इस याचिका को पिछले साल सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने यह कहते हुए स्वीकार करने से इनकार कर दिया था कि यह मुद्दा 2015 के NJAC फैसले में पहले ही सुलझा लिया गया था.

वीडियो: सुप्रीम कोर्ट ने जजों के अपॉइंटमेंट में हस्तक्षेप गलत बताया, क्या ये इशारा मोदी सरकार की तरफ था?|Episode 309

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