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CJI बनते ही जस्टिस गवई बोले- जय भीम! वकीलों के अभिवादन पर दिया जवाब

CJI B R Gavai देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर पहुंचने वाले दूसरे दलित चीफ जस्टिस हैं. उनसे पहले जस्टिस केजी बालाकृष्णन 2007 में पहले दलित चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बने थे. जस्टिस बीआर गवई अपनी कानूनी यात्रा का श्रेय अपने पिता और Bhimrao Ambedkar को देते हैं.

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Chief justice B R Gawai chant jai bheem supreme court
जस्टिस बीआर गवई ने जय भीम बोलकर वकीलों का अभिवादन किया. (इंडिया टुडे)
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आनंद कुमार
14 मई 2025 (Updated: 14 मई 2025, 03:50 PM IST) कॉमेंट्स
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जस्टिस बीआर गवई (Justice B R Gavai) ने भारत के 52 वें चीफ जस्टिस (CJI) के तौर पर शपथ ले ली है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में उनको शपथ दिलाई. जस्टिस गवई ने शपथ लेने के तुरंत बाद सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के अभिवादन का जवाब ‘जय भीम’ के नारे के साथ दिया.

राष्ट्रपति भवन में शपथ लेने के बाद जब वकीलों ने उनका स्वागत और अभिवादन किया तो CJI उनका जवाब ‘जय भीम’ बोलकर किया. यह अभिवादन ऐतिहासिक तौर पर डॉ. भीमराव आंबेडकर और दलित अधिकार आंदोलन के फॉलोअर्स से जुड़ा हुआ है. बाबा साहेब आंबेडकर और दलित आंदोलन के प्रति सम्मान प्रदर्शित करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है.

जस्टिस बीआर गवई देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर पहुंचने वाले दूसरे दलित चीफ जस्टिस हैं. उनसे पहले जस्टिस केजी बालाकृष्णन 2007 में पहले दलित CJI बने थे. जस्टिस गवई आंबेडकरवादी विचारधारा से प्रभावित रहे हैं. 

उनके पिता रामकृष्ण सूर्यभान गवई भीमराव आंबेडकर के बेहद करीबी थे. उन्होंने बाबा साहेब की पार्टी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) से चुनाव भी लड़ा था. आरएस गवई कांग्रेस की मदद से संसद के दोनों सदनों में पहुंच चुके हैं. 

जस्टिस बीआर गवई अपनी कानूनी यात्रा का श्रेय अपने पिता और बाबा साहेब आंबेडकर को देते हैं. 11 मई को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, 

मैं राजनीति में नहीं जाना चाहता था. मेरे पिता ने कहा कि अगर तुम जज बनोगे तो आंबेडकर के सामाजिक-आर्थिक न्याय के एजेंडे को आगे बढ़ा सकते हों. अगर आप देखें तो अपने फैसलों में मैंने सामाजिक न्याय के मुद्दे को बरकरार रखा है.

ये भी पढ़ें - जस्टिस बीआर गवई बने नए CJI, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

ये पहली बार नहीं था जब जस्टिस गवई ने संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकर की महानता का जिक्र किया हो. पिछले साल भी एक भाषण के दौरान उन्होंने बाबा साहेब को याद किया था. उन्होंने कहा कि ये बीआर आंबेडकर के प्रयासों के चलते ही संभव हुआ कि झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले और न्यायपालिका के स्कूल में पढ़ने वाला उनके जैसा व्यक्ति जस्टिस बना सका. 

वीडियो: चीफ जस्टिस की सैलरी कितनी होती है? जान लीजिए

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