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केरल में सामने आया इंसानी ब्रेन को खाने वाला अमीबा, 9 साल की बच्ची की मौत

डॉक्टर्स और एक्सपर्ट्स का कहना है कि Brain Eating Amoeba एक कम्युनिकेबल बीमारी नहीं है. यानी ये एक इंसान से दूसरे इंसान में नहीं फैलती जैसे खांसी या कोविड में होता है. लेकिन अगर ये हो जाए तो जान बचने का चांस बहुत कम होता है.

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brain eating amoebae in kerala warning by doctors killed nine year old girl
अमीबा से 9 साल की बच्ची की मौत हो गई है (PHOTO- प्रतीकात्मक तस्वीर)
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मानस राज
19 अगस्त 2025 (Updated: 19 अगस्त 2025, 02:45 PM IST)
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केरल के कोझिकोड जिले में एक दुर्लभ बीमारी सामने आई है. यहां ब्रेन-ईटिंग अमीबा (Brain Eating Amoeba) से एक 9 साल की बच्ची की मौत हो गई है. इसके अलावा दो और मरीज इस वक्त गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं जिनमें से एक वेंटिलेटर पर है. केरल के स्वास्थ्य विभाग ने इस घटना के बाद चेतावनी जारी कर लोगों को सुरक्षा गाइडलाइंस का पालन करने को कहा है.

संक्रमण से फैलता है दिमाग खाने वाला अमीबा

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक यह बीमारी मेनिंगोएन्सेफलाइटिस नाम के इंफेक्शन की वजह से फैलती है. ये इंफेक्शन पानी में पाए जाने वाले अमीबा के कारण होता है. इसका इंफेक्शन सीधे इंसान के दिमाग पर असर करता है. इसका मुख्य कारण ठहरे हुए पानी में नहाना या तैरना बताया जा रहा है. ठहरे हुए पानी में नहाने या तैरने के दौरान ये अमीबा इंसान के नाक और कान के जरिए दिमाग तक पहुंच सकता है.

बच्चों को पड़ सकता है दौरा

डॉक्टर्स और एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये एक कम्युनिकेबल बीमारी नहीं है. यानी ये एक इंसान से दूसरे इंसान में नहीं फैलती जैसे खांसी या कोविड में होता है. लेकिन अगर ये हो जाए तो जान बचने का चांस बहुत कम होता है. यानी इस बीमारी में मृत्यु दर बहुत अधिक है. अगर किसी को ये बीमारी होती है तो लक्षण सामने आने में 5 से 10 दिन लग जाते हैं. इसके लक्षण में तेज सिरदर्द, बुखार, उल्टी, गर्दन मोड़ने में दिक्कत और तेज रौशनी में देखने में परेशानी होती है. अगर मरीज कोई बच्चा है तो उन्हें भूख नहीं लगती, वो खेलने-कूदने से बचते हैं. वजह, पूरे शरीर में सुस्ती सी आ जाती है. साथ ही उनमें याददाश्त कमजोर होना और दौरे पड़ने जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं.

स्वास्थ्य विभाग ने जारी की चेतावनी 

इस दुर्लभ और खतरनाक बीमारी को लेकर केरल का स्वास्थ्य विभाग भी सतर्कता बरत रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को ठहरे हुए पानी में नहाने या तैरने से बचने की सलाह दी है. स्विमिंग पूल में नहाने वाले बच्चों को नाक में क्लिप लगाने, पानी का नियमित क्लोरीनेशन कराने और गंदे पानी में डुबकी न लगाने की हिदायत दी गई है.

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कोझिकोड के डिस्ट्रिक्ट मेडिकल ऑफिसर डॉ केके राजाराम ने कहा कि लोगों को विभाग के द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों का पालन करने को कहा गया है. प्रशासन को कहा गया है कि शहर में मौजूद तमाम कुओं और तालाबों की सफाई की जाए. स्वास्थ्यकर्मियों से लगातार साफ-सफाई सुनिश्चित करने को कहा गया है जिससे किसी और को ये इन्फेक्शन न फैले.

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