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अदालत के लिए आपत्तिजनक शब्द कहना भारी पड़ा, महिला को हुई इतने दिनों की जेल

Bombay High Court ने Vineeta Srinivasan के वकील के अनुरोध पर अपने आदेश पर रोक लगा दिया है. सजा को आठ दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया गया है, ताकि वो इसके खिलाफ Supreme Court में अपील कर सकें.

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बॉम्बे हाईकोर्ट ने विनीता को आठ दिनों की सजा सुनाई. (इंडिया टुडे)
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आनंद कुमार
24 अप्रैल 2025 (Published: 01:55 PM IST) कॉमेंट्स
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बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने 23 मार्च को एक महिला को कोर्ट की आपराधिक अवमानना के एक मामले में दोषी ठहराते हुए एक सप्ताह की सजा सुनाई है. साथ ही 2 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. महिला ने हाईकोर्ट (High Court) और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जजों के आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल कर दिया

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, नवी मुंबई के सीवुड्स एस्टेट सोसाइटी में रहने वाली विनीता श्रीनंदन ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ एक लेटर सर्कुलेट किया था. जिसमें उन्होंने दोनों कोर्ट के खिलाफ आपत्तिजनक और अपमानजनक कमेंट्स किए थे. 

यह मामला सोसाइटी और कुत्तों को खिलाने वाली हाउस हेल्प के बीच के विवाद से जुड़ा है. हाईकोर्ट ने सोसाइटी द्वारा एक रेजिडेंट की हाउस हेल्प को कैंपस में घुसने से रोकने के फैसले को गलत बताया था. क्योंकि वो सोसाइटी में आवारा कुत्तों को खाना खिलाती थी.

जस्टिस गिरीश कुलकर्णी और जस्टिस अद्वैत सेठना की बेंच ने विनीता श्रीनंदन को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा,

 हम मगरमच्छ के आंसू और माफी का घिसा पिटा मंत्र स्वीकार नहीं करेंगे आमतौर पर अवमानना करने वाले लोग जिसका सहारा लेते हैं.

बॉम्बे हाईकोर्ट की बेंच ने 5 फरवरी को सोसाइटी की समिति के दूसरे सदस्यों को निर्देश दिया कि वो दिल से माफी मांगे. और इसका पाश्चाताप करे. क्योंकि इस समिति की सदस्य श्रीनंदन ने ज्यूडिशियरी के खिलाफ एक आपत्तिजनक पत्र सोसाइटी के सदस्यों में बांटा था.

4 मार्च को हुई सुनवाई के दौरान श्रीनंदन ने बिना शर्त के माफी वाला हलफनामा कोर्ट में पेश किया. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें कहा कि जो भाषा उन्होंने प्रयोग किया वह एक शिक्षित और समझदार व्यक्ति से अपेक्षित नहीं है. जस्टिस गिरीश कुलकर्णी ने कहा, 

 उन्हें यह विचार कहां से आया कि अदालतें ऐसी हैं? शायद कोई ग्रामीण व्यक्ति जिसे कुछ नहीं पता, वह ऐसा कुछ कह दे तो समझ में आता है. आप हमारे आदेश को अवैध बता रही हैं. और हम पर व्यक्तिगत आरोप लगा रही हैं कि हम अपने अवैध आदेश लागू कराना चाहते हैं.

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बॉम्बे हाईकोर्ट ने विनीता के वकील के अनुरोध पर अपने आदेश पर रोक लगा दिया है. और सजा को आठ दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया है, ताकि वो इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सके. 

वीडियो: सुप्रीम कोर्ट और सरकार में तकरार, जस्टिस बी.आर. गवई ने क्या पूछ लिया?

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