'असम में मुसलमानों को टारगेट करके बेदखल किया गया', हिमंता सरकार पर लगे गंभीर आरोप
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि Assam के CM Himanta Biswa Sarma की सरकार को कानून की परवाह नहीं है. उन्होंने दावा किया कि जिन आदिवासियों से उन्होंने बात की, उन्होंने बताया कि जिस जमीन से गरीबों को हटाया गया है, उसे बड़ी कंपनियों को बेच दिया गया है.

‘असम में मुसलमानों को निशाना बनाकर बेदखली अभियान (Assam Eviction) चलाया गया, जो संविधान के विरुद्ध था.’ हिमंता बिस्वा सरमा सरकार के खिलाफ ये सख्त टिप्पणी की है, ‘एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स’ की सात सदस्यों वाली एक टीम ने. इस टीम ने अपनी इस मामले पर चर्चा करने के लिए, 26 अगस्त को 'कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया' में एक कार्यक्रम का आयोजन किया था.
टीम ने असम के उन इलाकों का दौरा किया था, जहां हाल ही में बड़े पैमाने में बदखली हुई है. इसके मुताबिक, जून और जुलाई के महीनों में असम के जंगल, चारागाह और सरकारी जमीनों से 3,300 से ज्यादा परिवारों को बेघर कर दिया गया. इनमें ज्यादातर बंगाली मूल के मुसलमान थे.
23 और 24 अगस्त को इस टीम ने असम के गोलपाड़ा और कामरूप जिलों का दौरा किया. इस टीम में सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर, वकील प्रशांत भूषण, पूर्व राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार, पूर्व योजना आयोग सदस्य सैयदा हामिद, पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह और शोधकर्ता ऋतुंब्रा मनुवी और फवाज शाहीन शामिल थे.
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, कार्यक्रम में इस टीम की ओर से बताया गया कि बेदखली की कार्रवाई केवल मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए की गई, जो संविधान की भावना के खिलाफ है. प्रशांत भूषण ने कहा कि मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की सरकार को कानून की परवाह नहीं है. उन्होंने दावा किया कि जिन आदिवासियों से उन्होंने बात की, उन्होंने बताया कि जिस जमीन से गरीबों को हटाया गया है, उसे बड़ी कंपनियों को बेच दिया गया है, ताकि वहां सोलर प्रोजेक्ट, सीमेंट फैक्ट्रियां और पाम ऑयल की खेती हो सके.
सैयदा हामिद ने कहा कि बांग्लादेशी शब्द अब गाली जैसा इस्तेमाल होने लगा है. उन्होंने कहा,
असम हमेशा मेरे लिए खास रहा है. मैंने वहां बहुत काम किया है. ये कभी ऐसा नहीं था जैसा अब हो गया है. मैं असम के मुसलमानों और गैर-मुसलमानों के साथ खड़ी हूं.
वजाहत हबीबुल्लाह ने कार्यक्रम में कहा,
हर नागरिक का अधिकार है कि वो सम्मान के साथ रहे और बराबरी के हक पाए.
ये भी पढ़ें: स्वतंत्रता दिवस पर CM हिमंता बिस्वा बोले- 'असम के लोग चुप रहे तो ‘अज्ञात’ मुख्यमंत्री आ जाएगा'
मुख्यमंत्री ने घुसपैठ का हवाला दिया15 जुलाई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा था कि राज्य के दक्षिणी और मध्य इलाके में घुसपैठियों ने असमिया लोगों को अल्पसंख्यक बना दिया है. और अब उनका अगला लक्ष्य उत्तर असम है. उन्होंने आगे कहा,
ये सिर्फ जमीनी जिहाद नहीं है, बल्कि असमिया लोगों को खत्म करने का जिहाद है.
सीएम ने कहा था कि 2021 में सत्ता में आने के बाद से, उन्होंने 1.19 लाख बीघा से ज्यादा जमीन खाली कराने के लिए बेदखली अभियान शुरू किया है. उन्होंने बताया कि तब से लगभग 50,000 लोगों को बेदखल किया गया है, जहां से उनको हटाया गया है, उस जगह की मतदाता सूची से उनके नाम हटाने का काम जिला प्रशासन को सौंपा गया है.
वीडियो: असम: अतिक्रमण हटाने गई पुलिस से लोगों की झड़प, फायरिंग में गई एक की जान