'मुसलमान अगर भारतीय संस्कृति कुबूल कर लें, तो...', असम CM हिमंता बिस्वा का बड़ा बयान
Assam CM Himanta Biswa ने कहा कि जो मुसलमान भारत को अपनी मातृभूमि मानते हैं, वे हमारे साथ हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यह मंजूर नहीं है कि भारत में रहने वाले लोग बांग्लादेश के प्रति निष्ठा की शपथ लें.

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने कहा कि भारतीय संस्कृति और कानूनों का सम्मान करने वाले मुसलमानों को कोई समस्या नहीं होगी. दक्षिणी असम के श्रीभूमि जिले में एक आधिकारिक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह बात कही. उन्होंने यह भी कहा कि यह मंजूर नहीं है कि भारत में रहने वाले लोग बांग्लादेश के प्रति निष्ठा की शपथ लें.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, CM हिमंता ने सोमवार, 1 सितंबर को दक्षिणी असम की बराक घाटी के लोगों की आलोचना की. जो सीमा पार (बांग्लादेश) से रेडियो चैनल सुनते हैं. बराक घाटी में श्रीभूमि, कछार और हैलाकांडी जिले शामिल हैं. उन्होंने कहा,
बराक घाटी में रहकर बांग्लादेशी रेडियो सुनना मंजूर नहीं है. भारतीय रेडियो चैनल सुनें.
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा,
जो मुसलमान भारत को अपनी मातृभूमि मानते हैं, वे हमारे साथ हैं. अगर वे भारत की संस्कृति और कानून स्वीकार कर लें, तो इसमें कोई समस्या नहीं है, लेकिन समस्या यह है कि कुछ लोगों को ऐसा करना मुश्किल लगता है.
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‘धर्मनिरपेक्षता’ पर क्या कहा?एक अन्य मामले में, असम मुख्यमंत्री ने धर्मनिरपेक्षता पर भी जवाब दिया. असम के पथरकंडी में मीडिया से बात करते हुए जब एक पत्रकार ने उनसे धर्मनिरपेक्षता पर सवाल पूछा, तो उन्होंने कहा,
मेरी राय बिल्कुल स्पष्ट है. धर्मनिरपेक्षता तब साकार होगी जब कोई व्यक्ति निडर होकर रवींद्र संगीत गाएगा और 'करीमगंज' की जगह 'श्रीभूमि' कहेगा.
उन्होंने ‘X’ पर इसका वीडियो भी पोस्ट किया. बताते चलें कि बांग्लादेश की सीमा से लगा श्रीभूमि एक मुस्लिम बहुल जिला है. जिसे नवंबर 2024 से पहले करीमगंज कहा जाता था.
एक अन्य मामले में, रविवार, 31 अगस्त को सिलचर शहर में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अधिकारी बांग्लादेशी लोगों को अवैध रूप से लाने वाले तस्करों के एक नेटवर्क को ध्वस्त कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि एक गिरोह, जिसके सदस्यों में स्थानीय हिंदू युवा शामिल हैं, उन्हें सीमा पार कराने के लिए प्रति व्यक्ति 20,000 रुपये वसूल रहा है.
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