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मुजरिम को CM बनाने वाले प्रधानमंत्री को कितने साल जेल? शाह के बयान पर केजरीवाल का पलटवार

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान का जवाब दिया, जिसमें शाह ने सवाल उठाया था कि कोई मुख्यमंत्री जेल से सरकार कैसे चला सकता है?

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Arvind kejriwal amit shah
केजरीवाल ने अमित शाह के बयान पर पलटवार किया है (India Today)
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राघवेंद्र शुक्ला
25 अगस्त 2025 (Published: 08:24 PM IST)
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नरेंद्र मोदी सरकार के ‘सीएम-पीएम को हटाने वाले’ बिल पर आप नेता अरविंद केजरीवाल ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. लोकसभा में बिल पेश होने के बाद से भाजपा उन्हें लगातार ‘मिसाल’ के तौर पर इस्तेमाल कर रही थी. अब केजरीवाल ने इस पर पलटवार किया है. उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह से सवाल किया है कि अपराधियों को पार्टी में शामिल करके उनका केस रफा-दफा करने वालों को कितने साल की जेल होनी चाहिए? ऐसे अपराधी लोगों को मंत्री, सीएम या डिप्टी सीएम बना देने वाले मंत्रियों और प्रधानमंत्रियों को भी अपना पद छोड़ना चाहिए या नहीं?

केजरीवाल ने बार-बार खुद को निशाना बनाए जाने पर पलटवार करते हुए कहा कि राजनीतिक षड्यंत्र के तहत उन्हें झूठे केस में फंसाकर केंद्र ने जेल भेज दिया था. तब उन्होंने जेल से 160 दिन तक सरकार चलाई थी. उन्होंने रेखा गुप्ता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सिर्फ 7 महीने में दिल्ली वाले उसी ‘जेल वाली सरकार’ को याद करने लगे हैं.

अमित शाह ने क्या कहा?  

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में 130वां संविधान संशोधन बिल पेश किया था, जिसके तहत किसी भी मंत्री, प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री को गंभीर अपराधों में 30 दिन तक लगातार जेल में रहने पर अपना पद छोड़ना पड़ेगा. बिल लाने की जरूरत के बारे में बात करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने बार-बार नाम लिए बिना अरविंद केजरीवाल के जेल से सरकार चलाने का जिक्र किया था. सोमवार, 25 अगस्त को भी अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट किया,

अगर कोई 5 साल से ज्यादा सजा वाले केस में जेल जाता है और उसे 30 दिन में बेल नहीं मिलती तो उसे पद छोड़ना पड़ेगा. कोई छुटपुट आरोप के लिए पद नहीं छोड़ना पड़ेगा लेकिन जिन पर करप्शन के आरोप हैं. या 5 साल से ज्यादा सजा के आरोप हैं. ऐसे मंत्री, CM या PM जेल में बैठकर सरकार चलाएं, ये कितना उचित है?

केजरीवाल का जवाब

शाह की इस पोस्ट को जवाब देते हुए अरविंद केजरीवाल ने भी एक्स पर लिखा, 

जो व्यक्ति गंभीर गुनाहों के मुजरिमों को अपनी पार्टी में शामिल करके उनके सारे केस रफा-दफा करके उन्हें मंत्री, उपमुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री बना देता है, क्या ऐसे मंत्री या प्रधानमंत्री को भी अपना पद छोड़ना चाहिए? ऐसे व्यक्ति को कितने साल की जेल होनी चाहिए?

उन्होंने आगे सवाल किया, ‘अगर किसी पर झूठा केस लगाकर उसे जेल में डाला जाए और बाद में वो दोषमुक्त हो जाए तो उस पर झूठा केस लगाने वाले मंत्री को कितने साल की जेल होनी चाहिए?’

केजरीवाल यहीं नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा

राजनीतिक षड्यंत्र के तहत झूठे केस में फंसाकर जब केंद्र ने मुझे जेल भेजा तो मैंने जेल से 160 दिन सरकार चलाई. पिछले 7 महीनों में दिल्ली की बीजेपी सरकार ने दिल्ली का ऐसा हाल कर दिया है कि आज दिल्ली वाले उस जेल वाली सरकार को याद कर रहे हैं. 

उन्होंने दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार पर अघोषित बिजली कटौती, अस्पताल और मोहल्ला क्लिनिक पर काम न करने और प्राइवेट स्कूलों की गुंडागर्दी पर रोक न लगाने के आरोप भी लगाए.

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