लिवर सड़ा सकते हैं ये डाइटरी सप्लीमेंट?
डाइटरी सप्लीमेंट्स कैप्सूल, गोली या पाउडर के रूप में बाज़ार में बिकते हैं. इनका काम है शरीर में पोषण की कमी पूरी करना.
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खाना ऐसा हो कि मन भी भरे और बदन भी सधे. माने वो मन को भी बढ़िया लगे और शरीर के लिए भी अच्छा हो. डॉक्टर्स भी कहते हैं कि आपकी थाली में रोटी, सब्ज़ी, दालें और सलाद होना चाहिए, ताकि आपके खाने से आपको भरपूर पोषण मिले. बाहर से पोषण लेने की ज़रूरत न पड़े. यानी डाइटरी सप्लीमेंट्स न लेने पड़ें.
डाइटरी सप्लीमेंट्स कैप्सूल, गोली या पाउडर के रूप में बाज़ार में बिकते हैं. इनका काम है शरीर में पोषण की कमी पूरी करना. जैसे विटामिंस की कमी. मिनरल्स की कमी.
कुछ लोग बिना डॉक्टर की सलाह के ये सप्लीमेंट खाना शुरू कर देते हैं. सोशल मीडिया पर, रील्स पर लुभावने एड देखकर इम्प्रेस हो जाते हैं. शौक-शौक में सप्लीमेंट लेना शुरू कर देते हैं. ये सही नहीं है. ऐसा देखा गया है कि कुछ सप्लीमेंट आपके लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं. कौन-से हैं ये सप्लीमेंट, चलिए पता करते हैं.
डॉक्टर से जानते हैं कि डाइटरी सप्लीमेंट क्या होते हैं. क्या इनसे लिवर को नुकसान पहुंचता है. किस तरह के डाइटरी सप्लीमेंट लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसा होने पर कौन से लक्षण दिखते हैं और इस नुकसान से बचा कैसे जाए.
डाइटरी सप्लीमेंट क्या होते हैं?ये हमें बताया डॉक्टर भूषण भोले ने.

डाइटरी सप्लीमेंट में जिनसेंग, ग्रीन टी एक्सट्रैक्ट, एनाबॉलिक स्टेरॉयड्स, विटामिन्स, मिनरल्स और चाइनीज़ हर्ब्स वगैरह आते हैं. ये सप्लीमेंट्स दवा की दुकानों, ऑनलाइन और जिम में आसानी से मिल जाते हैं. इन्हें लेने के लिए किसी डॉक्टर की पर्ची यानी प्रिस्क्रिप्शन की ज़रूरत नहीं होती. इसी वजह से इनका इस्तेमाल काफी ज़्यादा बढ़ गया है.
क्या डाइटरी सप्लीमेंट से लिवर को नुकसान पहुंचता है?बिल्कुल, डाइटरी सप्लीमेंट्स से लिवर को नुकसान हो सकता है. कई मरीज़ों में जांच के बाद पता चला कि वो सप्लीमेंट्स ले रहे थे. कुछ की हालत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें ICU में भर्ती करना पड़ा. कुछ मामलों में तो इमरजेंसी में लिवर ट्रांसप्लांट तक करना पड़ा.
लक्षण- पीलिया होना.
- कुछ मरीज़ों में बिलीरुबिन का स्तर 30–40 mg/dL तक पहुंच जाता है.
- पेशाब का रंग बहुत गहरा हो जाना.
- पूरे शरीर में खुजली होना.
- भूख न लगना.
- बुखार आना.

एनाबॉलिक स्टेरॉयड्स केमिकल से बने होते हैं, जो मेल हार्मोन की तरह होते हैं. लोग इन्हें बॉडी बनाने और मसल्स बढ़ाने के लिए लेते हैं. इनका लिवर पर काफी हानिकारक असर होता है.
बाकी सप्लीमेंट्स की बात करें तो ग्रीन टी एक्सट्रैक्ट, चाइनीज़ हर्ब्स और जिनसेंग का ज़्यादा इस्तेमाल भी लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है.
बचावसबसे ज़रूरी है जागरूकता. मरीज़ों के लिए अवेयरनेस प्रोग्राम शुरू किए जाएं. उन्हें बताया जाए कि बिना डॉक्टर की सलाह के सप्लीमेंट्स इस्तेमाल न करें.
सरकार नियम बनाए कि हर सप्लीमेंट पर शरीर की रोज़ की ज़रूरत लिखी हो. ये भी लिखा हो कि उस सप्लीमेंट में कोई चीज़ कितनी मात्रा में है. साथ ही, हर सप्लीमेंट पर FSSAI की लाइसेंसिंग होनी चाहिए. हर डाइटरी सप्लीमेंट्स पूरी तरह से सेफ नहीं होता. इसलिए इन्हें डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं लेना चाहिए.
सप्लीमेंट सिर्फ लिवर को ही नुकसान नहीं पहुंचाते. ये कुछ दवाओं के साथ रिएक्ट कर सकते हैं. साथ ही, डायबिटीज़ और हाई बीपी के मरीज़ों के लिए तो ये और ज़्यादा रिस्की हो सकता है. इसलिए कोई भी सप्लीमेंट डॉक्टर की सलाह के बिना न लें.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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