कोई व्यक्ति बेहोश क्यों हो जाता है? होश में लाने के लिए क्या करें?
कोई इंसान तब बेहोश होता है, जब दिमाग को मिलने वाली खून की सप्लाई अचानक कम हो जाती है.
.webp?width=210)
आमतौर पर जब कोई बेहोश हो जाता है, तो आसपास वाले उसे उठाने के लिए मुंह पर पानी की छींटें मारते हैं. ज़बरदस्ती पानी पिलाते हैं. कस-कस के हिलाते हैं ताकि वो उठ जाए. पर आपको ये सब नहीं करना है. ऐसे मौकों पर सही फर्स्ट ऐड देना ज़रूरी है.
आज हम बेहोशी से जुड़ी कुछ बहुत ही काम की बातें जानेंगे. डॉक्टर से समझेंगे कि कोई हेल्दी इंसान अचानक बेहोश क्यों हो जाता है. अगर कोई बेहोश हो जाए, तो आसपास के लोगों को तुरंत क्या करना चाहिए. क्या गलतियां हैं, जिन्हें अवॉयड करना चाहिए. और, मरीज़ के होश में आने के बाद क्या करना चाहिए.
हेल्दी इंसान अचानक बेहोश क्यों हो जाता है?ये हमें बताया डॉक्टर नयनतारा दास ने.

कोई इंसान तब बेहोश होता है, जब दिमाग को मिलने वाली खून की सप्लाई अचानक कम हो जाती है. इसके पीछे कुछ मामूली वजहें हो सकती हैं. जैसे बहुत ज़्यादा थकान, स्ट्रेस, शरीर में पानी की कमी या दर्द की वजह से ब्लड प्रेशर गिर जाना. कभी-कभी बेहोश होने की वजह गंभीर भी हो सकती है. जैसे स्ट्रोक, हार्ट अटैक, एरिदमिया यानी दिल की धड़कन असामान्य होना और कार्डियक अरेस्ट.
कोई बेहोश हो जाए तो आसपास के लोगों को क्या करना चाहिए?सबसे पहले शांत रहें और कुछ आसान-से स्टेप फॉलो करें. ये चेक करें कि जगह आपके और मरीज़ के लिए सुरक्षित हो. फिर मरीज़ के दोनों कंधों पर हल्की थपकी देकर या उनका नाम लेकर चेक करें कि वो जवाब दे रहा है या नहीं. अगर कोई जवाब नहीं मिलता तो तुरंत इमरजेंसी नंबर पर कॉल करें. इसके बाद गले में कैरोटिड पल्स चेक करें और सांस के लिए छाती की हरकत देखें. अगर मरीज़ सांस ले रहा है और पल्स भी चल रही है, तो उसे एक तरफ यानी रिकवरी पोज़ीशन में लिटा दें. मदद आने तक मरीज़ को मॉनिटर करते रहें. अगर मरीज़ सांस नहीं ले रहा है और पल्स भी नहीं है, तो तुरंत CPR शुरू करें और मदद आने तक जारी रखें.

सबसे बड़ी गलती मरीज़ के आसपास भीड़ इकट्ठा करना है. भीड़ न लगाएं और सिर्फ दो-तीन लोग ही मरीज़ के पास रहें. जब तक ज़रूरी न हो, मरीज़ को हिलाने या उठाकर ले जाने की कोशिश न करें. बेहोश व्यक्ति को पानी पिलाने या कोई चीज़ खिलाने की भी गलती न करें. ये विंडपाइप यानी सांस की नली में जा सकता है, जो ख़तरनाक है. इमरजेंसी सर्विसेज़ को तुरंत बुलाएं और मदद आने तक मरीज़ को मॉनिटर करते रहें.
मरीज़ के होश में आने के बाद क्या करना चाहिए?अगर मरीज़ होश में आ जाए, तो उसे बाएं तरफ यानी रिकवरी पोज़ीशन में लिटा दें. जब तक मदद नहीं आती, तब तक हर दो मिनट में उसे और उसकी छाती की हरकत चेक करते रहें.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
वीडियो: सेहत: क्या लो बीपी से कार्डियक अरेस्ट का ख़तरा बढ़ जाता है?