अच्छा प्रोटीन पाउडर कैसे पहचानें? घर में मौजूद हैं विकल्प
कई लोग मसल्स बनाने के लिए प्रोटीन पाउडर लेते हैं. इनकी बढ़ती खपत की वजह से मार्केट में नकली प्रोटीन पाउडर भी आने लगे हैं.
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बहुत सारे लोग मसल्स बनाने के लिए प्रोटीन पाउडर लेते हैं. आजकल बाज़ार में प्रोटीन पाउडर्स और प्रोटीन सप्लीमेंट्स की भरमार है. वैसे ये पाउडर और सप्लीमेंट्स काफी महंगे बिकते हैं. इसलिए जो रोज़ प्रोटीन पाउडर इस्तेमाल करते हैं, उनका मोटा खर्चा होता है. अब हर व्यक्ति की यही कोशिश होती है कि सस्ते से सस्ते दाम में चीज़ मिल जाए. बस यहीं वो फंस जाते हैं क्योंकि बाज़ार में काफ़ी नकली और मिलावटी प्रोटीन पाउडर भी बिकते हैं. लोगों को लुभाने के लिए इन्हें सस्ते दामों पर बेचा जाता है. लेकिन ऐसे प्रोटीन पाउडर सेहत के लिए नुकसानदेह होते हैं.
लिहाज़ा, डॉक्टर से जानिए कि बाज़ार में बिकने वाले नकली प्रोटीन पाउडर की पहचान कैसे करें. प्रोटीन पाउडर किन चीज़ों के बने होते हैं. प्रोटीन लेने से फायदा क्या होता है. और, प्रोटीन पाउडर के हेल्दी विकल्प क्या हैं, जो आपके घर में ही मौजूद हैं.
क्या है प्रोटीन पाउडर?ये हमें बताया सीनियर डाइटिशियन मेघा पुरी ने.

प्रोटीन पाउडर एक तरह का सप्लीमेंट है. इसमें प्रोटीन के साथ कार्बोहाइड्रेट, फैट, एनर्जी, विटामिंस और मिनरल्स होते हैं. इसे कई तरह के प्रोटीन से बनाया जाता है. जैसे दूध, सोया, अंडे, मेवे और बीज. मार्केट में वीगन प्रोटीन भी मिलता है, जो पौधों से बनता है.
प्रोटीन लेने के फ़ायदेप्रोटीन कई बीमारियों में दिया जाता है. जैसे डायबिटीज़ और कैंसर में. क्रिटिकल केयर (गंभीर) मरीज़ों में. क्रोनिक किडनी डिज़ीज़ (CKD) के मरीज़ों में. कई दूसरी बीमारियों में भी प्रोटीन का इस्तेमाल होता है. खिलाड़ी भी प्रोटीन लेते हैं ताकि उनका कैलोरी और प्रोटीन इनटेक सही रहे.
प्रोटीन के बहुत सारे फायदे होते हैं. ये इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है. मांसपेशियों के विकास और टिशूज़ (ऊतकों) की मरम्मत में मदद करता है. हीलिंग (घाव भरने) में काम आता है, इसलिए इसे कई बीमारियों में दिया जाता है. प्रोटीन वज़न कंट्रोल करने में मददगार है. प्रोटीन खाने से पेट भी देर तक भरा रहता है.
छोटे बच्चों को हाइट और वज़न बढ़ाने के लिए प्रोटीन दिया जाता है. बुज़ुर्गों को भी प्रोटीन दिया जाता है, क्योंकि वो कम खाना खाते हैं. इस वजह से उनके शरीर में ज़रूरत भर कैलोरी और प्रोटीन नहीं जाता. इसलिए उनके खाने में प्रोटीन शामिल किया जाता है, ताकि रोज़ की ज़रूरत पूरी हो सके.

हमेशा वही प्रोटीन पाउडर लें, जो डॉक्टर या डाइटिशियन ने बताया हो. एक्सपर्ट पहले देखते हैं कि आपके शरीर को प्रोटीन की कितनी ज़रूरत है, तभी प्रोटीन पाउडर देते हैं. हमेशा वही प्रोटीन पाउडर लें जो जांचा-परखा और सर्टिफाइड हो. उसके डिब्बे पर FSSAI का सर्टिफिकेट ज़रूर देखें. उसकी वेबसाइट पर जाकर चेक करें कि उसमें क्या-क्या मिला है. ध्यान रखें कि उसमें ज़्यादा शुगर न हो. हमेशा भरोसेमंद ब्रांड का ही प्रोटीन पाउडर लें. नई या अनजान कंपनी का पाउडर न खरीदें.
प्रोटीन पाउडर के हेल्दी विकल्प- आप दूध, दही और पनीर खाएं.
- दालों का चीला बना सकते हैं.
- स्प्राउट्स (अंकुरित अनाज) खा सकते हैं.
- मेवे और बीज ले सकते हैं.
- दही या दलिया में मेवे और बीज डाल सकते हैं.
- सोया या टोफू भी खा सकते हैं .
- मोटा अनाज लें क्योंकि इसमें आटे से ज़्यादा प्रोटीन होता है.
- ये सब करके आप अपने खाने में प्रोटीन बढ़ा सकते हैं.
- जो लोग जिम जाते हैं, वो बहुत ज़्यादा प्रोटीन पाउडर (जैसे एक स्कूप में 25-30 ग्राम) न लें.
- इससे शरीर पर बुरा असर पड़ सकता है.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.
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