पड़ताल: क्या CAA प्रोटेस्ट में आंसू गैस का गोला लगने से 22 साल के लड़के की मौत हुई?
22 साल का उबैद-उर-रहमान जामिया नगर में रहता था.
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वायरल दावा.
बहुत दुख के साथ आप लोगों को इत्तेला दी जाती है कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र जो CAA के खिलाफ एहतेजाज कर रहे थे... Posted by F Ansari on Wednesday, 1 January 2020
‘बनजरहवा गांव में 22 साल के नौजवान की मौत हुई है. 2 जनवरी 2020 को उसका जनाज़ा भी निकाला जा रहा है. लेकिन उबैद की मौत आंसू गैस का गोला लगने से नहीं, चिकनपॉक्स की वजह से हुई है.’SHO डुमरियागंज ने बताया कि उबैद की मौत दिल्ली में हुई थी. इसलिए दिल्ली पुलिस के साथ भी इस बारे में जानकारी साझी की गई है. साथ ही डुमरियागंज पुलिस खुद उबैद के घर जाकर लौटी है. SHO डुमरियागंज से मिली जानकारी के आधार पर हमने दिल्ली के न्यू फ्रैंड्स कालोनी ज़ोन के ACP जगदीश चंद्र से बात की. जामिया नगर और उसके आसपास का इलाका उन्हीं के अंतर्गत आता है. ACP जगदीश चंद्र ने बताया कि
उबैद की मौत का जामिया में CAA के खिलाफ हुए प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं है. उबैद की तबीयत कुछ दिनों से ख़राब चल रही थी. उसे 1 जनवरी को लोकनायक जयप्रकाश नारायण (LNJP) अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.ACP जगदीश चंद्र की बात को पुख़्ता करती हुई बात LNJP अस्पताल ने भी बताई. LNJP के इमरजेंसी में आने वाले मेडिसिन विभाग से 'दी लल्लनटॉप' ने संपर्क किया. मेडिसिन डिपार्टमेंट के मुताबिक,
डेथ रिकॉर्ड में उबैद उर रहमान का नाम है. उबैद को 31 दिसंबर- 1 जनवरी की दरमियानी रात में क़रीब 1.20 मिनट पर LNJP लाया गया था. 3.30 पर उसकी मौत हो गई. उसकी मौत चिकनपॉक्स की वजह से हुई है.उबैद के शव को LNJP से अब्दुल आलिम लेकर गए थे. हमने उनसे भी बात की. अब्दुल ने बताया कि
उबैद बाटला हाउस इलाके में कोचिंग करते थे. वो जामिया मिल्लिया इस्लामिया के स्टूडेंट नहीं हैं. वो 15 दिसंबर या उससे पहले और बाद में CAA के खिलाफ हुए प्रोटेस्ट में शामिल नहीं हुए थे. उनकी तबीयत ख़राब थी. पहले होली फैमिली अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बाद में LNJP लेकर गए थे, जहां उनकी मौत हो गई और अब उनके शव को गांव ले आए हैं. जामिया के प्रोटेस्ट से उबैद की मौत का कोई लेना-देना नहीं है.नतीजा हमारी पड़ताल में उबैद उर रहमान की मौत की वजह चिकनपॉक्स निकली. उबैद को CAA के खिलाफ जामिया में हुए प्रदर्शन में आंसू गैस का गोला नहीं लगा था. उबैद बीमार थे. इस बात की तस्दीक उनके दोस्त, दिल्ली के LNJP अस्पताल, पैतृक गांव की पुलिस और दिल्ली पुलिस ने की. उनकी मौत को 15 दिसंबर को जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हुए प्रोटेस्ट से जोड़ता दावा ग़लत है. अगर आपको भी किसी ख़बर पर शक है, तो हमें मेल करें- padtaalmail@gmail.com पर. हम दावे की पड़ताल करेंगे और आप तक सच पहुंचाएंगे.
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