The Lallantop
Advertisement

कौन हैं तोची रैना जो सोशल मीडिया पर खुद को कल्कि अवतार बता रहे हैं?

Toshi Raina साल 1993 में पहली बार मुंबई आए थे. यहां वो अपने गुरु उस्ताद भूरे खां से गायिकी के गुण सीखने के बाद अपने शहर पटियाला वापस चले गए. जिसके बाद फिर साल 2003 में उन्होंने मुंबई आने का मन बनाया.

Advertisement
Tochi raina singer
तोची रैना ने लल्लनटॉप से बातचीत में खुद को कल्कि अवतार बताया है (फोटो: आजतक)
pic
आर्यन मिश्रा
19 मार्च 2024 (Updated: 20 मार्च 2024, 03:17 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

बॉलीवुड के एक सिंगर हैं, जो खुद के कल्कि अवतार होने का दावा कर रहे हैं. अपने समय में इन्होंने एक से एक सुपरहिट गाने दिए. अगर आप हिंदी गाने सुनने के शौकीन हैं तो शायद ही इनका गाना आपकी प्लेलिस्ट में जगह बनाने से चूका हो. अभी भी इनके कई गाने लोगों में पसंद किए जाते हैं. साल 2009 में एक वेबसाइट की गलती के चलते उनके डिप्रेशन चले जाने की बात भी सामने आई थी. उन्होंने वेबसाइट को करोड़ों का नोटिस भी भेजा था.

वो लंबे वक्त से इंडस्ट्री से दूर हैं. लेकिन सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं. यहां वो अपने पोस्ट में अकसर कुछ नंबरों के आधार पर खुद को कल्कि अवतार बताते हैं. उनका कहना है कि श्री राम, श्री कृष्ण से लेकर गुरु गोबिंद सिंह से उनका कनेक्शन है. उनके इसी दावे को लेकर लल्लनटॉप ने उनसे बात की. बातचीत के दौरान उन्होंने अपने दावों का कनेक्शन सतयुग ओर गुरु गोबिंद सिंह के ग्रंथ दशम ग्रंथ से जुड़ा बताते हैं. साथ ही उनका कहना है कि वो सिंगर बनने से पहले हठ योगी थे. जहां उन्होंने कई साल तक साधना की. जिसके बाद वो सातों चिरंजीवियों को खोजने के लिए निकल गए.

ये सब दावे करने वाले सिंगर हैं तोची रैना. तोची रैना ने  कबीरा, गल मिट्ठी मिट्ठी बोल, साइबो, गुड़ नाल इश्क मिठा, दो दिन का ये मेला, इकतारा जैसे सुपर हिट गाने दिए हैं. साल 2003 में उन्होंने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत की थी. शुरुआती दौर में उन्होंने बतौर कंपोजर काम करना शुरू किया था. लेकिन बाद में वो सिंगिंग में आ गए. आज जानेंगे हम तोची रैना के बारे में, लेकिन उससे पहले जान लेते हैं कि उन्होंने लल्लनटॉप से बातचीत के दौरान अपने कल्कि अवतार होने के दावों पर क्या बताया?

क्या बोले तोची रैना?

तोची रैना अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर 432000 नंबर का कई बार जिक्र करते हैं. इसे लेकर उन्होंने लल्लनटॉप को बताया,

“कई बड़े शास्त्री लोग 432000 नंबर के बारे में अक्सर बात करते हैं. इसे लेकर मैं आपको सतयुग में लेकर तो नहीं जाऊंगा, लेकिन मैं आपसे 324 साल पहले गुरु गोबिंद सिंह के दशम ग्रंथ के बारे में बात करुंगा. इस नंबर के बारे में गुरु गोबिंद सिंह दशम ग्रंथ में लिख कर गए थे. वो ही नंबर मेरी आत्मा मुझे दिखाती थी.”

फिर नंबर पर बात करते हुए उन्होंने आगे बताया,

"मैं पढ़ा लिखा नहीं हूं. ना ही मैं कभी स्कूल गया हूं. सिंगर बनने से पहले मैं हठ योगी हुआ करता था. 13 साल की उम्र में मैं 100 रुपये लेकर घर से निकला था. जिसके बाद कई सालों तक मैंने तपस्या की."

इसके बाद उन्होंने श्री राम, गुरु गोबिंद सिंह और अपना कनेक्शन होने की बात कही. कहा,  

"22 तारीख को राम मंदिर का उद्घाटन हुआ था, मेरे घर का नंबर भी 22 ही है. और 22-12-1666 ही गुरु गोबिंद सिंह के जन्म की तरीख भी है."

बातचीत के दौरान उन्होंने खुद के कल्कि अवतार होने वाली बात को लेकर कहा,

“मैं हूं(कल्कि अवतार) तभी तो आपको ये सब बता रहा हूं. मैं आपको कृष्ण का इतिहास भी बता दूंगा. खुद भगवान ने मुझे 22-08-2020 को राम मंदिर के शिलान्यास वाले दिन तपोवन जाने के लिए कहा. फिर 17-02-2021 को सरस्वति ने मुझसे कहा था कि 'कल्कि' तू ‘संभाला’ चला जा.”

डिप्रेशन के मरीज थे?

इंडियन एक्सप्रेस की साल 13 मई 2009 की रिपोर्ट के मुताबिक फिल्म 'देव डी' में एक गाना था 'ओ परदेसी'. इसे तोची रैना ने ही गाया था. लेकिन उस वक्त कुछ वेबसाइटों ने गलती से सिंगर के नाम में तोची रैना की जगह ‘तोची सबरी’ का नाम डाल दिया था. तोची रैना को उनके एक दोस्त ने इस बारे में जानकारी दी थी. तोची रैना ने इसे लेकर बताया,

'दोस्त के बताने के बाद मैंने वेबसाइट चेक की तो हैरान रह गया. कई वेबसाइटों में मेरा नाम गलत था. तो एक बड़ी वेबसाइट ने मेरे नाम की जगह तोची शबरी का नाम लिखा हुआ था. ये मेरा क्रेडिट छीनने का बहुत ही बुरा तरीका था. सालों की मेहनत के बाद मेरे साथ ये सब हुआ.'

हालांकि इसके बाद उन्हें डिप्रेशन के चलते मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके कजिन भाई और मैनेजर रहे विराज जायसवाल ने बताया कि इस घटना के बाद उन्होंने वेबसाइट को मानसिक उत्पीड़न करने के लिए  2 करोड़ रुपए का नोटिस भेजा था. उनका कहना था कि ये सब पता चलने के बाद से रैना सही से सो नहीं पाए थे. जिसके बाद उनमें डिप्रेशन के सिम्पटम आए थे. और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा था. 

कैसे शुरू हुआ सफर?

टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत के दौरान तोची बताते हैं कि वो साल 1993 में पहली बार मुंबई आए थे. यहां वो अपने गुरु उस्ताद भूरे खां से गायिकी के गुण सीखने के बाद अपने शहर पटियाला वापस चले गए. जिसके बाद फिर साल 2003 में उन्होंने मुंबई आने का मन बनाया. और आ गए. उन्होंने बताया पांच साल उन्होंने बड़े नामों के साथ दोस्ती बढ़ाने में लगाए. इन बड़े नामों में उन्होंने देवानंद, सुनील दत्त, प्राण और महमूद का नाम लिया. उन्होंने बताया कि इनसे मिलने के बाद उन्होंने जल्दी नहीं की. उन्होंने पहले इंडस्ट्री को समझा और फिर आगे बढ़े.

परिवार का म्यूजिक कनेक्शन

तोची की दादी एक सितार वादक थीं. तो उनके पिता सुरजीत सिंह हारमोनियम वादक थे. उनके चाचा रतन सिंह मुंबई में जाने माने वायलिनिस्ट थे. उनका छोटा भाई अरविंदर मलेशिया में म्यूजिक कंपोजर था. उन्होंने बताया कि इंडस्ट्री और गायकी में स्ट्रगल के चलते उनके परिवार में किसी ने उन्हें गायकी के लिए प्रेरित नहीं किया था.

ये भी पढ़ें: मुस्लिम साइबर आर्मी: कौन हैं ये लोग, जो सोशल मीडिया के रास्ते जिहाद फैला रहे हैं

प्रीतम, अमिताभ के अच्छे दोस्त!

इंटरव्यू के दौरान तोची बताया था कि उन्होंने प्रीतम के कहने पर ‘कबीरा’ गाना गाया था. उस वक्त तक बदतमीज दिल और घाघरा लॉन्च हो चुके थे. इन गानों ने उनकी फैन फॉलोइंग काफी बढ़ाई थी.. प्रीतम और मैं 1999 से दोस्त थे. उनका कहना है कि प्रीतम, अमिताभ भट्टाचार्य और वो बिल्कुल भाई जैसे हैं.

वीडियो: सेहत: Gallbladder Cancer क्यों होता है? इससे कैसे बचें?

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement