स्कैम 2003: द तेलगी स्टोरी - वेब सीरीज़ रिव्यू
'स्कैम 2003- द तेलगी स्टोरी' की सबसे बड़ी मुसीबत ये साबित होती है कि वो 'स्कैम 1992- द हर्षद मेहता स्टोरी' का सीक्वल है.

2020 में आई वेब सीरीज़ Scam 1992- The Harshad Mehta स्टोरी का दूसरा सीज़न आया है. इस सीज़न का नाम है Scam 2003- The Telgi Story. ये सीरीज़ Sanjay Singh की किताब Telgi Scam- Ek Reporter Ki Diary पर आधारित है. फिलहाल इस दूसरे सीज़न का वॉल्यूम 1 रिलीज़ किया गया है. इसमें कुल 5 एपिसोड्स हैं. कुछ समय के बाद बाकी बचे हुए 5 एपिसोड रिलीज़ किए जाएंगे. इसलिए अभी हम उन पांच एपिसोड्स के आधार पर ही इस सीरीज़ के बारे में बात करेंगे.
'स्कैम 2003' की सबसे बड़ी मुसीबत ये है कि वो 'स्कैम 1992' सीरीज़ का सीक्वल है. हर्षद मेहता के स्कैम की कहानी को लेकर हंसल मेहता का अप्रोच एकदम फ्रेश था. वैसा कुछ शायद इंडिया में कभी नहीं बना था. हमारे यहां बायोपिक बनाने के लिए उन लोगों को चुना जाता था, जिन्होंने अपने जीवन में कुछ कमाल किया है. कमाल शब्द को अधिकतर मामलों में पॉज़िटिव तरीके से ही इस्तेमाल किया जाता है. हर्षद मेहता अपनी कहानी का हीरो और देश का विलन था. उसके ऊपर बनी सीरीज़ में इन दोनों ही पहलूओं का ध्यान रखा गया था. मगर वो ओरिजिनल सीरीज़ थी. बड़े विस्तृत तरीके से बनाई गई थी. मनोरंजक थी. इसमें से आधी या उससे ज़्यादा चीज़ें आपको 'स्कैम 2003- द तेलगी स्टोरी' में भी मिलेंगी. मगर ‘स्कैम 1992’ की छाप इसके ऊपर से कभी नहीं धुलती. इसलिए सीरीज़ की मौलिकता को लेकर कई सवाल जेहन में उठते हैं.
'स्कैम 2003- द तेलगी स्टोरी' की कहानी अब्दुल करीम तेलगी नाम के फ्रॉड के बारे में है. जिसने फर्ज़ी सरकारी स्टैंप पेपर छापने शुरू कर दिए थे. बताया जाता है कि उसने 30 हज़ार करोड़ रुपए का घपला किया था. टिपिकल रैग्स टू रिचेज़ स्टोरी. ट्रेन में फल बेचने वाला आदमी, जो अचानक अरबपति बन जाता है. वो ऐसा कांड करता है कि पुलिस से लेकर सरकारें उसके पीछे पड़ जाती हैं. जबकि यही वो लोग हैं, जिन्होंने उसे इतना बड़ा क्रिमिनल बनने दिया. सीरीज़ में तेलगी का पहला डायलॉग है-
"पॉलिटिशियंस आर द बैकबोन ऑफ बिज़नेस."
तेलगी के बारे में कहा जाता है कि वो बड़ा वाकपटु इंसान था. उसे बातें बनानी आती थीं. अपनी इसी कला को उसने पैसा बनाने के लिए इस्तेमाल किया. मगर वो अमीर दिखने में विश्वास नहीं करता था. उसे इतना बड़ा कांड करने और बेइंतहा पैसे कमाने के बावजूद अमूमन साधारण कपड़ों में ही देखा जाता था. मटीरियलिस्टिक आदमी नहीं था. बाल-बच्चेदार, परिवार वाला आदमी था. ये सीरीज़ उसे वैसे ही चित्रित करती है. मगर तमाम कोशिशों और वन-लाइनर्स के बावजूद एंटरटेनिंग नहीं बन पाती. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि फर्ज़ी स्टैंप पेपर छापना, बहुत आकर्षक या मज़ेदार काम नहीं है. हालांकि सीरीज़ उस बारे में बड़ी डिटेल में बात करती है. स्टैंप पेपर क्यों ज़रूरी होता है? उसका क्या काम होता है? उसे कैसे और कहां छापा जाता है? तेलगी ने उससे इतने सारे पैसे कैसे कमा लिए? इन सब सवालों के जवाब सीरीज़ कायदे से देती है. हालांकि इस सीरीज़ को देखकर लगता है कि तेलगी बहुत फन पर्सनैलिटी नहीं था.
'स्कैम 1992' इसलिए ज़्यादा देखी और पसंद की गई क्योंकि हर्षद मेहता को देखने में पब्लिक को मज़ा आया. वो शौकीन आदमी था. उसकी जीवनशैली बड़ी फ्लैशी थी. उसे पैसे से ज़्यादा कनेक्शन बनाने थे. डायलॉगबाज़ी करता था. भले वो पिक्चर का विलन था, मगर उसमें हीरो वाले सारे गुण थे. पब्लिक कनेक्ट करती थी उससे. अब्दुल करीम तेलगी उससे ज़्यादा रिटेलेबल आदमी है. वो ऐसा आदमी था, जिसे आप भीड़ में देखकर नोटिस भी नहीं करेंगे. उसने अपने इसी आम आदमीपन को इस्तेमाल किया. वो खुद को चूहा बोलता था. क्योंकि उसे शेर बनना ही नहीं था. क्योंकि शेर का शिकार किया जा सकता है, चूहे का नहीं. हर पैसे बनाने वाले या क्राइम करने वाले इंसान की पर्सनैलिटी मैग्नेटिक हो, ये ज़रूरी नहीं है. इसलिए सीरीज़ शुरु तो फुल स्पीड में होती है. मगर दूसरे और तीसरे एपिसोड तक पहुंचते-पहुंचते थकने लगती है. चौथे-पांचवें एपिसोड में वो अपनी रफ्तार वापस हासिल करने की कोशिश करती है. मगर वो दो एपिसोड्स इतने भारी पड़ जाते हैं कि आपका आगे की कहानी से जुड़ाव कमज़ोर हो जाता है.
'स्कैम 2003' तेलगी के आसपास की दुनिया को बड़े करीब से देखती है. मगर वो तेलगी के दिमाग में नहीं घुसती. उसका जो मक़सद है, वो क्यों है? ये सारी बातें बहुत साफ नहीं हो पातीं. ये ठीक बात है कि वो एक गरीब फैमिली से आता था. उसे कभी भरपेट खाने को नहीं मिला, इसलिए वो पैसों का भूखा रहा. मगर 'स्कैम 2003' बड़े कन्विनिएंट तरीके से उसकी कहानी को बताती जाती है. सीरीज़ में कई सीन्स हैं, जिन्हें देखकर आपको लगता है कि ये ओवर हो गया. एक सीन है, जिसमें तेलगी पुलिस रिकॉर्ड से अपना नाम साफ करवाने के लिए एक वकील से मिलता है. मगर वो वकील की फीस में 50 परसेंट का डिस्काउंट ले लेता है. साथ ही अपने काम के लिए उस वकील से ही पुलिस को घूस भी दिलवा देता है. वो डेढ़ शाना आदमी है, इन सीन्स की मदद से सीरीज़ ये साबित करना चाहती है. मगर उस पर यकीन नहीं होता. एक और सीन है, जिसमें तेलगी नोटों का गुलदस्ता बनाकर एक नेता के पास जाता है. उसे भरी महफिल में वो गुलदस्ता भेंट करता है. वहीं उससे बातचीत करके अपनी सेटिंग कर लेता है. ये अगर तेलगी ने किया भी हो, तो पब्लिक नहीं मानेगी. क्योंकि उस सीन के लिए पहले कोई ज़मीन ही नहीं तैयार की गई.
अब्दुल करीम तेलगी का रोल गगन देव रियार ने किया है. कमाल की परफॉरमेंस है. गगन ने तेलगी के कैरेक्टर को जज़्ब कर लिया है. उसका कॉन्फिडेंस, बोलचाल के तरीके से लेकर उसका बॉडीटाइप, सभी मामलों में वो उस किरदार के बहुत करीब लगते हैं. मगर हमें कभी ये पता नहीं चल पाता कि वो आदमी सोच क्या रहा है. गगन देव रियार की तुलना प्रतीक गांधी से बार-बार की जाएगी. प्रतीक वाला चार्म या फ्लैम्बॉयंस गगन में नहीं है. शायद इसलिए क्योंकि वो उस किरदार की ज़रूरत नहीं थी. मगर प्रतीक ने जिस तरह से हर्षद मेहता का किरदार निभाया, उसमें राइटिंग का बड़ा योगदान था. वहां 'स्कैम 2003' गच्चा खा जाती है.
इस सीरीज़ के अन्य किरदार चाहे वो कितने भी ज़रूरी हों, उन्हें सिर्फ फिलर के तौर पर यूज़ किया गया है. किसी की अपनी कोई बैकस्टोरी नहीं है. 'स्कैम 2003' के पांचवें एपिसोड को एक क्लिफहैंगर के साथ खत्म किया गया है. मगर एक तो वो बहुत प्रेडिक्टेबल है. सबको पता है कि वो इतनी बड़ी समस्या नहीं है, जिसे अब्दुल करीम तेलगी हैंडल न कर सके. दूसरी चीज़ ये कि पांचवें एपिसोड का उस क्लिफहैंगर पर खत्म होना, इस बात का सूचक है कि अगले पांच एपिसोड्स में क्या देखने को मिलने वाला है. बेसिकली मेकर्स ने इस सीरीज़ को राइज़ एंड फॉल यानी उत्थान और पतन में तोड़ दिया है. शुरुआती पांच एपिसोड्स में हमने अब्दुल करीम तेलगी को गरीबी से अमीरी के शिखर तक पहुंचते हुए देखा. अगले पांच एपिसोड्स में ये हमें ये देखने को मिलेगा कि वो उस ऊंचाई से नीचे कैसे गिरा. उसे पुलिस ने कैसे पकड़ा और उसकी डेथ कैसे हुई.
'स्कैम 2003- द तेलगी स्टोरी' एक ठीक-ठाक टाइप सीरीज़ है. जिसे अब्दुल करीम तेलगी के झोल-झाल को करीब से देखने और समझने के लिए देखा जा सकता है. इसे इसलिए भी देखा जा सकता है क्योंकि ये 'स्कैम 1992- द हर्षद मेहता स्टोरी' का सीक्वल है. मगर स्टैंड अलोन कहानी के तौर पर ये सीरीज़ बहुत प्रभावित नहीं करती.
'2003 स्कैम- द तेलगी स्टोरी' के शुरुआती पांच एपिसोड्स सोनी लिव पर स्ट्रीम किए जा सकते हैं.
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