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'सबकुछ फिल्मी था, लगा मर जाऊंगा, इसलिए तैमूर को साथ लिया', हमले का पूरा किस्सा सैफ ने सुनाया

हमले के बाद Saif Ali Khan ने पहली बार इंटरव्यू दिया है. उन्होंने बताया कि हमले के वक्त Kareena Kapoor कहां थी, उन्हें हॉस्पिटल कौन लेकर गया था.

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सैफ ने बताया कि तैमूर को क्यों लगता है कि हमलावर को माफ कर देना चाहिए.
10 फ़रवरी 2025 (Updated: 10 फ़रवरी 2025, 02:29 PM IST)
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सैफ अली खान (Saif Ali Khan) पर हुए हमले के बाद उन्होंने पहली बार मीडिया (Saif Ali Khan On Attack) से बात की है. उनका पहला इंटरव्यू  सामने आया है. उन्होंने बताया कि उस रात आखिर हुआ क्या था, Kareena Kapoor कहां थीं, Taimur और Jeh कहां थे. वो किस तरह हॉस्पिटल पहुंचे थे.

टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में सैफ ने बताया, 

करीना डिनर के लिए बाहर गई हुई थीं और मुझे सुबह कुछ काम था, इसलिए मैं घर पर रुक गया. वो वापस आईं. हम लोगों ने कुछ बात की और फिर सोने चले गए. थोड़ी देर बाद मेरी हाउसहेल्प दौड़ती हुई आई और बताया कि घर में कोई घुस गया है. उसने कहा कि जेह के कमरे में आदमी है और वो पैसों की मांग कर रहा है. उस वक्त रात के करीब दो बजे थे.

मेरा दिमाग घूम गया. मैं कमरे में पहुंचा और देखा कि एक आदमी खड़ा है. मुझे लगा कि उसके दोनों हाथों में डंडे थे. लेकिन वो हेक्सा ब्लेड था. उसके चेहरे पर मास्क था और दोनों हाथों में चाकू थे. ये भयावह सीन था. पता नहीं मुझे उस वक्त क्या हुआ पर मैं उसे जाकर पकड़ लिया. हम दोनों लड़ रहे थे. वो मेरी पीठ पर हमला किए जा रहा था.

सैफ बताते हैं कि उन्हें उस समय इस बात का एहसास नहीं हुआ कि उन पर चाकू से हमला हो रहा है. आगे बताया,

वो मेरी गर्दन पर हमला कर रहा था और मैं उसे हाथों से रोकने की कोशिश कर रहा था. मेरे हाथ चोटिल हो गए. मैं उससे लड़ रहा था लेकिन कुछ देर बाद मैं उसे संभाल नहीं पा रहा था क्योंकि वो दोनों चाकुओं से हमला कर रहा था. दूसरी ओर मैं निहत्था था. मैं बस ये दुआ कर रहा था कि कोई बस उसे मुझसे दूर कर दे. तभी हमारी हाउसहेल्प गीता ने उसे खींचकर मुझसे अलग कर दिया. हम दोनों गिरे और दरवाज़ा बंद कर दिया. इस पॉइंट पर मैं खून से सना था और मुझे अपना दायां पांव महसूस नहीं हो रहा था. ऐसा इसलिए था क्योंकि मेरी स्पाइन पर चोट आई थी. लेकिन ये बात मुझे तब समझ नहीं आई. तब लगा कि मुझे पांव में चाकू मार दिया गया है. मैं ऊपर गया ताकि उस शख्स से लड़ने के लिए कुछ ढूंढ सकूं. दूसरी ओर करीना ने जेह को कमरे से निकाला और तैमूर के कमरे में पहुंच गईं.

मुझे याद है कि लड़ाई के दौरान करीना कह रही थीं, "बच्चे को बाहर निकालो".

ऐसे भागा था हमलावर

सैफ ने बताया कि हाउसहेल्प गीता ने बाहर से दरवाज़ा बंद कर रखा था, इसलिए उन लोगों को लगा कि हमलावर अंदर बंद है. लेकिन वो जिस रास्ते से आया था, उसी तरह से भाग भी गया. वो बच्चों के बाथरूम में ड्रेनपाइप के ज़रिए आया था. सैफ ने आगे कहा, 

मुझे नहीं लगता कि हमलावर को पता था कि वो कहां है. हम सभी नीचे उतरे. ये बिल्कुल फिल्मी सीन था. मैं खून से लथपथ था और हमने दीवार पर से दो तलवारें उतारी. तैमूर ने यही देखा - मैं खून से लथपथ था और हाउसहेल्प हरि दोनों तलवारों को थामे खड़ा था. हमने कहा कि चलो उसे पकड़ते हैं. और करीना ने कहा कि बाहर चलो, तुम्हें हॉस्पिटल लेकर जाने की ज़रूरत है. एक से ज़्यादा हमलावर भी हो सकते हैं और हमें जेह को बाहर निकालने की ज़रूरत है. हम बाहर आए.

करीना रिक्शा या कैब के लिए आवाज़ दे रही थीं. मैंने कहा कि मुझे दर्द महसूस हो रहा है. मेरी पीठ में कोई गड़बड़ है. करीना ने कहा - 'तुम हॉस्पिटल जाओ और मैं अपनी बहन के घर जाती हूं'. करीना लगातार फोन कर रही थीं पर कोई नहीं उठा रहा था. हम दोनों ने एक-दूसरे की तरफ देखा और मैंने कहा कि मैं ठीक हूं, मैं मरने नहीं वाला.

तैमूर ने भी मुझसे पूछा कि क्या आप मरने वाले हो. मैंने जवाब दिया, 'नहीं'.        

रिक्शा वाले ने हॉस्पिटल कैसे पहुंचाया?

सैफ याद करते हैं कि तैमूर पूरी तरह से नियंत्रण में थे. उन्होंने सैफ से कहा कि वो उन्हें हॉस्पिटल लेकर चलेंगे.सैफ ने आगे कहा,

मेरी पत्नी ने तैमूर को इसलिए मेरे साथ भेजा क्योंकि वो जानती थीं कि वो मेरे लिए क्या कर सकता है. उस समय शायद वो सबसे सही चीज़ ना हो लेकिन मुझे अच्छा महसूस हुआ. और मैंने सोचा कि अगर कुछ गलत हो भी गया तो मैं चाहूंगा कि तैमूर मेरे साथ रहे. तो मैं, तैमूर और हरि एक रिक्शा में हॉस्पिटल गए.

रिक्शा वाले ने खून देखा और वो समझ गया  कि सब कुछ सही नहीं है. उसने देखा कि हम शरीफ लोग हैं. पता नहीं उन्हें ऐसा क्यों लगा. लेकिन वो कमाल के थे - उन्होंने शॉर्टकट लिया और हमें लीलावती हॉस्पिटल पहुंचा दिया.

हॉस्पिटल पहुंचने पर डॉक्टरों को एहसास हुआ कि मामला बहुत गंभीर है. सैफ के शोल्डर ब्लेड के पीछे तीन से चार इंच चाकू का हिस्सा घुस गया था. स्पाइनल फ्लूइड लीक होने लगा था. उस वजह से सैफ अपने पांव को महसूस नहीं कर पा रहे थे. उन्होंने अपनी सर्जरी के बारे में बताया, 

ये एक मेजर सर्जरी थी और डॉक्टरों ने बहुत बेहतरीन काम किया. उन्हें छह घंटे लगे. स्पाइन पर काम करने के लिए ढाई घंटे लग गए. पांच घंटों तक मुझ पर अनेस्थेसिया का असर रहा.   

सैफ ने बातचीत के अंत में कहा कि तैमूर को लगता है कि हमलावर को माफ कर देना चाहिए. उनका कहना है कि वो भूखा था. हालांकि सैफ कहते हैं कि वो भी हमलावर को माफ कर देते. उन्हें उसके लिए बुरा भी लगता है. फिर याद आता है कि उस शख्स ने उन्हें जान से मारने की कोशिश की थी. उस वजह से वो हमलावर के लिए बुरा महसूस नहीं करते. बता दें कि सैफ को पांच दिनों के बाद हॉस्पिटल से डिसचार्ज कर दिया गया था उसके बाद से ही वो रिकवर कर रहे हैं.  

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