The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Entertainment
  • 20 Things about Akshaye Khanna you need to know: Kareena had huge crush on him, In Dil Chahta Hai he was doing the role of funny Akash Malhotra not Aamir Khan

अक्षय खन्ना की ये 20 बातें पता हैं क्या? जैसे, करीना कपूर को उन पर बड़ा वाला क्रश था!

आमिर ख़ान के वो कौन से फेमस रोल हैं जो पहले अक्षय खन्ना करने वाले थे?

Advertisement
Img The Lallantop
फोटो - thelallantop
pic
गजेंद्र
28 मार्च 2021 (Updated: 30 मार्च 2021, 02:12 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

वे शाहरुख, आमिर के बाद और ऋतिक रोशन, अभिषेक बच्चन से पहले की पीढ़ी के अभिनेता हैं. 1997 में हिंदी फिल्मों में लॉन्च हुए. विनोद खन्ना के बेटे थे तो उन्हें इग्नोर करना संभव नहीं था लेकिन फिर भी उनकी डेब्यू फिल्म नहीं चली. हालांकि आज उस फिल्म को फिर देखा जा सकता है. मनोरंजक है. 20 साल के करियर में अक्षय खन्ना ने पर्याप्त से कम फिल्में की हैं. बीच में गैप लेते रहे. 'बॉर्डर', 'दिल चाहता है', 'डोली सजा के रखना', 'ताल', 'गांधी माई फादर', 'हमराज़', 'दीवानगी', 'गली-गली चोर है', 'आ अब लौट चलें' और 'हलचल' - अलग-अलग दर्शक वर्ग को काफी पसंद हैं. इनके अलावा उनकी एक दर्जन के करीब फिल्में ऐसी रही हैं जो डब्बाबंद हो गईं.

28 मार्च 1975 को जन्मे अक्षय इस हफ्ते 46 साल के हो गए हैं.

बर्थडे वीक में उन्हें याद कर रहे हैं ऐसी 20 बातों से जो कम ही ज्ञात है. क्योंकि उनके बारे में ज्यादा जानकारी मिलती नहीं है. ये बातें हमें उनके अंदर झांकने भी देंगी, ये उनकी फिल्मों से जुड़ा ट्रिविया भी है और इन्हें पढ़ते हुए कई दर्शक नॉस्टेलजिक भी होंगे.

#1: उनकी डेब्यू फिल्म थी 'हिमालय पुत्र' जो 1997 में रिलीज हुई थी. उसके बाद जे.पी. दत्ता की 'बॉर्डर' आई. हालांकि इन दोनों फिल्मों की शूटिंग उन्होंने साथ-साथ की थी. इस लिहाज से 'बॉर्डर' भी उनकी पहली फिल्म ही थी. वे 22 साल के थे जब ये फिल्में रिलीज हुईं.


अक्षय अपनी डेब्यू फिल्म 'हिमालय पुत्र' के पोस्टर में और एक फोटोशूट में ममता कुलकर्णी के साथ. दूसरी ओर अपनी डेब्यू फिल्म 'प्रेम अगन' के पोस्टर में फरदीन खान.
अक्षय अपनी डेब्यू फिल्म 'हिमालय पुत्र' के पोस्टर में और एक फोटोशूट में ममता कुलकर्णी के साथ. दूसरी ओर अपनी डेब्यू फिल्म 'प्रेम अगन' के पोस्टर में फरदीन खान.

#2: उनकी पहली फिल्म वैसे 1995 में प्लान हुई 'प्रेम अगन' होनी थी. फिरोज़ ख़ान ने इस फिल्म के लिए अक्षय और ममता कुलकर्णी को साइन किया था. लेकिन वो फिल्म बाद में रुक गई. फिरोज़ अपना अगला प्रोजेक्ट 'जांनशीं' बनाने लगे. उसमें भी वे अक्षय और ममता को ही रख रहे थे. लेकिन उसी दौरान उनके बेटे फरदीन ने तय किया कि वे एक्टर बनेंगे. ऐसे में फिरोज़ को रुकना पड़ा. उन्होंने 'जांनशीं' को होल्ड किया और 1996 में 'प्रेम अगन' की तैयारियों में लगे. ये फिल्म 1998 में लगी जिसमें फरदीन ने मेघना कोठारी के साथ डेब्यू किया. कुछ साल बाद 'जांनशीं' भी फिरोज़ ने अक्षय को लेकर नहीं फरदीन को लेकर ही बनाई.

#3: 1982 में जब अक्षय 7 साल के थे और उनके भाई राहुल 10 के, तब पिता विनोद खन्ना ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. दोनों बच्चे पिता का हाथ थामे उसमें मौजूद थे. वहां विनोद खन्ना ने जो घोषणा की उसने अक्षय के जीवन पर असर डाला. विनोद ने कहा कि वे फिल्मों से संन्यास ले रहे हैं. उसके बाद उन्होंने अपना परिवार छोड़ दिया और अमेरिका में ओशो के ओरेगॉन में बने आश्रम चले गए थे. 1985 में अक्षय की मां गीतांजलि और विनोद की शादी टूट गई.


नन्हे अक्षय (दाएं), राहुल और पिता विनोद खन्ना समुद्र तट पर खेलते हुए. (फोेटोः राहुल खन्ना/ट्विटर)
नन्हे अक्षय (दाएं), राहुल और पिता विनोद खन्ना समुद्र तट पर खेलते हुए. (फोेटोः राहुल खन्ना/ट्विटर)

#4: वर्ष 2009 में अक्षय खन्ना से एक इंटरव्यू में पूछा गया कि हाल के टाइम की कौन सी ऐसी फिल्म है जो इतनी अच्छी थी कि उसे देखकर आपको लगा - 'काश मैं इस फिल्म में होता'? इस पर अक्षय ने कहा कि आमिर ख़ान की 'तारे ज़मीं पर' को देखकर उन्हें ऐसा लगा. उन्हें वो फिल्म जबरदस्त लगी. बताया जाता है कि अमोल गुप्ते ने जब 'तारे ज़मीं पर' लिखी थी तो टीचर राम शंकर निकुंभ के रोल में वो अक्षय खन्ना को ही लेना चाहते थे.

#5: करीना कपूर जब टीनएजर थीं तब उनका अक्षय पर बड़ा क्रश था. वे उन्हें देखकर ब्लश करने लगती थीं. इसके बारे में करीना ने ख़ुद बताया था, "क्योंकि मेरे और लोलो (करिश्मा) के बीच छह साल का फर्क है इसलिए जब उसने फिल्में करनी शुरू कर दीं तब मैं बच्ची ही थी और उसके साथ फिल्मों के सेट पर जाती थी. उस समय का हर मेल स्टार फिल्म में लोलो के साथ रोमांस किया करता था. हम लोग सेट पर अपने फेवरेट स्टार्स को आप-पास देखकर पूरी तरह पागल हो जाते थे. मेरा उस समय अक्षय खन्ना पर बहुत बड़ा वाला क्रश था. जब भी वो करीब होते थे तो मैं सिर से लेकर एड़ी तक ब्लश करने लगती थी." फिल्मों में आने के कई साल बाद उन्होंने अक्षय के साथ 'हलचल' (2004) और '36 चाइना टाउन' (2006) में काम किया.


करीना ने बाद में जाकर प्रियदर्शन की 'हलचल' (2004) और अब्बास मुस्तान के डायरेक्शन वाली '36 चाइना टाउन' (2006) में अक्षय खन्ना के साथ काम किया.
करीना ने बाद में जाकर प्रियदर्शन की 'हलचल' (2004) और अब्बास मुस्तान के डायरेक्शन वाली '36 चाइना टाउन' (2006) में अक्षय खन्ना के साथ काम किया.

#6: अक्षय ने करियर में काफी कम फिल्में की हैं. बीच में कई वर्षों के गैप लेते रहे हैं. वे महत्वाकांक्षी नहीं हैं. उसके पीछे उनकी जो फिलॉसफी और सोच है वो बहुत दुर्लभ है. ज्यादा फिल्में नहीं करने को लेकर उनका कहना है कि आज के टाइम में एक बुरी फिल्म करने से अच्छा है घर पर बैठना. इस बारे में उन्होंने 2010 में कहा था, "मैं अपने करियर से बहुत संतुष्ट हूं. मैंने अपना पहला शॉट दिया उसे 16 बरस हो चुके हैं. ये बहुत लंबा समय होता है. 100 करोड़ की इस आबादी में बहुत कम ही होते हैं जिन्हें फिल्मों में काम करने का मौका मिलता है. मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानता हूं. एक एक्टर के तौर पर सरवाइव करना आसान नहीं है. इसलिए मैं बहुत खुश हूं."

#7: अक्षय ने 2001 में रिलीज हुई फिल्म 'दिल चाहता है' में सिद्धार्थ का रोल किया था जिसे आमिर और सैफ के किरदार सिड बुलाते थे. सिड को अक्षय के सबसे यादगार किरदार के रूप में देखा जाता है. फिल्म में सिड बहुत सीरियस और चुप-चुप रहने वाला कैरेक्टर है. लेकिन पहले अक्षय को इस रोल में नहीं, बल्कि बहुत मजाक करने वाले आकाश के रोल में लिया गया था. फरहान के दस महीने मनाने के बाद जब आमिर प्रोजेक्ट करने को राज़ी हुए तब आकाश का किरदार उन्हें दिया गया और अक्षय ने सिड का रोल किया.


"दिल चाहता है" को देखने के बाद सिड के रोल में आमिर और आकाश के रोल में अक्षय की कल्पना नहीं की जा सकती. हालांकि पहले उल्टा होने वाला था.
"दिल चाहता है" को देखने के बाद सिड के रोल में आमिर और आकाश के रोल में अक्षय की कल्पना नहीं की जा सकती. हालांकि पहले उल्टा होने वाला था.

#8: ऐसा सोचने में आता है कि 'दिल चाहता है' में फरहान ने अक्षय को डायरेक्ट किया जो लोगों को बहुत पसंद आया, ऐसे में उन्होंने फिर साथ में कोई फिल्म क्यों नहीं की? लेकिन ऐसा नहीं है. ज्यादातर लोगों को नहीं पता कि अक्षय ने फरहान के डायरेक्शन वाली एक और फिल्म - 'वॉयस फ्रॉम द स्काय' (2008) में काम किया था. ये फिल्म शुरू हुई लेकिन किन्हीं कारणों से बंद हो गई. अक्षय स्टारर ये फिल्म एक पीरियड ड्रामा थी जो 1905 के कलकत्ता में स्थित थी. बताया जाता है कि ये उस दौर की कहानी कहती थी जब लोग टेलीफोन का नया-नया यूज़ करने लगे थे.

#9: अक्षय ने 1997 में आई डायरेक्टर जे. पी. दत्ता की फिल्म 'बॉर्डर' में लेफ्टिनेंट धर्मवीर का रोल किया था जो उनके सबसे यादगार रोल्स में से एक है. जब उनकी डेब्यू फिल्म 'हिमालय पुत्र' नहीं चली तब उसी साल आई 'बॉर्डर' ही थी जिसने उन्हें लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय कर दिया था. असल में वो इस किरदार के लिए पहली पसंद थे ही नहीं. ये रोल पहले सलमान खान को गया था. आमिर, अक्षय कुमार, सैफ, अजय देवगन को भी. सलमान ने ये रोल नहीं किया क्योंकि वो तैयार नहीं थे. वहीं आमिर डायरेक्टर इंद्र कुमार की फिल्म 'इश्क' कर रहे थे. अजय देवगन कथित तौर पर ऐसी मल्टीस्टारर नहीं करना चाहते थे, हालांकि बाद में उन्होंने जे. पी. दत्ता की मल्टीस्टारर वॉर मूवी 'एलओसी: कारगिल' (2003) की. अंत में अक्षय खन्ना ने ये रोल किया. उनकी वजह से इस किरदार में विशेष ताज़गी दिखी. अगर स्थापित एक्टर इसमें लिया जाता तो 'बॉर्डर' उतनी बेहतरीन नहीं बन पाती.

#10: उन्होंने शाहरुख खान के साथ कभी भी काम नहीं किया है. दोनों साथ में भी नजर नहीं आते हैं लेकिन शाहरुख उनके काम के प्रशंसक है. नवंबर 2017 में अक्षय खन्ना की सिद्धार्थ मल्होत्रा और सोनाक्षी सिन्हा के साथ फिल्म 'इत्तेफाक' रिलीज हुई तो शाहरुख ने कहा था - "मैं अक्षय और उनकी अभिनय क्षमताओं का हमेशा से बहुत प्रेमी रहा हूं. मैं उनके काम का बड़ा फैन हूं. उनके बारे में एक विचित्र सा रहस्य है जो उनकी एक्टिंग में प्रतिबिंबित होता है. वो बहुत कम करते हैं लेकिन बिना किसी एफर्ट के ढेर सारे इमोशन दे जाते हैं. दर्शक के तौर पर उनके किरदार की जर्नी ऐसी होती है जिसके बारे में आप हमेशा अटकलें लगाते रहते हो."

#11: अक्षय को स्पाय थ्रिलर्स बहुत पसंद हैं. जेम्स बॉन्ड, बोर्न सीरीज और होमलैंड जैसी टीवी सीरीज उन्हें बहुत पसंद है.

#12: एक्टिंग में आने की अक्षय खन्ना की वजह क्या थी, इसके बारे में एक समय में उन्होंने बहुत सच्चा जवाब दिया था. उन्होंने कहा कि एक्टर इसलिए बने क्योंकि उनके पिता एक्टर थे. बॉलीवुड में उनका जल्दी ही प्रवेश करवा दिया गया. तब वे 19 साल के थे. फिर उनके पिता ने 'हिमालय पुत्र' से उनको लॉन्च किया. अक्षय के पास ज्यादा विकल्प नहीं थे. वे पढ़ाई में कभी अच्छे नहीं रहे थे. औसत से कमतर स्टूडेंट थे. करियर बनाने के लिए उनको किसी चीज़ में दिलचस्पी नहीं थी. उनके मुताबिक एक्टिंग ही अकेली चीज थी जो वो करना जानते थे और उनको पता था उसे करते हुए वे खुश रहेंगे.

#13: अक्षय और उनके भाई राहुल खन्ना को देखकर लगता है कि अक्षय उम्रदराज हैं, राहुल छोटे हैं. दूसरा ये कि अक्षय एक्टिंग में पहले आए और वे ज्यादा पॉपुलर हैं. लेकिन हकीकत ये है कि अक्षय खन्ना छोटे हैं और राहुल उनसे करीब तीन साल बड़े. ये भी कि अक्षय अपने भाई से बहुत प्रभावित रहे हैं. वे उनकी नकल किया करते थे. एक्टिंग भी राहुल ने अक्षय से काफी पहले शुरू कर दी थी. अक्षय ने उसके बाद इस बारे में सोचा.

#14: 1997 में आई प्रोड्यूसर पहलाज निहलानी की फिल्म 'भाई-भाई' के एक गाने "तेरा नाम लूंगा हल्लू हल्लू" में अक्षय खन्ना ने डांस किया था. लेकिन उन्हें फिल्म के शुरू या आखिर में कोई क्रेडिट नहीं दिया गया. ये और है कि फिल्म में बड़े उत्साह से जिन नए एक्टर्स को लॉन्च किया गया था, वो बाद में नहीं चले और अक्षय बड़े सितारे बन गए.

#15: दीपा मेहता की फिल्म '1947: अर्थ' में राहुल खन्ना, नंदिता दास और आमिर खान ने काम किया था. इसमें आमिर ने आइसक्रीम बेचने वाले दिलनवाज़ के जिस किरदार को निभाया था वो पहले अक्षय खन्ना को दिया गया था.

#16: डायरेक्टर धर्मेश दर्शन की 2006 में आई रोमैंटिक कॉमेडी 'आप की ख़ातिर' के एक गाने में अक्षय का नाम प्लेबैक सिंगर के तौर पर आता है. उन्होंने 'आप की ख़ातिर' का अनप्लग्ड वर्जन गाया था. म्यूजिक हिमेश रेशमिया का था.

#17: 'दिल चाहता है' पहली फिल्म नहीं थी जिसमें फरहान और अक्षय खन्ना ने साथ काम किया. अक्षय की पहली फिल्म 'हिमालय पुत्र' में फरहान ने डायरेक्टर पंकज पराशर को असिस्ट किया था.

#18: पहले अक्षय मीडिया से खूब दूरी बनाकर रहते थे. लंबे वक्त तक ऐसे रहा. उनके शुरुआती दौर के कोई इंटरव्यू नहीं देखने को मिलते हैं. लेकिन कुछ अरसा पहले उनकी सोच बदली. अक्षय ने इसे लेकर व्यक्त किया, "बहुत लंबे वक्त तक मैं समझता था कि ये सारे जर्नलिस्ट मेरी आलोचना करने के लिए हैं, मुझे नीचे गिराने के लिए हैं और मुझे बुरे आदमी के तौर पर दिखाने के लिए हैं. इसीलिए मैं उन्हें टालता रहा और मैंने एक दूरी बनाए रखी. (बहुत बाद में) मैं बैठा और मैंने विश्लेषण किया कि एक आर्ट फॉर्म को प्रमोट करने में मीडिया का रोल क्या है. अब मैं समझा हूं कि आप लोग तो यहां पर मेरे साथी की तरह ही हो, मेरी फिल्म प्रमोट करने के लिए हो ताकि वो ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सके. मुझे लगता है कि समय, उम्र और अनुभव के साथ मैं चीजों को बेहतरी से समझने लगा हूं. मीडिया और प्रेस से डरे रहना मेरी ओर से गलत कदम था. अब मैं जर्नलिस्ट लोगों से बात करते हुए सहज हूं. यहां तक कि हमारी जिंदगियों में मीडिया की भागीदारी बदल चुकी है. सिनेमा के बिजनेस में उनकी अहम भूमिका है ये मैं समझ गया हूं."


अपने पिता विनोद खन्ना के साथ करियर के एक शुरुआती कवर पेज पर अक्षय. साथ है उनके बचपन की एक फोटो जिसमें पूरा परिवार साथ हैं और दूसरी फोटो जिसमें राहुल खन्ना अपने पिता के साथ हैं.
अपने पिता विनोद खन्ना के साथ करियर के एक शुरुआती कवर पेज पर अक्षय. साथ है उनके बचपन की एक फोटो जिसमें पूरा परिवार साथ हैं और दूसरी फोटो जिसमें राहुल खन्ना अपने पिता के साथ हैं.

#19: अपने पिता विनोद खन्ना की मृत्यु के बाद जब उनसे पूछा गया कि उनकी विरासत के बारे में आप क्या कहना चाहेंगे. तो इस पर अक्षय ने कहा था, "दो बातें - एक तो जो प्यार उन्होंने मुझे दिया. दूसरा कि वो लोगों को लेकर कितने नॉन-जजमेंटल थे. उन्होंने कभी किसी के बारे में गॉसिप नहीं की, किसी का बुरा नहीं सोचा. लोगों को बहुत स्वीकार करते थे. लोगों के बारे में कोई राय नहीं बनाते थे. उनके इस गुण की मैं बहुत प्रशंसा करता हूं."

#20: 'ताल' (1999) अक्षय खन्ना के करियर की बड़ी फिल्मों में से है. इसमें उन्होंने करोड़पति पिता के बेटे मानव मेहता का रोल किया था. इस फिल्म की प्लानिंग राइटर-डायरेक्टर सुभाष घई ने 1995 से ही शुरू कर दी थी. तब उन्होंने इसे 'शिखर' नाम से प्लान किया था. "करिए ना, कोई वादा किसी से करिए ना.." गाना भी रिकॉर्ड कर लिया गया था. इस फिल्म में उन्होंने शाहरुख खान, जैकी श्रॉफ और माधुरी दीक्षित को लेना तय किया था. लेकिन उसी साल उनकी फिल्म 'त्रिमूर्ति' फेल हो गई जिसमें शाहरुख, जैकी और अनिल कपूर थे. इसलिए उन्होंने कास्टिंग बदली और पहले 'परदेस' बनानी शुरू की. उसके बाद उन्होंने 'ताल' पर काम शुरू किया और उसमें शाहरुख की जगह अक्षय खन्ना को कास्ट किया.


'ताल' के सेट पर डायरेक्टर सुभाष घई सीन समझाते हुए. सामने खड़े हैं अक्षय खन्ना और अनिल कपूर.
'ताल' के सेट पर डायरेक्टर सुभाष घई सीन समझाते हुए. सामने खड़े हैं अक्षय खन्ना और अनिल कपूर.

Advertisement