The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Election
  • Uttarakhand election results Lansdowne anukriti gusain lost from BJP's Daleep Singh Rawat

Uttarakhand Election: लैंसडाउन से कांग्रेस की अनुकृति गुसाईं के हारने की इतनी चर्चा क्यों है?

बीजेपी के दिलीप सिंह रावत ने 9 हज़ार वोटों से जीत हासिल की.

Advertisement
Img The Lallantop
बीजेपी के दिलीप सिंह रावत ने 9 हज़ार वोटों से जीत हासिल की. (बाएं अनुकृति , दाएं दिलीप सिंह फोटो- फेसबुक)
pic
साजिद खान
11 मार्च 2022 (Updated: 11 मार्च 2022, 09:04 AM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा के दौरान एक सीट की चर्चा रही. लैंसडाउन. यहां से उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गुसाईं रावत चुनाव लड़ रही थीं. चुनाव आयोग की काउंटिंग के मुताबिक कांग्रेस के टिकट से लड़ीं अनुकृति गुसाईं अपने विरोधी दिलीप सिंह रावत से 9,868 वोटों के अंतर से हार गईं. उन्हें कुल 11 हजार 636 वोट मिले थे, जबकि दिलीप सिंह रावत को 24 हजार 504 लोगों ने वोट किया. लैंसडाउन में पहले चरण के तहत 14 फरवरी को मतदान हुआ था. कुल 41 हजार 407 लोगों ने मतदान किया था. 59 फीसदी से ज्यादा लोगों ने दिलीप सिंह के पक्ष में वोट किया, जबकि अनुकृति को 35.35 जनता ने वोट डाला. उन्हें हराकर दिलीप सिंह ने तीसरी बार लैंसडाउन सीट पर कब्जा किया है. लैंसडाउन उत्तराखंड की महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों में से एक मानी जाती है. ये उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में आती है. 2017 में भी बीजेपी ने यहां जीत हासिल की थी. तब इस सीट पर करीब 56 पर्सेंट वोट पड़े थे. तब दिलीप सिंह की टक्कर कांग्रेस के तेजपाल सिंह रावत से थी, जिन्हें बीजेपी प्रत्याशी ने 6,475 वोटों से हराया था. हालांकि एक समय लैंसडाउन में हरक सिंह रावत का दबदबा था. उन्होंने 2002 और 2007 के चुनावों में यहां जीत दर्ज की थी. हालांकि इस संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं तीरथ सिंह रावत, जो भारतीय जनता पार्टी से हैं.

क्यों है चर्चा?

दरअसल चुनाव से ऐन पहले हरक सिंह रावत बीजेपी में थे और उत्तराखंड सरकार में मंत्री पद संभाल रहे थे. लेकिन इसी साल जनवरी महीने में उन्हें पार्टी और सरकार दोनों से निकाल दिया गया. इसे लेकर हरक सिंह रावत ने सीएम पुष्कर सिंह धामी पर आरोप लगाया था कि उन्हें निष्कासन के बारे में बताया तक नहीं गया, जबकि वो केवल पार्टी के लिए काम करना चाहते थे. वहीं सीएम धामी ने आरोप लगाया था कि हरक सिंह रावत अपने परिवार के लोगों और करीबियों को चुनावी टिकट दिलाने के लिए पार्टी पर दबाव बना रहे थे. बाद में ऐसी चर्चा चली कि बहू अनुकृति गुसाईं को टिकट दिलाने की कोशिश के चलते हरक सिंह रावत को अपने पद से हाथ धोना पड़ा. बाद में अनुकृति को कांग्रेस से टिकट मिला तो हरक सिंह रावत पर बहू को चुनाव जिताने का दायित्व आ गया. लेकिन वे ऐसा कर पाने में सफल नहीं हुए. बताया जाता है कि अनुकृति को जब टिकट दिया गया था, तभी स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस फैसले का विरोध किया था, क्योंकि चुनाव से कुछ समय पहले ही अनुकृति, हरक सिंह रावत के साथ कांग्रेस में शामिल हुई थीं. हालांकि विरोध के बावजूद पूर्व कैबिनेट मंत्री अनुकृति को टिकट दिलाने में कामयाब रहे थे, लेकिन उन्हें जीत नहीं दिला सके. लैंसडाउन में हमेशा ठाकुर समाज का कैंडिडेट जीतता आया है. दिलीप सिंह रावत की तरह हरक सिंह भी ठाकुर समाज से आते हैं, लेकिन इसका भी फायदा उनकी बहू को नहीं मिला. उत्तराखंड चुनाव का हाल चलते-चलते उत्तराखंड चुनाव परिणाम की कुछ हाइलाइट्स जान लेते हैं. . खटीमा सीट से सीएम कैंडिडेट पुष्कर सिंह धामी हारे, कांग्रेस के भुवन चंद्र कापड़ी जीते. . लालकुआं सीट से चुनाव लड़े पूर्व सीएम हरीश रावत हार गए हैं. . देहरादून के सहसपुर से बीजेपी विधायक सहदेव पुंडीर फिर जीते. . देहरादून के रायपुर से बीजेपी के उमेश शर्मा ने जीत हासिल की है. . हरिद्वार हॉट सीट पर बीजेपी के मदन कौशिक जीते.

Advertisement