यूपी पुलिस कांस्टेबल पेपर लीक का गुजरात कनेक्शन, मास्टरमाइंड पर क्या पता चला?
गुजरात के अहमदाबाद में पेपर छपा. जिसके बाद 1500 से ज्यादा छात्रों को पेपर रटाया गया. Transport Corporation of India (TCI) नाम की कंपनी को कांस्टेबल भर्ती का पेपर गुजरात से UP लाना था. यहीं खेल हो गया.
यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले में यूपी STF की टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है. 17 और 18 फरवरी को हुई परीक्षा में पेपर लीक होने की बात सामने आने के बाद से STF की टीम मामले की जांच में लगी थी. टीम ने अब पता लगाया है कि कांस्टेबल भर्ती के पेपर गुजरात के अहमदाबाद में छपे थे (UP Police Paper leak). STF ने ट्रांसपोर्ट कंपनी के 2 कर्मचारियों सहित 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मामले में पटना के एक डॉक्टर को भी हिरासत में लिया गया है.
UP STF की मेरठ यूनिट ने पेपर प्रिंट होने का सोर्स पता लगाया है. गुजरात के अहमदाबाद में पेपर छपा. जिसके बाद 1500 से ज्यादा छात्रों को पेपर रटाया गया. Transport Corporation of India (TCI) नाम की कंपनी को कांस्टेबल भर्ती का पेपर गुजरात से UP लाना था. यहीं खेल हो गया. अहमदाबाद में TCI के दो स्टाफ और पटना के एक डॉक्टर ने पेपर की सील तोड़ी. फोटो ली. और नकल माफियाओं को सर्कुलेट कर दी.
DGP प्रशांत कुमार ने मामले को लेकर प्रेस को संबोधित किया. उन्होंने बताया,
“ट्रांसपोर्ट कंपनी के कर्मचारियों ने सील्ड बॉक्स को तोड़ने के लिए पटना से स्पेशलिस्ट को बुलाया था. बॉक्स तोड़ने के बाद पेपर निकालकर फोटो खींची गई. इसके बाद पेपर नकल माफिया को भेज दिया गया.”
फिलहाल, STF की टीम ने ट्रांसपोर्ट कंपनी के 2 कर्मचारियों सहित 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इसके अलावा पटना के डॉक्टर सौरभ मंडल को हिरासत में लिया गया है. DGP ने जानकारी दी,
“राजीव नयन मिश्रा पेपल लीक का मास्टरमाइंड है. वो अभी फरार है. RO-ARO पेपर लीक में भी यह शामिल था. ये राजस्थान में भी भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक करता रहा है.”
राजीव की भूमिका के बारे में पुलिस ने कहा कि उसकी गिरफ्तारी के बाद जानकारी दी जाएगी. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस भर्ती पेपर लीक केस में अब तक 178 FIR दर्ज कराई गई हैं. इनमें से 15 STF ने दर्ज कराई हैं. अब तक कुल 396 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
ऐसे हुआ पेपर लीकDGP प्रशांत ने बताया कि यूपी पुलिस भर्ती पेपर की छपाई अहमदाबाद की एडुटेस्ट सॉल्यूशन प्रेस में हुई. पेपर यूपी भेजने के लिए ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (TCI) को ठेका दिया गया था. TCI में काम करने वाले शिवम गिरी और रोहित पांडे नकल माफिया से मिले हुए थे. इससे पहले TCI में काम कर चुका प्रयागराज का अभिषेक भी नकल माफिया गैंग में था. अभिषेक ने शिवम और रोहित से संपर्क किया और पेपर आउट कराने के बदले उन्हें पैसे देने का ऑफर दिया. अभिषेक ने ये सभी जानकारी रवि अत्रि को दी.
इसके बाद आई 2 फरवरी की तारीख. TCI के दो कर्मचारी शिवम और रोहित ने अभिषेक को फोन करके बताया कि पेपर प्रिंट होकर ट्रांसपोर्ट कंपनी में जा चुके हैं. दोनों ने सील्ड पेपर बॉक्स के फोटो खींचकर अभिषेक को भेज दिए. इसके बाद अभिषेक, पटना के डॉक्टर शुभम मंडल और अन्य लोगों के साथ 5 फरवरी को अहमदाबाद पहुंचा. डॉक्टर मंडल और TCI के दोनों कर्मचारी ट्रांसपोर्ट कंपनी के गोदाम में अंदर गए. वहीं पेपर रखे थे. उन्होंने एक बॉक्स को उठाया. और ऐसी जगह पर ले गए, जहां CCTV कैमरे की कवरेज नहीं थी.
पेपर वाले बॉक्स को पीछे की तरफ से तोड़ा गया. क्यों? क्योंकि आगे की तरफ से बॉक्स पर सील लगी हुई थी. बॉक्स खुला. 18 फरवरी को होने वाले पेपर के 2 सेट निकाले गए. मोबाइल पर उनकी फोटो खींची गई. इसी तरह से 8 फरवरी को भी एक बॉक्स तोड़ा गया. पेपर की फोटो खींच के वायरल कर दी गई.
पुलिस के मुताबिक इस काम के लिए रवि अत्रि ने शिवम को 5 लाख रुपये देने की बात कही थी. साथ ही काम होने के बाद 15 से 20 लाख रुपये देने की बात भी कही गई थी. यूपी STF की टीम ने रोहित पांडेय, शिवम गिरि और अभिषेक शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया है. टीम को उनके मोबाइल से पेपर के फोटो बरामद हुए हैं. पटना के डॉक्टर शुभम मंडल को हिरासत में लिया गया है. मामले से जुड़े 2-3 लोग अभी फरार हैं. पुलिस की टीमें उनकी तलाश कर रही हैं.
24 फरवरी को रद्द हुई थी परीक्षाजानकारी हो कि 17 और 18 फरवरी को हुई कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद 24 फरवरी को रद्द कर दिया गया था. परीक्षा रद्द करते हुए यूपी के सीएम योगी ने कहा था कि छह महीने के अंदर दोबारा परीक्षा कराई जाएगी. सीएम ने कहा था कि परीक्षाओं की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता. युवाओं की मेहनत के साथ खिलवाड़ करने वाले किसी भी स्थिति में बख्शे नहीं जाएंगे. ऐसे अराजक तत्वों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी.
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