The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Education
  • IIT-Bombay changes UG curriculum to align with changing career trends

IIT बॉम्बे की पढ़ाई में हुआ बदलाव, स्टूडेंट्स अब दूसरे सब्जेक्ट भी पढ़ सकेंगे

इस बदलाव के लिए साल 2019 में एक कमेटी बनाई गई थी.

Advertisement
IIT Bombay overhauls UG curriculum, makes it more trendy
सांकेतिक फोटो
pic
प्रशांत सिंह
10 अक्तूबर 2022 (Updated: 10 अक्तूबर 2022, 01:19 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बॉम्बे (IIT Bombay) के इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स अपने कोर-करिकुलम के साथ अब दूसरे कोर्स भी पढ़ सकेंगे. इसके लिए इंस्टिट्यूट ने अपने अंडर-ग्रेजुएट कोर्स (Undergraduate course) के करिकुलम (Curriculum) में कई बदलावों को लागू किया है. IIT बॉम्बे के स्टूडेंट्स इंजीनियरिंग (Engineering) की पढ़ाई के साथ मैनेजमेंट (Management), आंत्रप्रेन्योरशिप (Entrepreneurship) और डिजाइन (Design) के कोर्स भी कर सकेंगे.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इंस्टीट्यूट ने बताया कि नए करिकुलम में नॉन-इंजीनियरिंग सब्जेक्ट्स जैसे ह्यूमैनिटीज, आर्ट्स, सोशल साइंस, मैनेजमेंट, आंत्रप्रेन्योरशिप और डिजाइन (HASMED) का बड़ा महत्व है. करिकुलम में बदलाव करने वाली कमेटी के चेयरमैन प्रोफेसर किशोर चटर्जी ने बताया,

हमने सबसे पहले ये देखा कि IIT बॉम्बे के स्टूडेंट्स अपनी डिग्री पूरी करने के बाद कहां जाते हैं. इसे फिर तीन ग्रुप में बांटा गया- स्पेशियलिस्ट, जनर्लिस्ट और सुपर-जनर्लिस्ट. स्पेशियलिस्ट वो स्टूडेंट्स हैं, जो अपने एकेडमिक्स या रिसर्च से जुड़ी फील्ड में करियर बनाते हैं. जनर्लिस्ट अपने कोर सेक्टर से अलग करियर बनाते हैं. जैसे मैनेजमेंट, एनालिटिक्स, कंसलटेंसी. सुपर-जनर्लिस्ट वो स्टूडेंट्स हैं, जो सबसे अलग स्टार्ट-अप और आंत्रप्रेन्योरशिप की फील्ड चुनते हैं.

‘किसी भी फील्ड में लीडर बन सकेंगे’

चटर्जी के मुताबिक करिकुलम में बदलाव स्टूडेंट्स को भविष्य का लीडर बनाने के लिए किया गया है. स्टूडेंट्स किसी भी फील्ड को चुनकर उसमें अपना करियर बना सकते हैं. ये नए जमाने के करियर को देखते हुए डिजाइन किया गया है. IIT बॉम्बे के करिकुलम में बदवाब के लिए साल 2019 में 11 सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई थी. इस कमेटी में स्टूडेंट्स को भी शामिल किया गया था.

इंस्टिट्यूट के करिकुलम में आखरी बार बदलाव साल 2007 में किया गया था. ये जानकारी IIT बॉम्बे में डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर अविनाश महाजन ने दी. उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से कहा,

पुराने करिकुलम में भी स्टूडेंट्स के पास अलग-अलग स्ट्रीम से कोर्स  चुनने के विकल्प मौजूद थे. लेकिन नए करिकुलम में HASMED और STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथमैटिक्स) कोर्स  को भी जोड़ा गया है. स्टूडेंट को अब अपनी इंजीनियरिंग ब्रांच के साथ-साथ दो से तीन कोर्स भी चुनने होंगे.

माने, अगर कोई स्टूडेंट इलेक्ट्रिकल इंजीनिरिंग कर रहा है तो वो अपनी ब्रांच के कोर सब्जेक्ट्स तो पढ़ेगा ही, साथ ही उसे ये कोर्स  भी पास करने होंगे. स्टूडेंट्स को अपनी ब्रांच से जुड़े तीन इलेक्टिव सब्जेक्ट चुनने होंगे और HASMED व STEM से दो कोर्स चुनने होंगे. यानी कोर सब्जेक्ट के अलावा स्टूडेंट को पांच कोर्स भी पूरे करने होंगे.

IIT बॉम्बे HASMED कोर्स इंस्टिट्यूट के नॉन-इंजीनियरिंग स्कूल, जैसे डिपार्टमेंट ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंस, IDC स्कूल ऑफ डिजाइन, देसाई सेठी स्कूल ऑफ आंत्रप्रेन्योरशिप व अन्य के साथ कराएगा. वहीं STEM कोर्स  इंजीनियरिंग की अलग-अलग ब्रांच के साथ समझौता कर कराए जाएंगे. इसके अलावा इंस्टिट्यूट ने एक ‘मेकर्स स्पेस’ भी बनाई है, जिसमें स्टूडेंट्स कुछ नया डिजाइन कर सकेंगे.      

वीडियो- देश में इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी का कितना स्कोप, कैसे बनें IT प्रोफेशनल्स?

Advertisement