शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ट्रेन्ड कम्युनिटी के रूप में तैयार होंगे अग्निवीर
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अग्निपथ स्कीम के जरिए हमारी सेना कई विकसित देशों की तरह होगी.

अग्निपथ स्कीम. पिछले कुछ दिनों से देश भर में इस स्कीम को लेकर खूब चर्चा है. सेना में भर्ती के लाई गई इस स्कीम का कुछ लोग समर्थन कर रहे हैं तो कुछ लोग विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. इस स्कीम के तहत 17 से 23 साल के नौजवानों को सेना में भर्ती होने का मौका मिलेगा. हालांकि इसमें से 75 फीसद जवानों को 4 साल बाद रिटायर कर दिया जाएगा. अग्निपथ स्कीम लॉन्च होने के बाद से ही ये सवाल पूछा जा रहा है कि पढ़ाई-लिखाई की उम्र में अगर युवा अग्निपथ के जरिए सेना में भर्ती हो जाएगा और फिर 4 साल बाद रिटायर हो जाएगा तो उसका भविष्य क्या होगा? वो अपनी पढ़ाई-लिखाई कैसे पूरी कर पाएगा? चार साल बाद उसके भविष्य का क्या होगा ?
इस सवाल का जवाब आया शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की तरफ से. टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में धर्मेंद्र प्रधान ने बताया,
पहले के विपरीत, जब सशस्त्र बल को बहुत अधिक जनशक्ति की आवश्यकता होती थी, आज का युद्ध टेक्नोलॉजी ड्रिवेन है. हमें अपने सशस्त्र बलों को युवा और प्रतिबद्ध बनाने की जरूरत है और हमें एक बड़ा आधार बनाने की जरूरत है. अग्निपथ आधार को बड़ा बना रहा है, इसलिए चार साल बाद 75:25 की परिकल्पना की जा रही है. तब तक वे सशस्त्र बलों का हिस्सा रहेंगे.
अग्निवीरों के चार साल की सेवा के बाद बाहर निकले और उनकी शिक्षा पर सवाल का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा,
विकसित देशों की तरह होगी हमारी सेनाजहां तक बाहर निकलने का सवाल है, अगर वे दसवीं क्लास पूरी करने के बाद 17 या 18 साल की उम्र में शामिल हुए हैं, तो वे सेल्फ ड्रिवेन हायर सेकेंड्री स्कूल पास छात्र के रूप में सामने आएंगे. साथ ही अग्निवीरों के प्रवेश स्तर के प्रशिक्षण और नौकरी पर प्रशिक्षण को सामान्य शिक्षा की तरह क्रेडिट पॉइंट में परिवर्तित किया जा सकता है. उन्हें क्रेडिट फ्रेमवर्क के तहत मैप किया जाएगा और डिग्री को बराबरी की ओर ले जाएगा. इन चार सालों में बारहवीं पास छात्र सिर्फ डिग्री लेकर आ सकता है. इसलिए जब अग्निवीर बाहर आएंगे तो उनके पास स्किल सर्टिफिकेट, डिग्री और सर्विस फंड होगा.
धर्मेंद्र प्रधान ने आगे कहा कि,
हमारी सेना कई विकसित देशों की तरह होगी. हमारे गृह मंत्री द्वारा कहा गया "जन सेना" को सीआरपीएफ में प्राथमिकता और आरक्षण मिलेगा. यूपी, असम, उत्तराखंड और हरियाणा जैसे राज्यों ने पहले ही कहा है कि अग्निवीर राज्य बलों में शामिल हो जाएंगे और कॉर्पोरेट क्षेत्र उनके लिए सकारात्मक कार्रवाई के साथ सक्रिय रूप से आगे आ गया है.
अग्निवीरों पर भरोसा जताते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुझे विश्वास है कि हमारे पास अग्निवीर ट्रेन्ड कम्युनिटी के रूप में तैयार होंगे. जब भी कोई नई योजना शुरू की जाती है तो उसे संवेदनशील तरीके से कम्युनिकेट करने की आवश्यकता होती है जो सरकार पहले दिन से कर रही है. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कुछ समूह ऐसे हैं जो इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं जैसे वे हमारे पीएम के हर सपने को पूरा करते हैं. हम उन आवाजों का जवाब नहीं देने जा रहे हैं.