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अग्निवीरों को डिग्री देने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने क्या घोषणा की है?

ये प्रोग्राम या डिग्री कोर्स सेना में उनके कार्यकाल के दौरान उनके द्वारा प्राप्त स्किल्स और ट्रेनिंग को मान्यता देगा.

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अग्निवीरों के लिए और उनके भविष्य को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है(सोर्स-आज तक)
अग्निवीरों के लिए और उनके भविष्य को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है(सोर्स-आज तक)
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प्रशांत सिंह
17 जून 2022 (Updated: 17 जून 2022, 11:39 AM IST) कॉमेंट्स
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14 जून 2022 को केंद्र सरकार ने अग्निपथ स्कीम की घोषणा की. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि इस स्कीम के तहत तीनों सेनाओं में सैनिकों की भर्ती की जाएगी. इन सैनिकों की सर्विस केवल 4 साल की होगी. 4 साल बाद अग्निपथ स्कीम के तहत भर्ती किए गए सैनिकों में से 25 प्रतिशत को स्थायी कमीशन मिलेगा. अग्निपथ स्कीम लॉन्च होने के बाद से ही ये सवाल पूछा जाने लगा था कि बाकी के 75 प्रतिशत युवाओं का क्या होगा? उनका भविष्य क्या होगा, पढ़ाई-लिखाई कैसे होगी? अब केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से इसका जवाब आया है. 

IGNOU को सौंपी जाएगी जिम्मेदारी

 अग्निवीरों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए शिक्षा मंत्रालय (MOE)ने एक बड़ा ऐलान किया है. MOE ने अग्निवीरों के लिए एक तीन वर्षीय कौशल आधारित ग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम शुरू करने का फैसला किया है. ये डिग्री कोर्स सेना में उनके कार्यकाल के दौरान उनके द्वारा प्राप्त स्किल्स और ट्रेनिंग को मान्यता देगा. ये डिग्री प्रोग्राम IGNOU द्वारा कराया जाएगा. यानी कि अगर कोई भी अग्निवीर 4 साल बाद सेना की नौकरी से बाहर आता है तो वो इस डिग्री को हासिल करने के लिए एलिजिबल होगा. ये डिग्री प्रोग्राम अग्निवीरों के करियर को एक नई दिशा देने में मदद करेगा. इस डिग्री के लिए देश की आर्मी, एयर्फोस और नेवी सब मिलकर IGNOU के साथ एक समझौता करेंगे. 

खास बात ये है कि इस डिग्री प्रोग्राम को भारत के अलावा विदेशों में भी मान्यता दी जाएगी. पर अभी ये बात साफ नही है कि कौन-कौन से देशों में इसे मान्यता मिलेगी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा,

डिग्री प्रोग्राम अग्निवीरों द्वारा प्राप्त इन-सर्विस ट्रेनिंग को ग्रेजुएट स्तर की पढ़ाई के लिए क्रेडिट के रूप में मान्यता देगा और उनके लिए अपनी पसंद के सिविल या प्राईवेट करियर को आगे बढ़ाने का अवसर खोलेगा. इस कार्यक्रम के तहत, ग्रेजुएट डिग्री के लिए आवश्यक क्रेडिट का 50 प्रतिशत टेक्निकल और नॉन टेक्निकल स्किल ट्रेनिंग के माध्यम से दिया जाएगा.

अधिकारी ने आगे कहा,

बाकी का 50 प्रतिशत क्रेडिट सब्जेक्टस के समूह से लिया जाएगा. माने ये पढ़ाई के आधार पर दिया जाएगा. इकॉनमिक्स, हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस, गणित, एजुकेशन, कॉमर्स, टूरिज्म, वोकेशनल स्टडीज, व ज्योतिष और इंग्लिश स्किल्स जैसे सबजेक्टस इस समूह का हिस्सा होंगे.

UGC के नियमों पर आधारित होगा प्रोग्राम

अग्निवीरों के लिए शुरू किए जा रहे इस डिग्री प्रोग्राम को न्यू एजुकेशन पॉलिसी (NEP), UGC, राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (NSQF) के नियमों के अनुसार तैयार किया जाएगा. इसके अलावा ये डिग्री प्रोग्राम AICTE, राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (NCVET),और UGC जैसे आयोगों के फ्रेमवर्क के आधार पर होगा.

शिक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि,

इसमें मल्टिपल एक्जिट ऑप्शन भी होंगे. पहले साल के बाद डिग्री सर्टिफिकेट मिलेगा, दूसरे साल एक्जिट करने पर डिप्लोमा दिया जाएगा. वहीं अगर तीसरे वर्ष एक्जिट करते हैं तो डिग्री प्रदान की जाएगी. 


यहां बता दे कि ये डिग्री UGC के नियमों के अनुसार IGNOU द्वारा प्रदान की जाएगी - बीए, बीकॉम, बीए (वोकेश्नल), बीए (टूरिजम मैनेजमेंट) -ये सारे रोजगार और शिक्षा के लिए भारत और विदेश दोनों में मान्यता प्राप्त होंगे. 

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