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2014 में किया UPSC सिविल सर्विस एग्जाम, नियुक्ति मिलने में लग गए 8 साल

2014 में राजशेखर रेड्डी को मेडिकली अनफिट घोषित कर दिया गया था. 2022 में उन्हें नियुक्ति मिलेगी.

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Supreme court UPSC
सुप्रीम कोर्ट ने 8 साल बाद जॉइनिंग का आदेश दिया है
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प्रशांत सिंह
16 जून 2022 (Updated: 16 जून 2022, 07:28 PM IST) कॉमेंट्स
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 UPSC यानी संघ लोक सेवा आयोग हर साल सिविल सर्विस एग्जाम आयोजित करता है. जिसके जरिए IAS, IPS, IFS जैसे पदों पर अधिकारियों की भर्ती की जाती है. हर साल परीक्षा होती है. रिजल्ट आता है और मेरिट के हिसाब से सेलेक्टेड लोगों की लिस्ट आती है. इस पूरे प्रोसेस में एक से डेढ़ साल का समय लगता है. लेकिन 2014 में UPSC सिविल सर्विस एग्जाम पास करने वाले के राजशेखर रेड्डी को जॉइनिंग मिलने में 8 साल का समय लग गया. 

2014 मे पास की परीक्षा, 2022 में जॉइनिंग 

के राजशेखर रेड्डी ने साल 2014 का सिविल सर्विस एग्जास क्वालिफाई किया था. ये उनका आखिरी अटेम्प्ट था. राजशेखर ने प्री, मेंस और इंटरव्यू तीनों स्टेज की परीक्षा क्वालिफाई कर ली. लेकिन मेडिकल जांच के दौरान उन्हें मेडिकली अनफिट घोषित कर दिया गया. वजह बताई गई कि BMI ज्यादा है. BMI का मतलब होता है बॉडी मास इंडेक्स. BMI के जरिए शरीर का फैट मापा जाता है. रेड्डी का BMI स्कोर 32 पाया गया था, जबकी सिविल सर्विस के मेडिकल मानकों के अनुसार ये 30 या उससे कम होना चाहिए.

BMI ज्यादा होने की वजह से रेड्डी को टैम्परेरी अनफिट कैटेगरी में रख दिया गया था. 4 जुलाई 2015 को UPSC ने 2014 की परीक्षा के 1236 सफल कैंडिडेट्स की लिस्ट जारी की थी. इस लिस्ट में रेड्डी का नाम नही शामिल था. रेड्डी का नाम 19 जनवरी 2016 को जारी की गई रिजर्व लिस्ट में आया. सिविल सर्विस के रूल के मुताबिक रिजर्व लिस्ट में शामिल कैंडिडेट्स को 6 महीने के अंदर अपना मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट दिखाना होता है. रेड्डी ने 9 मार्च 2016 को रि-मेडिकल रिपोर्ट दिखाई, पर 6 महीने से ज्यादा का समय बीतने के कारण उनको रिजेक्ट कर दिया गया.

सुप्रीम कोर्ट ने दिया नियुक्ति का आदेश

मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. कोर्ट ने इस बात को ध्यान में रखते हुए कि ये रेड्डी का आखिरी प्रयास था, री-मेडिकल कराने को कहा. री-मेडिकल में रेड्डी फिट मिले. वो भी छह साल बाद. सुप्रीम कोर्ट ने रेड्डी को फिट सर्टिफिकेट के साथ पास माना. जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस विक्रम नाथ ने सरकार को अपने आदेश में निर्देश दिया कि 2014 की ओरिजनल वेटिंग लिस्ट या रिजर्व लिस्ट के अनुसार ही रेड्डी की नियुक्ति पर विचार करें. कोर्ट ने आदेश में कहा है कि राजशेखर रेड्डी को उनके वास्तविक कैडर के मुताबिक वेतन, भत्ता और सीनियरिटी मिले. उन्हें अब तक का वेतन नहीं मिलेगा क्योंकि उन्होंने सर्विस नहीं दी है. हालांकि वे बाकी सुविधाओं के हकदार होंगे.

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