बॉलीवुड के मशहूर एक्टर और फिल्ममेकर गुरु दत्त. मकबूलियत हासिल थी, इन्हें अपने काम के लिए. लोग कहते थे इन्हें नशा था. बेतहाशा काम करने का. वर्कोहॉलिक टाइप. देव आनंद से दोस्ताना डील के कारण इन्हें पहली फिल्म मिली लेकिन आखिरी तक पहुंचते-पहुंचते लेजेंड बन चुके थे. फिर एक फिल्म आई (नाम नहीं बताएंगे वरना क्विज़ खेलने में मज़ा नहीं आएगा), कहा जाता है कि गुरु दत्त ने अपने जीवन से प्रेरित होकर बनाई थी. इस फिल्म ने गुरु को एक नया शब्द सिखाया ‘फ्लॉप’. इस शब्द जैसी कोई घटना उनके साथ पहले नहीं हुई थी. काम का नशा उतरा और शराब का चढ़ने लगा. एक दिन इतनी ज़्यादा हो गई कि संभालना मश्किल हो गया. फिर छूट गई, ये महलों, ताजों, तख्तों वाली दुनिया. गुज़रने के कई सालों बाद करियर की सबसे फ्लॉप फिल्म भारतीय सिनेमा इतिहास की कल्ट फिल्मों में गिनी जाने लगी. लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. इतना हमने बता दिया. बाकी क्विज़ खेलकर खुद जानिए.
कितनी 'प्यास' है, ये गुरु दत्त पर क्विज़ खेलकर बताओ
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