The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Auto
  • Voluntary Deductible in Car In...

कार लेते समय ये गलती तो नहीं की? अब इंश्योरेंस क्लेम लेते समय कंपनी कहेगी- पहले पैसे दीजिए

नई कार खरीदते समय इंश्योरेंस में होने वाले 'Voluntary Deductible in Car Insurance' का गेम समझ लीजिए. रिपेयर से पहले लंबे फटके से बच जाएंगे.

Advertisement
compulsory deductible in car insurance
कार खरीदते समय इंश्योरेंस का गेम समझ लीजिए (फोटो-Pexels)
pic
रितिका
25 जून 2025 (Published: 04:20 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

हमारे एक दोस्त की एकदम नई कार खराब हो गई. दुख तो हुआ लेकिन इंश्योरेंस था, तो दुख उतना भी नहीं हुआ. इसलिए उन्होंने अपनी गाड़ी रिपेयरिंग के लिए गैराज भेज दी. सोचा था कि इंश्योरेंस क्लेम में मामला सेटल कर लेंगे. लेकिन हुआ इसके उलट. हमारे दोस्त को कॉल आया कि आपको इंश्योरेंस तो बाद में मिलेगा, पहले आप पैसा जमा कीजिए. दोस्त ने हैरान होकर पूछा कि 'अरे किस बात का पैसा, ये सब तो इंश्योरेंस में आना था ना?' इसके बाद उन्हें बताया गया कि उनकी जो इंश्योरेंस पॉलिसी है, उसपर तो Voluntary Deductible लगा हुआ है. उन्हें समझ ही नहीं आया कि ये क्या है.

उनको हमने बताया कि आपके साथ खेला हुआ है. खेला जो कार शोरूम के सेल्समैन ने आपके साथ किया है. अब उनको बताया तो सोचा लगे हाथ आपको भी बता देते. कार इंश्योरेंस में होने वाले Voluntary Deductible के महीन से खेल के बारे में. 

Deductible का खेल

Voluntary Deductible का झोल समझने के लिए आपको 'कंपलसरी डिडक्टिबल' या 'मेंडेटरी डिडक्टिबल' के बारे में जानना जरूरी है. इसको आप ऐसे समझिए कि आपने 10 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस लिया. फिर भले वो कार का हो या मेडिकल से जुड़ा. प्रीमियम हुआ साल का 15 हजार रुपये. अब इसके हिसाब से आप जब भी क्लेम करेंगे तो इंश्योरेंस कंपनी पूरा तो देने से रही. मतलब ऐसा होना असंभव है. मतलब कुछ पैसा तो आपको देना ही पड़ता है. जैसे कार के रिपेयर का खर्च अगर 1 लाख है तो हो सकता है कि 80 हजार आपको मिल जाएं और 20 जेब से लगें. आपकी कार का Compulsory Deductible कितना होगा वो (IRDAI) तय करती है. ये आपकी कार की कंडीशन, इंजन की क्षमता वगैरह पर निर्भर करता है. यहां मामला सेट है. 

फिर आता है 'Voluntary Deductible' जिसके बारे में आमतौर पर इंश्योरेंस कंपनी या उसका एजेंट कभी अपने से नहीं बोलता. क्योंकि इसके आते ही प्रीमियम कम हो जाता है. हम ही अक्सर इसके बारे में एजेंट से बात करते हैं. इतना पढ़कर आपको लगेगा कि ये तो बढ़िया चीज होगी. हम कहेंगे, हां भी और नहीं भी. 'Voluntary Deductible' अपनी मर्जी से पैसा भरने की बात. जब आपने इसके लिए हामी भर दी तो फिर क्लेम का कुछ पैसा आपको देना होता है. 

माने जैसे कार के रिपेयर का खर्च 1 लाख का तो पहले 50 हजार आपकी जेब से ही लगेंगे. बाकी कंपनी भरेगी. हां, ऐसा होने से आपको प्रीमियम 15 हजार की जगह 13 हजार ही भरना पड़ेगा. मतलब प्रीमियम तो कम होगा मगर बाद में फटका लगेगा. पास के फायदे में दूर का नुकसान. अब तक आपको थोड़ा-थोड़ा तो समझ आ गया होगा कि इस सबके बीच में कार सेल्समैन कहां से आया.  

compulsory deductible
कार की रिपेयरिंग कॉस्ट (फोटो-Pexels)
Voluntary Deductible और सेल्समैन

अब इंस्टाग्राम कॉलेज की वजह से सभी को पता है कि कार लेते समय इंश्योरेंस में मोल-भाव कैसे किया जा सकता है. आपको न पता हो तो एक बार इस ट्रिक के बारे में बता देते हैं. दरअसल कार की बिलिंग करते हुए उसपर तमाम टैक्स लगा दिए जाते हैं. आप इन टैक्स से तो नहीं बच सकते हैं. लेकिन इंश्योरेंस के समय आप कार डीलर को बोल सकते हैं कि बाहर से उन्हें इस प्राइस पर बीमा मिल रहा है. आप या तो इंश्योरेंस उनसे मैच कर लीजिए या फिर हम बाहर से बीमा ले लेंगे. पूरे चांस हैं कि सेल्समैन उस कंपनी से बीमा मैच करने के लिए मान जाएगा और आपको 25 हजार रुपये की जगह 15 हजार रुपये में इंश्योरेंस मिल जाएगा. इससे आपको लगेगा कि आपने तो कई हजार रुपये बचा लिए.

ये भी पढ़ें : कम कीमत में गाड़ी खरीदनी है, बस Showroom के आगे लिखे 'Ex' का गणित समझना है

लेकिन कई बार ये होता है कि इसी बीमा प्रीमियम को कम करने के लिए सेलसमेन Voluntary Deductible का सहारा लेता है. 10-20-30 फीसदी प्रीमियम कम कर देता है. आपको लगता है कि पैसे कम हुए हैं. पर असलियत में तो ज्यादा पैसे देने का इंतजाम हो गया है. गाड़ी के साथ कोई घटना घटती है तो शुरुआत में कुछ पैसे आपको ही भरने पड़ेंगे. आप कार छोड़ नहीं सकते और कंपनी से लड़ भी नहीं सकते हैं. अब साइन तो आपने ही किए थे. अब इस फटके से बचने का तरीका भी जान लीजिए. 

compulsory deductible
कंपलसरी डिडक्टिबल जरूरी होता है. (फोटो-Pexels)

कुछ बहुत बड़ा काम नहीं करना है. बस साइन करने से पहले पेपर एक बार देख लीजिए. अगर समझ नहीं आता तो सेल्समैन से ही पूछ लीजिए. भईया पैसे खर्च कर रहे हो. आपका हक है पूछना. एक मशहूर विज्ञापन याद आ गया. पूछने में क्या जाता है.  

वीडियो: कथावाचक की पिटाई मामले में अब महिला ने क्या आरोप लगाये?

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement