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WhatsApp ज़ीरो क्लिक हैकिंग: कंपनी भेज रही है हैक का अलर्ट, आपको आया क्या

WhatsApp हैकिंग को लेकर एक नई खबर (WhatsApp zero-click hack) आ रही है. इस बार मामला काफी खतरनाक है. बिना किसी लिंक या कॉल के ऐप के हैक होने की जानकारी मिल रही है. मामला इतना गंभीर है कि ऐप की पेरेंट कंपनी मेटा (Meta) इसको लेकर यूजर्स को आगाह कर रही है.

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बिना क्लिक किए हैक हो रहा है WhatsApp

WhatsApp आज की तारीख में सिर्फ बतियाने वाला ऐप (WhatsApp zero-click hack) नहीं है. मतलब हाई, हेलो, गुड मॉर्निंग, गुड नाइट तो चलता रहता है मगर ये बैंकिंग और दूसरी सर्विस मसलन डिलेवरी सर्विसेस का भी बड़ा माध्यम है. हमारे देश में तो एसएमएस शायद ओटीपी के लिए ओपन होता है. मतलब वॉट्सऐप का भौकाल है. यही भौकाल ठगों के लिए भी बड़ा अड्डा है. रोजाना ही हैकिंग से लेकर ठगी के केस पढ़ने को मिलते हैं. कभी कोई लिंक क्लिक कर दी तो कभी नग्न वीडियो कॉल पर ब्लैकमेल कर लिया. मगर इस बार कुछ नया और बड़ा ही भयानक आया है.

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WhatsApp हैकिंग को लेकर एक नई खबर आ रही है. इस बार मामला काफी खतरनाक है. बिना किसी लिंक या कॉल के ऐप के हैक होने की जानकारी मिल रही है. मामला इतना गंभीर है कि ऐप की पेरेंट कंपनी मेटा (Meta) इसको लेकर यूजर्स को आगाह कर रही है.

WhatsApp zero-click hack

नाम से ही पता चल रहा है कि ऐप को हैक करने के लिए किसी लिंक या मैसेज पर क्लिक करने की जरूरत नहीं है. बस मैसेज या लिंक आपको रिसीव होगा और उसके बाद खेल हो जाएगा. WhatsApp ने खुद बताया है कि चौबीस देशों के 90 से ज्यादा यूजर्स को टारगेट किया गया है. Reuters के मुताबिक Israeli company Paragon Solutions ने इस spyware (जासूसी करने वाला) सॉफ्टवेयर डेवलप किया है. कुछ रिपोर्ट्स में इसे अमेरिकी कंपनी भी बताया जा रहा है. हालांकि ये मामला पिछले साल दिसंबर 2024 का है मगर बाहर अभी आया है.  

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टारगेट किए गए 90 यूजर्स में कई पत्रकार, सिविल सोसायटी के सदस्य और कुछ आम लोग भी शामिल हैं. इसमें एक नाम इटली के Luca Casarini का भी है जो माइग्रेंट वर्कर के रेस्क्यू का काम करते हैं. खोजी पत्रकार francesco cancellato ने अभी अपना वॉट्सऐप हैक होने की बात बताई है. लूका ने वॉट्सऐप की तरफ से अलर्ट मैसेज को शेयर किया है जिसमें ऐप के हैक होने के बारे में बताया गया है. मेटा के अलर्ट के बाद इटली की National Cybersecurity Agency ने इसकी जांच शुरू कर दी है. लेकिन सवाल अभी भी बाकी है कि आखिर ये जीरो-क्लिक हैक है क्या?

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हैकिंग का ऐसा तरीका जिसमें स्पैम लिंक या कॉल का इस्तेमाल नहीं होता बल्कि इसमें ऐप की किसी कमी का फायदा उठाया जाता है. आसान भाषा में कहें तो चोर दरवाजे या खिड़की से नहीं बल्कि अनाज की बोरी में आता है. एकदम वैसे जैसे फ़िल्मों में कैदी करते हैं. ऐप में कमी होना कोई बड़ी बात भी नहीं है. कई बड़े डेवलपर तो इसके लिए प्रोग्राम चलाते हैं और खूब पैसा भी देते हैं.

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ऐप में खामी कहीं भी हो सकती है मसलन मल्टीमीडिया फंक्शन में या फिर ईमेल में या किसी फीचर में. वॉट्सऐप के सिस्टम की ऐसी ही कोई खामी Paragon Solutions के हाथ लगी है. इसके बाद बस एक मैसेज से सिस्टम में घुसा जा रहा है. मेटा भी अपने स्तर पर इसकी जांच कर रहा है. जैसे ही इससे जुड़ी कोई और जानकारी सामने आएगी, हम आपसे साझा करेंगे.

तब तक के लिए सावधान रहे-सतर्क रहें. 
 

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