लॉ ऑफ एवरेज (law of averages) के हिसाब से देखें तो हम जिस चीज की बात करने वाले हैं वो हर घर में औसतन 5 तो होती ही हैं. यहीं इस बात को अल्पविराम, क्योंकि थोड़ी देर के लिए बचपने में जाने का समय आ गया है. बचपने में हम सभी को मम्मी-पापा से, दादा-दादी से, घर के बड़ों से हमेशा एक बात के लिए टोका जाता था. लाइट नहीं बंद करने के लिए. मतलब जैसे ही हम कमरे से बाहर निकलते और लाइट या पंखे को चलता छोड़ देते तो खटका (बटन) दबाने के लिए बार-बार कहा जाता था.
बिजली बोर्ड में चार्जर लगा भूल जाते हैं, धीरे-धीरे इतना एक्स्ट्रा बिल बन जाता है सोचा ना होगा!
बात है हमारी एक गंदी आदत की जो वजह बनती है Vampire power की. पता है अब तक आपका दिमाग खराब होने लगा होगा. मतलब ये कौन सी पावर है. कोई बात नहीं Vampire power ना सही, standby power, phantom load या ghost load पढ़ लीजिए.

दो अलग-अलग बातें पढ़कर जो आपको लगे कि क्या कर रहे हो भाई, इससे तो स्टोरी का मीटर ही नहीं बैठ रहा, तो जनाब बता दें कि ये दो नहीं बल्कि एक ही बात है. बात है हमारी गंदी आदत की, जो कारण बनती है Vampire power की. पता है अब तक आपका दिमाग खराब होने लगा होगा. मतलब ये कौन सी पावर है? कोई बात नहीं Vampire power ना सही, standby power, phantom load या ghost load पढ़ लीजिए. यही लोड या पावर जो घर या ऑफिस में रखे चार्जरों से जनरेट होती है. वही पांच या उससे कम या ज्यादा चार्जर जो घर या ऑफिस में होते ही हैं. यही चार्जर जो लाखों नहीं बल्कि करोड़ों का नुकसान करते हैं. कैसे, हम बताते हैं.
चालू होने पर नहीं, बंद होने पर नुकसानअगर इतना पढ़कर आपने गिनती कर ली है कि आपके घर या ऑफिस में कितने चार्जर हैं तो अच्छा किया. क्योंकि आगे का नुकसान वाला गुणा-गणित हम आपको बताते हैं. वैसे इस खून चूसने वाली पावर का संबंध ऐसे किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से है जो स्टैन्ड बाय मोड में रहता है. उदाहरण के लिए कंप्यूटर या टीवी. मगर इसमें सबसे बाद गुनहगार चार्जर है क्योंकि वो हर डिवाइस के साथ आता ही आता है.
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मगर गुनाह चार्जर से नहीं, हम से होता है. क्योंकि चार्जर अगर चालू है तो वो अपना काम करेगा. मतलब पावर आउटपुट देगा. दिक्कत स्टार्ट होती है जब चार्जर को हम इलेक्ट्रिक पॉइंट में खोंसकर भूल जाते हैं. ऐसा हम सब करते ही करते हैं. चार्जर स्टेंड बाय मोड में है और हमें लगता है कि सब चंगा सी. नहीं, यही तो सबसे बड़ा पंगा सी.

कोई काम नहीं करने के बावजूद भी वो चार्जर थोड़ी सी पावर ले रहा होता है. ये पावर वाकई में थोड़ी ही होती है जिसे Vampire power कहते हैं. मसलन कुछ दिनों पहले जब हमने एक Gan चार्जर इस्तेमाल किया था तो वो पावर मीटर पर .28 वॉट ghost load ले रहा था. अब भले ये बहुत थोड़ी लगे और आपकी जेब पर कोई बड़ा असर नहीं डाले, लेकिन जरा इसको दुनिया जहान के पैमाने पर तौल कर देखिए.
हर तरफ चार्जर ही चार्जर हैं. फोन का, लैपटॉप का, कंप्यूटर का, हेडफोन का, जिनके खटके बंद नहीं. अमेरिकी National Resources Defense Council (NRDC), के मुताबिक एक घर से औसतन साल में 165 डॉलर यानी लगभग 14 हजार रुपये ये चार्जर चूस लेते हैं. इस आंकड़े को आधा या चौथाई भी कर दें तो 3500 रुपये का फटका. ग्रीनहाउस इफेक्ट की तो अभी हमने चर्चा भी नहीं की.

अब भले फटका 3500 का ही क्यों न हो, नुकसान तो है. और इससे बचने के लिए मीटर लगाकर हर चार्जर का phantom load चेक करने की जरूरत नहीं. बस घर के बड़ों का कहा मानिए.
चार्जिंग खत्म तो खटका दबा दीजिए. मतलब बटन बंद कर दीजिए.
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