आप सुबह उठकर अपना बिस्तर सेट करते हैं. बेडरूम में फैले पड़े कपड़ों को तह करते हैं. इधर-उधर पड़ी चीजों को उनकी जगह पर रखते हैं. फिर किचन का रुख करते हैं. गंदे बर्तनों को सिंक से बाहर निकालते हैं और साफ करते हैं. उन्हें पोंछ कर शेल्फ में ढंग से जमा भी देते हैं. कहने का मतलब पूरा दिन आपका एक सिस्टम में ढला होता है. एक छोटी सी अच्छी आदत दूसरी बहुत बड़ी अच्छी आदत का कारण बनती है. ये अकारण नहीं होता बल्कि विज्ञान में इसको ‘डोमिनो इफेक्ट’ या ‘रिपल इफेक्ट’ के नाम से जाना जाता है.
असुर 2 का पूरा एपिसोड जिस डोमिनो इफेक्ट पर बना है वो है क्या?
आप कुछ अच्छा करते हैं तो हो सकता है कि आपका पड़ोसी भी ऐसा करने लगे. एक जैसे प्रभाव वाली चेन रिएक्शन जिसपर असुर 2 की कहानी का जरूरी पड़ाव आता है.

आज इसकी चर्चा इसलिए क्योंकि हालिया रिलीज हुई क्राइम फिक्शन वेब सीरीज ‘असुर-2’ का एक पूरा एपिसोड ही इस इफेक्ट पर बेस्ड है. अब एपिसोड में क्या दिखाया है उसके लिए आप वेब सीरीज देख सकते हैं या फिर हमारे रिव्यू भी पढ़ सकते हैं. हम अच्छी आदत मतलब डोमिनो इफेक्ट पर बात करते हैं.
कब होता है डोमिनो इफेक्ट?डोमिनोज़ इफेक्ट शब्द का इस्तेमाल पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों संदर्भ में होता है, जैसे कोई प्राकृतिक घटना, दुर्घटना या फिर आर्थिक मंदी जैसी स्थितियों में. 2008 की वैश्विक मंदी इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. ये आर्थिक संकट कई घटनाओं के डोमिनो इफेक्ट के कारण हुआ था, जिसकी शुरुआत अमेरिका में सबप्राइम मोर्टगेज बाजार के पतन के साथ हुई थी. इससे घटनाओं की एक चेन बनी और दुनिया आर्थिक मंदी के चक्र में फंसी.
डोमिनो इफेक्ट का उपयोग भविष्यवाणी करने के लिए भी किया जा सकता है. उदाहरण के लिए, अगर एक देश आर्थिक सुधार के रास्ते पर चलता है, तो हो सकता है उसके आसपास के बाकी देश भी प्रभावित होकर आर्थिक सुधार करें. ऐसा इसलिए है क्योंकि पहले देश के उठाए गए कदमों का प्रभाव बाकी देशों पर भी पड़ेगा. कोल्ड वॉर के दौरान अमेरिकी सरकार की एक चिंता यह भी थी कि अगर एक देश कम्युनिस्ट बन गया तो डोमिनो इफेक्ट के कारण आसपास के देश भी देर-सवेर कम्युनिस्ट विचार धारा अपना लेंगे. देखा-देखी टाइप मामला हो सकता है.
वैसे इस इफेक्ट का एक मजबूत पहलू भी है. यह सिर्फ एक घटना नहीं है. बोले तो आप खुद या कोई संस्था या देश इसको बना भी सकता है. कैसे…
# नए व्यवहारों का निर्माण करके या अच्छी आदतों की एक चेन रिएक्शन बनाकर. मतलब अपने अंदर की उस क्षमता को पहचानना जो आपको सफल बनाती है.
# वास्तविक जीवन में उस काम से शुरुआत करें जिसे करने के लिए आप सबसे ज्यादा प्रोत्साहित हैं. एक छोटे से व्यवहार से शुरुआत करें. जैसे टेबल पर ग्लास को एक जगह रखकर. और इसे लगातार करें.
# मोमेंटम बनाए रखें, माने कि तुरंत अगला काम करने में जुट जाएं.
# जब डाउट हो तो काम को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटें. जैसे ही आप नई आदतों को अपनाते हैं, उन्हें इस तरह ढालें कि जल्दी और आसानी से मैनेज हो जाएं.
आखिर में सबसे जरूरी बात. डोमिनो इफेक्ट प्रगति के बारे में है, परिणाम के नहीं. वैसे भी गति और प्रगति अगर सही बनी रही तो परिणाम अच्छे ही होते हैं.
(इस खबर के लिए रिसर्च हमारे साथ इंटर्नशिप कर रहे अक्षत त्रिवेदी ने किया है.)
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