अब जमाना बदल गया है और हाथ में आ गए हैं स्मार्टफोन. बस एक क्लिक और तस्वीर हो गई तैयार. अच्छी नहीं लगी फिर दबा दो बटन. फोन के लेंस भी हमारी जरूरत के हिसाब से बढ़ते ही जा रहे हैं. प्राइमरी कैमरा 108 मेगापिक्सल का हो चला है. वाइड और अल्ट्रा वाइड लेंस, पोर्ट्रेट मोड, अंधेरे के लिए नाइट मोड और अब तो फूल के अंदर के पराग के दाने को भी साफ-साफ दिखाने के लिए मैक्रो लेंस भी आते हैं .
पाउट वाली सेल्फ़ी और दोस्तों की गैंग के साथ ग्रुफी लेने के लिए आने वाला फ्रंट कैमरा भी कोई कम नहीं है. आमतौर पर मोबाइल कैमरे से फोटो ठीक ही आते हैं, लेकिन इंस्टाग्राम फ़िल्टर के प्यार में पागल हमारी पीढ़ी का मन नहीं मानता और वो कुछ धांसू सा चाहती है अपनी तस्वीर के साथ. कोई एडिटिंग न करनी पड़े. गूगल पर जाकर ज्ञान लेकर फिर रॉ फोटो निकाल कर उसका रंग सही ना करना पड़े बस क्लिक करो और मन मुताबिक फ्रेम मिल जाए. आपकी इसी मुश्किल को दूर करने हम लेकर आए हैं, कुछ आसान से जुगाड़ जो दिवाली के दौरान धिनचाक फोटो लेने में आपकी मदद करेगे.
फोटो लेने से पहले सबसे अहम ये होता है कि आपको चाहिए क्या? आपका सब्जेक्ट क्या है? शॉट्स में बैकग्राउंड कितना महत्वपूर्ण है? इन सवालों के जवाब अगर आपके पास हैं तो फोटो लेने में दिक्कत नहीं आनी चाहिए.
कैमरा सेटिंग्स
आपके पास स्मार्टफोन है. उसमें कैमरा ऐप होगा. इस ऐप की अपनी सेटिंग्स है. यहां पर जाएं. यहां पर जाने के बाद आपको एहसास होगा कि कैमरा ऐप में किस-किस किस्म के फीचर हैं. अगर आप बिल्कुल ही नौसिखिए हैं तो डिफॉल्ट सेटिंग्स पर ही भरोसा कीजिए. अगर खुद को फोटोग्राफी का प्रो मानते हैं तो अपनी ज़रूरत के हिसाब से बदलाव कर सकते हैं. फीचर्स आपके मोबाइल पर निर्भर करता है. उदाहरण के तौर पर सीन ऑप्टिमाइज़र, ऑटो एचडीआर, वीडियो स्टेबलाइज़ेशन और ग्रिड लाइन्स जैसे फीचर्स मिल जाने चाहिए.रोशनी का सही इस्तेमाल
बात चाहे दिन में सूरज देवता की हो या रात में झमझमाती बल्बों से आती रोशनी की. थोड़ी सी लापरवाही और मामला खराब. तेज धूप में सूरज के ठीक सामने फोटो लेने से बचिए. कैमरा लेंस के ठीक सामने मत देखिए और जहां तक हो सूर्योदय के तुरंत बाद और सूर्यास्त से थोड़ा पहले फोटो लीजिए. गोल्डन आवर कहते हैं इसको. जब दिन की रोशनी उतनी ही होती है जितनी एक बढ़िया सी फोटो के लिए चाहिए. रात में भी ध्यान रखिए कि झूमर से आता रिफ्लेक्शन या बल्ब से आती रोशनी सीधे आपके चेहरे पर तो नहीं पड़ रही.HDR का सही इस्तेमाल
HDR बोले तो High Daynamic Range. बहुत कमाल का फीचर है. इसका काम होता एक पर्फेक्ट फोटो हासिल करना जिसमें ज़्यादा से ज़्यादा कलर्स और डिटेल नज़र आएं. चाहे बात ब्राइट एरिया की हो रही है या डार्क एरियाज़ की. ये फीचर एक फोटो में बहुत डार्क एरिया में डिटेल पहचानने लायक और बहुत लाइट है तो उसको बैलेंस रखने में मदद करता है. लेकिन एचडीआर मोड का इस्तेमाल हर परिस्थिति में न करें. यदि आप हिल रहे हैं या मूव कर रहे हैं तो आपकी फोटो खराब हो सकती है. यदि आप खड़े होकर फोटो ले रहे हैं तो बिंदास आटो HDR उपयोग करिए.
फोन को रखिए स्थिर
वैसे तो आजकल स्मार्टफोन में OIS (Optical Image Stabilization) फीचर आता है जो फोटो लेते वक्त फोन के हिलने-डुलने से मुक्ति देता है. लेकिन अभी ये महंगे फोन तक ही सीमित है. आपको थोड़ा अजीब लगेगा, लेकिन जब आप फोटो क्लिक करके के लिए स्क्रीन को टच करते है तब भी फोन थोड़ा सा हिल जाता है और तस्वीर की शार्पनेस कम हो जाती है. ऐसे में आप क्या करें? चाहे तो फोन स्टैंड का इस्तेमाल कीजिए, या फिर आजकल तो स्मार्टवॉच, ब्लूटूथ वाले ईयरफोन सभी से एक क्लिक से ये काम करने का जुगाड़ बिठा दिया गया है. टाइमर का उपयोग भी एक बढ़िया तरीका हो सकता है.
नाइट मोड
अच्छी रोशनी मिल रही है तो कोई बात ही नहीं. लेकिन जब रोशनी कम हो या अंधेरा हो, तब आप नाइट मोड का उपयोग कर सकते हैं. एक बात का ध्यान रखिए, नाइट मोड कोई फ्लैश लाइट नहीं है, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित एक तकनीक है जो अंधेरे में भी बढ़िया फोटो लेने में मदद करता है. इस प्रक्रिया में जब आप क्लिक करते हैं तो फोटो लेने के तुरंत बाद आपके स्मार्टफोन का सिस्टम उसको प्रोसेस करता है. आपको ये ध्यान रखना होगा कि आपका सब्जेक्ट स्थिर रहे, क्यूंकि नाइट मोड फोटो कुछ सेकंड में क्लिक होती है.
रूल आफ थर्ड/ग्रिड
कैमरा ऐप में ग्रिड का विकल्प होता है जो हमें जरूर उपयोग करना चाहिए. इसको चालू करते ही स्क्रीन पर 9 बराबर फ्रेम दिखने लगते हैं. ये फ्रेम सब्जेक्ट को एक लाइन में रखने में सहायता करते हैं. आमतौर पर ये रूल कहता है कि जब आप फोटो ले रहे हों तो सब्जेक्ट वन थर्ड पोजीशन पर हो. लेकिन यदि आपके पास फ्लैगशिप स्मार्टफोन है तो फ्रेम को थोड़ा बीच में रखिए, देखिए कितनी डिटेल्स के साथ बढ़िया तस्वीर आएगी.स्वाभाविक फोटो लीजिए
हम सब अदाकार तो हैं नहीं, जो कैमरा देख कर किरदार में आ जाएं. तो फोटो लेने के लिए उस वक्त का चुनाव कीजिए जब आप अपने स्वाभाविक किरदार में हों. कभी गौर किया है कि बच्चे की फोटो क्यूं हमेशा बेहतरीन आती है जबकि उनको फ्रेम में खड़ा रखना असंभव है, क्योंकि वो कैमरे को देखकर भाव-भंगिमा नहीं बनाते.
न केमरे कि चिंता न पोज देने कि मेहनत
प्रो मोड
ऊपर की सारी बातें तो ठीक हैं, लेकिन यदि आप फोटोग्राफी में थोड़ा सी भी दिलचस्पी रखते हैं और थोड़ा वक्त निकाल सकते हैं तो फिर मैनुअल मोड, रॉ फार्मेट आपके लिए पहले से हैं फोन में. इस्तेमाल कीजिए और फिर एडिटिंग करना चाहे तो Snapseed जैसे ऐप हैं. Lightroom बहुत आसानी से चलाया जाने वाला ऐप है जिसके अंदर पहले से मौजूद Presets फ्रेम का फीचर बहुत कम समय में बढ़िया फोटो बना देता है. हमने इसके बारे में आपको पहले बताया भी है.एक्सपोज़र का उपयोग
जब भी फोटो ले रहे हों तो स्क्रीन पर टच कीजिए, पीली लाइन आ जाएगी. इसको कम या ज्यादा करके रोशनी सही कर सकते हैं. मान लीजिए छाया ज्यादा नजर आ रही है तो थोड़ा लाइट बढ़ा दीजिए. फिर लीजिए फोटो.
एक्सपोजर सेटअप
जूम इन को कहें टाटा
अच्छे फोटो का दुश्मन है जूम इन. जितना संभव हो उतना बचिए और सब्जेक्ट के करीब जाने की कोशिश कीजिए. ये आपके फ्रेम को फोकस रखने में भी मदद करेगा जो अच्छी फोटो लेने का एक सबसे बुनियादी नियम है.और सबसे अहम है, बस फोटो खींचते रहिए. आपने घबराना नहीं है. ये बातें तो बिल्कुल नहीं सोचनी हैं कि अच्छी फोटो लेना कैसे सीखेंगे. किसी ने आपकी फोटोग्राफी देखी तो क्या कहेगा. आपका अपना फोन है, पुराने जमाने की तरह और चेहरा भी आपका, तो बस जब मन करे, जैसे मन करे. बस क्लिक-क्लिक की आवाज सुनते रहिए. एक दिन आपको खुद एहसास हो जाएगा कि आपकी फोटोग्राफी काफी बेहतर हो गई है.