गर्मी में सबसे ज्यादा राहत कहां मिलती है? आमतौर पर AC और कूलर के पास. किसी जमाने में सिर्फ महानगरों की शान माने जाने वाले एयर कंडीशनर्स अब देश के छोटे-छोटे शहरों तक भी पहुच चुके हैं. गर्मी शुरू होती नहीं कि किसी कोने में दबा कुचला एसी का रिमोट अपना स्वैग दिखाना चालू कर देता है. इस साल जैसी गर्मी पड़ रही है, ऐसा लगता है कि कई घरों में एयर कंडीशनर 20-25 ओवर खेल कर सेट भी हो चुके होंगे. कहने का मतलब एसी चालू हुए काफी समय हो गया होगा. अब है तो बढ़िया चीज लेकिन बिजली बिल भी कोई कम नहीं आता. अब इससे बचा तो नहीं जा सकता, लेकिन बिजली बिल को कम जरूर किया जा सकता है. कुछ बेसिक तरीके हैं जिनको अपना लिया तो बिजली बिल में बचत हो सकती है.
गर्मी में एसी के भी मज़े लीजिए, साथ में कम बिजली बिल के भी!
हमारे शरीर का औसत तापमान 36-37 डिग्री होता है तो उससे कुछ भी कम हमारे लिए ठीक रहेगा. BEE तो 12 डिग्री कम करके 24 रखने के लिए कह रहा है

ये तरीका सिर्फ उनके लिए ठीक है जो नया एयर कंडीशनर लेने का प्लान कर रहे हैं. Bureau of Energy Effciency (BEE) सभी इलेक्ट्रिकल एप्लायंस को एनर्जी रेटिंग देती है जो 1 से 5 के बीच होती है. हो सके तो 5 स्टार रेटिंग वाला एयर कंडीशनर ही लीजिए. 5 स्टार यदि आपको महंगा लगता है तो कम से कम 3 स्टार तो होना ही चाहिए. अगर बिजली बिल की टेंशन नहीं होती है आप किसी भी रेटिंग का ले लीजिए. रेटिंग जितनी ज्यादा बिजली बचत भी उतना ही. उदाहरण के लिए, यदि 3 स्टार एयर कंडीशनर का मासिक बिल 580 रुपये आता है तो 5 स्टार का 500 रुपये आएगा. अब आप खुद ही गुणा भाग कर लीजिए.

अब आपके पास नया एयर कंडीशनर है तो आपने नोटिस किया होगा कि ऑन करने पर डिफ़ॉल्ट टैंप्रेचर 24 डिग्री रहता है. कहने का मतलब आपने सिर्फ खटका (बटन) दबा कर एयर कंडीशनर ऑन किया और छोड़ दिया तो टैंप्रेचर 24 डिग्री रहेगा. 2020 के शुरुआत में BEE ने ऐसा करने का निर्देश दिया था. इसके पहले डिफ़ॉल्ट टैंप्रेचर 20 डिग्री रहता था. हमारे शरीर का औसत तापमान 36-37 डिग्री होता है तो उससे कुछ भी कम हमारे लिए ठीक रहेगा. BEE तो 12 डिग्री कम करके 24 रखने के लिए कह रहा है. बात जेब की भी करें तो आपको जानकार आश्चर्य होगा कि 1 डिग्री पर 6 प्रतिशत बिजली बचती है. आपके पास पुराने एयर कंडीशनर हैं तो आप भी इस आदत को अपना लीजिए. एयर कंडीशनर ऑन करते ही उसको 24 डिग्री पर सेट कीजिए. आसान सा नियम है, यदि 24 डिग्री पर रखा तो 24 प्रतिशत बिजली बचेगी. इस लिए 24 का मंत्र जप लीजिए. और 18 डिग्री में चिल मारना बंद कीजिए.
एयर कंडीशनर चलाकर सोने के बाद रात में चादर खोजना और सुबह-सुबह एकदम ठंडे कमरे के कारण कंपकपाते हुए उठना सबके साथ होता है. अब ऐसा होता इसलिए हैं, क्योंकि एक बार जो चालू किया तो सीधे सुबह बंद करना है. इस आदत को बदल डालिए. यदि भयानक गर्मी नहीं है तो सिर्फ कुछ घंटे एयर कंडीशनर चलाकर भी सुकून की नींद और बिजली बचाई जा सकती है. रिमोट पर टाइमर और टैंप्रेचर दोनों सेट कीजिए. Alexa का इस्तेमाल करते हैं तो उसको भी काम पर लगाइए. आजकल तो कई एयर कंडीशनर में इनबिल्ट एलेक्सा भी लगा होता है तो उसको इस्तेमाल करना बिल्कुल मत भूलिए.

ये वो काम है जो सबसे पहले होना चाहिए. वैसे तो एयर कंडीशनर मेकर्स साल में दो बार सर्विस का सुझाव देते हैं. एक बार गर्मी का मौसम आने से तुरंत पहले और एक बार एयर कंडीशनर को कुछ महीनों के लिए बंद करने से पहले. अब दो बार तो आमतौर पर सर्विस हम कराते नहीं, लेकिन एयर कंडीशनर उपयोग करने से पहले तो कराना ही चाहिए वो भी एक्सपर्ट से. मौसम के बीच में भी आप चाहें तो खुद थोड़ी बहुत सर्विस कर सकते हैं. वैसे भी आजकल DIY (do it yourself) खूब चलन में है. समय-समय पर सर्विस करने से एयर कंडीशनर चलता भी ढंग से है और खराब होने के चांस भी कम हो जाते हैं.
एयर कंडीशनर के साथ पंखे का यारानाये अफवाह पता नहीं किसने फैला रखी है कि एयर कंडीशनर चल रहा तो फैन बंद रखो. अरे भैया दोनों चलाइए. ऐसा करने से कमरा जल्दी ठंडा होगा और हवा भी कमरे के कोने-कोने तक जाएगी. पंखा बंद रखने से एयर कंडीशनर की हवा सिर्फ एक डायरेक्शन में फैलती है और देर लगती है रूम ठंडा होने में.
एयर कंडीशनर इस्तेमाल होते समय इस बात का विशेष ख्याल रखना चाहिए कि रूम पूरी तरह से बंद हो. खिड़की पर यदि तेज धूप आती है तो परदे डालकर रखिए. टीवी, फ्रिज और कंप्यूटर गरम हवा छोड़ते हैं तो यदि उनको कुछ देर के लिए बंद कर दिया जाए तो एयर कंडीशनर जल्दी काम करेगा. टीवी और कंप्यूटर जैसे एप्लायंस बंद रखे जा सकते हैं तो उससे बेहतर कुछ नहीं होगा.
एक बात और, बच्चों से रिमोट दूर रखिए और उनको इस बात के लिए प्रेरित करिए कि यदि जरूरत नहीं है तो एयर कंडीशनर बंद कर दें. क्योंकि बच्चे तो ठहरे मासूम. अगर मन किया तो रूम का एयर कंडीशनर चलाकर Marvel कॉमिक्स के सभी किरदारों वाले खिलौनों को भी गर्मी से राहत दिलाने लगते हैं. और ये राहत आपकी जेब के लिए है आफत.
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