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शार्क टैंक में कबाड़ का आइडिया बेच दिल्ली के लड़के ने बड़ी फंडिंग उठा ली

दिल्ली में कितने हजार करोड़ का कबाड़ निकलता है जानकर चौंक जाएंगे.

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कबाड़ से करोड़पति (Image- scrap uncle)

तुमने मेरी कभी कद्र नहीं की लेकिन जिसने की वो अब मालामाल है. इसके पहले आपको लगे कि हम कोई फिल्म का डायलॉग मार रहे तो ऐसा बिल्कुल नहीं है. हम तो आपके घर में पड़े कबाड़ के मन की बात बता रहे. वही कोने में पड़ा कबाड़ जैसे अखबार या स्टोर रूम में पड़े जूते या फिर बोतलें (वही जिनका नाम नहीं बताना है), किसी को करोड़पति बना रहे हैं. कहां, अरे अड्डा तो पुराना है 'शार्क टैंक इंडिया सीजन 2' (Shark Tank India Season 2). हुआ क्या, वो भी बता देते हैं.

कबाड़ीवाले (Scrap Uncle) का कमाल

शार्क टैंक इंडिया सीजन 2 के 25वें एपिसोड में आया दिल्ली का छोरा मुकुल. मुकुल की कंपनी का नाम है ‘स्क्रैप अंकल’ (Scrap Uncle) जो कबाड़ का धंधा करती है, लेकिन स्टाइल से. मुकुल ने घर से लेकर ऑफिस से कबाड़ इकठ्ठा करने के लिए एक ऐप बनाया है. ऐप का नाम भी स्क्रैप अंकल है. मुकुल का मॉर्डन डे कबाड़ीवाला आपके घर पर आवाजें मारकर नहीं बल्कि वेबसाइट और ऐप के जरिए आता है. बाकायदा एक ट्रेंड और वेरीफाइड एजेंट की तरह.

स्क्रैप अंकल आपके घर पर आकर 100 प्रतिशत शुद्धता के साथ कबाड़ का वजन करता है और उसका सही दाम भी देता है. इतना ही नहीं उनका ऐप कबाड़ को रिसाइकिल करने के लिए भी खुद से ही भेज देता है. यहां तक आपको आकर लगे कि इसमें क्या ही तीर मार लिया. तो बस इतना जान लीजिए कि शार्क टैंक में आने से पहले ही मुकुल को कोलम्बिया यूनिवर्सिटी (Columbia University) से 23 लाख रुपये की ग्रांट मिली थी. मुकुल के ऐप ने पिछले 2 साल में सिर्फ दिल्ली और उससे जुड़े इलाकों (Delhi NCR) से 22 हजार से ज्यादा ऑर्डर पिकअप किये, जिनका वजन है 14 लाख किलो.  

शार्क टैंक में क्या करने गए थे

'Will You Join My Hand To Cut The Crap with Scrap Uncle' ऐसा मुकुल ने बोला. मुकुल अभी सिर्फ दिल्ली के आसपास ही काम करते हैं और पूरे भारत का सबसे बड़ा कबाड़ीवाला बनने का सपना लेकर शार्क टैंक में आए थे. उन्होंने कंपनी की तीन 3 प्रतिशत हिस्सेदारी के बदले 60 लाख रुपये की मांग की.

कबाड़ मतलब फंडिंग मिली?

वैसे तो मुकुल का धंधा अभी ब्रेक-ईवन पर है मतलब जितना कमा रहे उतना ही खर्च हो रहा. लेकिन मुकुल की बिजनेस की समझ और काम के प्रति उनकी गंभीरता ने सारे शार्क को उनका मुरीद बना दिया. मुकुल ने कबाड़ के बिजनेस को समझने के लिए खुद को दो कबाड़ीवालों के साथ फ्लैट में शिफ्ट तक कर लिया था. लेकिन ये सब तो ठीक है. शार्क को तो बिजनेस से मतलब और ये तब हुआ, जब मुकुल ने बताया कि सिर्फ दिल्ली शहर में साल का 2 बिलियन डॉलर मतलब 16 हजार करोड़ से ज्यादा का कबाड़ निकलता है. इतना सुनना था और शार्क का दिमाग कबाड़, मेरा मतलब खराब हो गया. Shadi.com वाले अनुपम और Car Dekho वाले अमित आपस में ही भिड़ लिए. अमित ने तो पुरानी कारों वाला गुणा-गणित भी समझा दिया. बाकायदा शार्क विनीता, अनुपम और अमित में बोली लगी. आखिर में मुकुल ने 5 फीसदी हिस्सेदारी 60 लाख में अमित के साथ पक्की की. कबाड़ बोले तो स्क्रैप अंकल की वैल्यू हुई 12 करोड़. कबाड़ खत्म बोले तो कहानी खत्म.

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