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पेट्रोल पंप पर टंकी फुल कराते वक्त ये 'चूक' लंबा चूना लगवा सकती है!

सिर्फ पहला जीरो नहीं देखना है...

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सांकेतिक तस्वीर (साभार: बिजनेस टुडे)

आप पेट्रोल पंप गए. टंकी फुल भराई और पेमेंट किया. फिर पूरी मौज में चल दिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि फुल टंकी भरवाने के कई फायदे हैं. मसलन पूरा पेट्रोल मिलता है. मशीन पर ऑन-ऑफ का झोल नहीं होता. वगैरह-वगैरह. इसमें काफी बातें सही भी हैं. लेकिन इसी फुल टंकी भराने के चक्कर में कई बार एक लापरवाही भी हमसे होती है. जिसकी वजह से जेब थोड़ी ज्यादा ढीली हो जाती है. लापरवाही आंखों की और साथ में गणित की. जितनी बड़ी टंकी उतना बड़ा नुकसान. आज हम इसी के बारे में बात करेंगे.  

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टंकी फुल मगर जेब खाली

कल्पना कीजिए आप पेट्रोल पंप पर हैं और टंकी फुल करवाने के मकसद से आए हैं. जैसा कि होता है, पेट्रोल भरने वाला कर्मचारी स्क्रीन पर जीरो दिखाकर पेट्रोल भरना चालू करता है. अचानक से 2-4 लीटर पेट्रोल के बाद वो मशीन बंद करता है और आपसे कहता है. सर 500 का डाल दिया. आपको कुछ समझ नहीं आता और आप तकरीबन डपटते हुए कहते हैं. अरे भाई मैंने टंकी फुल करने को कहा था. 500 का नहीं.

कर्मचारी मुस्कुराते हुए सॉरी बोलता है और कहता है सर, गलती हो गई. ढंग से सुन नहीं पाया. कोई बात नहीं. अभी टंकी फुल कर देता हूं. आप भी गुस्सा थूक कर हामी भर देते हैं. टंकी फुल होती है और कर्मचारी स्क्रीन पर दिख रहे अमाउन्ट के साथ 500 जोड़कर आपसे पैसे ले लेता है. यहां तक आपको सब नॉर्मल लगेगा, मगर आपको 500 रुपये का चूना लग चुका है. हमारी बात अगर आपको गप लग रही तो कार सूत्रा की ये पोस्ट देखिए. पोस्ट को अब तक एक करोड़ से ज्यादा बार देखा जा चुका है. वैसे ये सिर्फ एक उदाहरण हैं. सोशल मीडिया पर ऐसे दसियों वीडियो मिल जाएंगे.

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पोस्ट से इतर अब आपको गुणा-गणित समझाते हैं. मान लेते हैं आपकी गाड़ी की टंकी की क्षमता 2000 रुपये की है. पहले कट लगा 500 रुपये पर और फिर टंकी फुल हुई 2000 रुपये पर. आप 2500 रुपये पकड़ा दिए. आमतौर पर हम टंकी में कितना पेट्रोल आता है, उस पर कोई खास ध्यान नहीं देते. अब 2500 रुपये आपने क्यों दिए, वो जान लीजिए.

होना ये चाहिए था कि जब 500 रुपये पर कट लगा तो मीटर जीरो से चालू होना था. लेकिन ऐसा होता नहीं. बड़ी सफाई से मीटर 500 रुपये से स्टार्ट होता है. मतलब अगर जीरो से स्टार्ट होता तो मीटर 1500 रुपये पर रुक जाता. टोटल होता 2000 रुपये. 500 का चूना. आपके मन में सवाल होगा कि सारा खेल फुल टंकी पर होता है क्या. नहीं छोटे अमाउन्ट पर भी यही गेम होता है लेकिन वो थोड़ा मुश्किल है क्योंकि हिसाब-किताब जल्दी हो जाता है.  फुल टंकी आसान खेल है.

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यहां हम किसी पेट्रोल पंप या कर्मचारी पर कोई उंगली नहीं उठा रहे क्योंकि ये जानना मुश्किल है कि खेला कौन कर रहा. एक्स्ट्रा पैसा किसको मिलेगा. बस आपको सावधान कर रहे. पेट्रोल पंप पर जीरो देखने के साथ डेन्सिटी भी देखें और पेमेंट करते समय जितना पेट्रोल डाला गया, उतना ही भुगतान करें.   

वीडियो: पेट्रोल डीजल भरवाते समय सिर्फ '0' नहीं, डेंसिटी भी देखनी है, असली खेल इसी का है

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