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AI चैटबॉट का गजब 'Kill Bill, अस्पताल का 1.72 करोड़ का बिल 30 लाख का कर दिया!

Claude नाम के AI Chatbot ने अस्पताल के बिल को बारीकी से देखा और उसमें कई विसंगतियों को पकड़ लिया. नतीजतन, एक करोड़ 72 लाख रुपये का बिल घटकर 30 लाख रुपये का हो गया. कहानी 'आर्टिफिशियल' लग सकती है लेकिन Claude की 'इंटेलिजेंस' के लिए पढ़ना बनता है.

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चैटबॉट ने करोड़ों बचा दिए

AI Chatbot से जुड़े अच्छे और बुरे किस्से आपने जरूर पढ़े और सुने होंगे. आज बारी एक और अच्छे किस्से की है. जानकर आपको एक बार तो भरोसा भी नहीं होगा. ज्यादा भूमिका नहीं, सीधा खबर पर आते हैं. दावा है कि AI Chatbot की मदद से एक शख्स ने अस्पताल का एक करोड़ 72 लाख रुपये का बिल सीधा 30 लाख का करवा लिया. यानी एक करोड़ 42 लाख रुपये से भी ज्यादा बचा लिए. जानें कैसे एक AI Chatbot ने अस्पताल के बिल में खामियां पकड़ीं.

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Claude नाम के AI Chatbot ने अस्पताल के बिल को बारीकी से देखा और उसमें कई विसंगतियों को पकड़ लिया. नतीजतन, एक करोड़ 72 लाख रुपये का बिल घटकर 30 लाख रुपये का हो गया. कहानी 'आर्टिफिशियल' लग सकती है लेकिन Claude की 'इंटेलिजेंस' के लिए पढ़ना बनता है.

AI Chatbot ने बिल को 'किल' कर दिया

घटना अमेरिका की है. Tom’s Hardware की रिपोर्ट के मुताबिक थ्रेड्स (इंस्टाग्राम का ट्विटर) पर मैट रोजनबर्ग नाम के यूजर ने इस पूरी घटना को साझा किया है. पोस्ट के मुताबिक उनके साले को हार्ट अटैक आया था. उसका मेडिकल बीमा दो महीने पहले ही खत्म हो गया था. ऐसे में इलाज का पूरा खर्च परिवार पर आया. हालांकि मरीज को बचाया नहीं जा सका. एक करीबी रिश्तेदार को खोने के बाद परिवार को एक और झटका मिलने वाला था.

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दरअसल, अस्पताल ने मरीज को सिर्फ चार घंटे ICU में रखा था. लेकिन इसके लिए बिल बनाया गया 1.72 करोड़ रुपये का. पोस्ट के मुताबिक बिल में कई सारे चार्जेज ऐसे थे जिनका कोई तुक नहीं था. गड़बड़ महसूस होने पर मैट ने क्लाउड चैट बॉट को बिल का तिया-पांचा समझने के लिए कहा. 

जानकारी के लिए बता दें कि क्लाउड चैट बॉट को Anthropic ने डेवलप किया है.

person used AI chatbot to slash down a hospital bill by over Rs 1 crore
nthmonkey की पोस्ट का स्क्रीन शॉट 

चैट बॉट ने अपना काम बखूबी किया. उसने पाया कि अस्पताल ने एक ही प्रक्रिया के लिए दो बार वसूली की थी. एक बार मेन ऑपरेशन के लिए. और फिर हर छोटे हिस्से के लिए. अकेले इस वजह से बिल लगभग 88 लाख रुपये बढ़ गया था. चैट बॉट ने गलत बिलिंग कोड भी पकड़े, जैसे कि मामले को ‘आपातकालीन’ के बजाय ‘अस्पताल में भर्ती’ के रूप में दिखाया. वेंटिलेटर सेवाओं का खर्चा भी बिल में जुड़ा हुआ था.

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विसंगतियों की पूरी लिस्ट चैट बॉट ने साझा की जिसके बाद यूजर ने अस्पताल को सबूत के साथ एक सख्त चिट्ठी लिखी. अस्पताल ने बिल में झोल को माना और बिल को एक लाख 95 हजार डॉलर (एक करोड़ 72 लाख रुपये) से घटाकर 33 हजार डॉलर (करीब 30 लाख रुपये) कर दिया. 

मैट रोजनबर्ग के मुताबिक चैट बॉट ने बिल में कमियां तो निकाली ही, साथ में एक बढ़िया पत्र लिखने में भी मदद की. 1800 रुपये महीना प्रीमियम वाले चैटबॉट ने यूजर के करोड़ों बचा दिए.

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