टाटा मोटर्स के मालिकाना हक वाली जगुआर लैंड रोवर के प्रोडक्शन पर लगा ब्रेक अब 1 अक्टूबर तक के लिए बढ़ गया है. सितंबर के पहले हफ्ते में कंपनी के ऊपर बड़ा साइबर अटैक (Jaguar Land Rover cyberattack) हुआ था, जिसके बाद से ही सारा कामकाज ठप है. कंपनी 24 सितंबर से प्रोडक्शन फिर से स्टार्ट करने की उम्मीद कर रही थी मगर अब इसे कुछ और दिनों के लिए रोक दिया गया है. उत्पादन पर रोक की वजह से कंपनी को 2 बिलियन पाउंड (करीब 23 हजार करोड़ रुपये) तक का नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है.
TATA Motars पर साइबर अटैक, बंद करना पड़ा जगुआर लैंड रोवर का कारखाना, अरबों का नुकसान
टाटा मोटर्स के मालिकाना हक वाली जगुआर लैंड रोवर पर बड़ा साइबर अटैक (Jaguar Land Rover cyberattack) हुआ. अब प्रोडक्शन पूरी तरह बंद है. आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि टाटा मोटर्स के कुल रेवेन्यू में 70 फीसदी हिस्सेदारी जगुआर लैंड रोवर यानी JLR की है.


ये रकम कंपनी के सालाना मुनाफे से भी ज्यादा है. आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि टाटा मोटर्स के कुल रेवेन्यू में 70 फीसदी हिस्सेदारी जगुआर लैंड रोवर यानी JLR की है. पूरा मामला बताते हैं.
Jaguar Land Rover पर ब्रेकJLR के ब्रिटेन स्थित तीन प्रमुख प्लांट्स- सोलिहुल, हेलीवुड और वॉल्वरहैंपटन पर 2 सितंबर के रोज एक बड़ा साइबर अटैक हुआ था. “Scattered Lapsus$ Hunters” नाम के हैकर ग्रुप ने इसकी जिम्मेदारी ली है. इसके बाद कंपनी को मजबूरन अपना पूरा प्रोडक्शन बंद करना पड़ा. इन प्लांट्स में रोजाना करीब 1,000 व्हीकल्स बनते हैं और लगभग 30,000 डायरेक्ट कर्मचारी काम करते हैं.
जेएलआर की इन तीनों फैक्ट्री में सप्लाई चैन में करीब 1 लाख लोग हैं. साइबर अटैक के बाद सभी कर्मचारियों को घर पर रहने को कहा गया है. ये कंपनी के सालाना प्रोडक्शन टारगेट को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है. हालांकि कंपनी ने नुकसान के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है लेकिन कई रिपोर्ट्स में इसके 23 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचने की बात कही गई है.

यह राशि JLR के वित्तीय वर्ष FY25 के अनुमानित प्रॉफिट (1.8 बिलियन पाउंड) से भी ज्यादा है. साइबर इंश्योरेंस न होने के कारण पूरा इसका बोझ कंपनी पर ही आने वाला है. प्रोडक्शन बंद होने का असर टाटा मोटर्स के शेयर पर भी साफ देखा जा सकता है. कंपनी के शेयर पिछले 5 दिनों में गिरकर 664 रुपये तक आ गए हैं. हालांकि कंपनी के इंडियन ऑपरेशन पर इस हमले का कोई असर नहीं हुआ है.
बताते चलें कि बड़ी कंपनियों पर बड़े साइबर हमले का ये कोई पहला मामला नहीं है. इस साल मार्क्स एंड स्पेंसर ग्रुप और कुछ रिटेल चेन भी इसका सामना कर चुकी हैं.
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