मोबाइल नंबर, ईमेल, बैंक अकाउंट, सोशल मीडिया हैन्डल, वेबसाइट्स, UPI वो पगडंडियां हैं जिनका इस्तेमाल साइबर अपराधी आपके सिस्टम में घुसने का रास्ता बनाने के लिए करते हैं. माने तरीके तो और भी हो सकते हैं लेकिन यहां से आपके डिवाइस में घुसना काफी आसान होता है. फर्जी मोबाइल नंबर, स्पैम वाला ईमेल और नकली सोशल मीडिया अकाउंट, साइबर ठग के लिए बड़ी बात नहीं है. अब ठग तो ठग हैं. अपनी हरकतों से बाज आने से रहे. मगर हमारा क्या? कितना अच्छा होता कि हम पहले ही चेक कर पाते कि फलां नंबर तो फर्जी है. अकाउंट में झोल है.
फर्जी मोबाइल नंबर से लेकर ठगी वाले UPI और बैंक अकाउंट का पता इस पोर्टल से चलेगा
एक ही जगह पर मोबाइल नंबर, सोशल मीडिया, UPI, बैंक की कुंडली खुल (check fake mobile number via NCCRP) जाएगी. अच्छी बात ये है कि ऐसा करने के लिए थर्ड पार्टी ऐप की भी जरूरत नहीं. सरकारी जुगाड़ है.

चिंता मत कीजिए. ऐसा करने का उत्तम प्रबंध है. एक ही जगह पर मोबाइल नंबर, सोशल मीडिया, UPI, बैंक की कुंडली खुल जाएगी. अच्छी बात ये है कि ऐसा करने के लिए थर्ड पार्टी ऐप की भी जरूरत नहीं. सरकारी जुगाड़ है.
राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टलअंग्रेजी में इसे NCCRP कहते हैं. इस पोर्टल पर साइबर क्राइम से जुड़ी कई हेल्पलाइन उपलब्ध हैं. वित्तीय फ्रॉड से लेकर बच्चों और औरतों से जुड़े अपराधों को यहां रजिस्टर और ट्रैक किया जा सकता है. इसी पोर्टल की एक और सर्विस है Report & Check Suspect, जहां मोबाइल नंबर से लेकर बैंक अकाउंट का कच्चा-चिट्ठा खुलता है. इसके लिए आपको क्रोम पर जाकर NCCRP टाइप करना होगा. उसके बाद पहली लिंक को ओपन करके राइट में तीन डॉटस पर क्लिक कर लीजिए.
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# अंदर कई सारे ऑप्शन होंगे जिसमें से आपको Suspect Repository पर क्लिक करना है
# पहले ऑप्शन में मोबाइल, ईमेल, बैंक अकाउंट, सोशल मीडिया, UPI ID के असली और नकली पता करने का जुगाड़ है.

# अगर आपको लगता है कि कोई मोबाइल नंबर फर्जी है तो यहां जाकर देख सकते हैं. वैसे जरूरी नहीं कि हर फर्जी नंबर का पता चल ही जाएगा. मतलब नंबर एकदम नया है तो शायद पोर्टल उसे नहीं पकड़ पाए. पोर्टल साइबर क्राइम से जुड़ी शिकायतों के डेटा बेस पर काम करता है. यहीं पर आप ईमेल और बैंक अकाउंट के बारे में भी पता कर सकते हैं.
# जो आपको किसी वेबसाइट या ऐप के फर्जी होने का शक है तो फिर दूसरा ऑप्शन आपके लिए है.
# इंस्टाग्राम और गूगल पर कई फर्जी वेबसाइट्स और ऐप्स लोगों को अलग-अलग तरीके से ठग रहे हैं. ऐसे में अगर आपको जरा सा भी संदेह हो तो इधर चेक कर लीजिए.
वैसे गारंटी तो नहीं है मगर चेक करने में कोई बुराई नहीं. कोई पैसा भी नहीं लगता है. बाकी रही स्कैम से बचने की बात तो उसका सबसे सही रास्ता सावधानी ही है. सावधानी हटी और दुर्घटना घटी.
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