Netflix देखते हुए और चिल करते हुए स्क्रीन रिकॉर्डिंग जरूर की होगी. अजी झूठ मत बोलिए. हम सभी ने ऐसा किया है. हां, यह अलग बात है कि हम इसमें सफल नहीं हुए. काहे से जब भी नेटफ्लिक्स देखते हुए स्क्रीन रिकॉर्ड करने की कोशिश (How Netflix block screen recording?) की तो स्क्रीन काली हो जाती है. फोन आपका एंड्रॉयड हो या आईफोन. टैबलेट हो या लैपटॉप. नेटफ्लिक्स से कुछ भी स्क्रीन रिकॉर्ड करना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है. लेकिन दूसरे ऐप्स में तो ऐसा आसानी से हो जाता है. मुआ नेटफ्लिक्स ऐसा कौन सा जुगाड़ लगाता है जो स्क्रीन करिया हो जाती है.
खूब सिर खुजाया पर Netflix रिकॉर्ड नहीं हुआ, स्क्रीन ब्लॉक होने का खेल ये है?
फोन आपका एंड्रॉयड हो या आईफोन. टैबलेट हो या लैपटॉप. नेटफ्लिक्स से कुछ भी स्क्रीन रिकॉर्ड करना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है. लेकिन दूसरे ऐप्स में तो ऐसा आसानी से हो जाता है. मुआ नेटफ्लिक्स ऐसा कौन सा जुगाड़ लगाता है जो स्क्रीन करिया हो जाती है (How Netflix block screen recording?).


कहने को तो नेटफ्लिक्स एक वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म है. लेकिन उसके पहले वो एक टेक कंपनी है. अगर उसके प्लेटफॉर्म का माल ऐसे ही स्क्रीन रिकॉर्ड हो गया तो फिर कौन उसको महीने के हजारों रुपये देगा. इसलिए उसने अपनी प्राइवेसी बचाने के लिए पायरेसी पर कंट्रोल किया है. नेटफ्लिक्स स्क्रीन रिकॉर्डिंग को बचाने के लिए DRM (Digital Rights Management) का इस्तेमाल करता है. इसके लिए Widevine, FairPlay, PlayReady जैसी तकनीक का सहारा लिया जाता है. आप चिल कीजिए, हम आसान तरीके से आपको इसका तिया-पांचा समझाते हैं.
क्या है DRM?आसान भाषा में कहें तो एन्क्रिप्शन का बाप. अब एन्क्रिप्शन तो आपको पता ही होगा. किसी भी फाइल पर प्याज की परत जैसे चढ़ा देना. एक तो फाइल पर परत दर परत चढ़ा दो और फिर उसका ऑर्डर भी बदल दो. माने A की जगह C और B की जगह D. फिर जब फाइल खोलनी हो तो सब पहले जैसा कर दो. ऐसे ही एक टॉप लेवल का एन्क्रिप्शन है DRM. Widevine से लेकर FairPlay जैसी कंपनियां इस तकनीक पर काम करती हैं.
Widevine पहले अलग कंपनी होती थी जो अब गूगल का हिस्सा है. आज के समय में यह Netflix, HBO, Samsung, LG, Intel, Facebook समेत कई कंपनियों को सर्विस देती है. आसान का भी आसान करें तो यह तकनीक आपके मोबाइल या लैपटॉप को संदेश देती है कि भईया यह वाली फाइल एन्क्रिप्टेड है. अपने को इसके साथ कोई खेल नहीं करना है.
यह वीडियो प्रोटेक्टेड है और अपने को इसको सिर्फ प्ले करना है. इसके बाद आपका डिवाइस उस वीडियो को सिर्फ प्ले करता है. वीडियो एक सेफ हार्डवेयर के अंदर प्ले होता है. आपका डिवाइस बस उसको दिखा रहा होता है. जब भी आप ऐसे वीडियो का स्क्रीन रिकॉर्ड करते हैं तो सिर्फ ऊपर के यूजर इंटरफेस (UI) की रिकॉर्डिंग होती है. अंदर की लेयर सेफ रहती है. इसलिए सब काला-काला नजर आता है.
आपके मन में सवाल होगा कि अगर सब इतना अच्छा है तो फिर हर कंपनी ऐसा क्यों नहीं करती. पैसे का चक्कर बाबू भईया. DRM तकनीक महंगी है. इसलिए तो नेटफ्लिक्स भी महंगा है. इंडिया की बात मत कीजिए. यहां तो उनको अपना मार्केट बनाना है इसलिए वो किफायती प्लान ऑफर करते हैं. अपने यहां भी उनका टॉप प्लान 649 रुपये महीने का है. अमेरिका में इसी प्लान के 2200 रुपये लगते हैं.
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