Finance Minister Nirmala Sitharaman ने Union Budget 2025-26 में कई सारी अहम घोषणायें की हैं. इस बार के बजट भाषण में भी इनकम टैक्स को लेकर एलान हुआ. केंद्र सरकार ने कहा है कि सालाना 12 लाख रुपये (12 Lakh No Tax) तक की सैलरी वालों को कोई भी टैक्स नहीं जमा नहीं करना पड़ेगा. इसके साथ AI को लेकर भी घोषणा हुई है. ऐसा होना भी था क्योंकि कुछ दिनों पहले ही पिछले दिनों इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्र सरकार इसकी तैयारी पिछले साल से ही कर रही है.
Budget 2025: AI के लिए वित्तमंत्री की तरफ से 500 करोड़ रुपये, बनेंगे तीन Centres of Excellence
Finance Minister Nirmala Sitharaman ने AI के लिए तीन (CoEs) बनाने की घोषणा की है. इसके लिए 500 करोड़ रुपये का बजट दिया गया. बताते चलें कि मार्च 2024 में 10,372 करोड़ रुपये के बजट के साथ 'IndiaAI Mission' को मंजूरी मिली थी. 2024-25 में इस मिशन को 551.75 करोड़ रुपये दिए गए.

मार्च 2024 में 10,372 करोड़ रुपये के बजट के साथ 'IndiaAI Mission' को मंजूरी मिली थी. 2024-25 में इस मिशन को 551.75 करोड़ रुपये दिए गए. अब 500 करोड़ रुपये का नया बजट भी और आ गया है.
(CoEs) को मिलेंगे 500 करोड़AI के डेवलपमेंट पर सरकार का फोकस साफ नजर आ रहा है. सरकार ने इसको देश के एजुकेशनल इकोसिस्टम में डालने का बंदोबस्त कर दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में तीन Centres of Excellence (CoEs) बनाने की घोषणा की है. ये एआई उत्कृष्टता केंद्र छात्रों को भविष्य में AI के लिए तैयार करने, अनुसंधान से लेकर AI बेस्ड उपकरण बनाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे. इस पहल का उद्देश्य अत्याधुनिक एआई अनुसंधान को बढ़ावा देना और शिक्षा क्षेत्र में इसके अनुप्रयोग को बढ़ाना है. निर्मला सीतारमण ने कहा
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस दुनिया भर के उद्योगों में क्रांति ला रहा है और भारत को भी एआई रिसर्च और उसकी एप्लिकेशन में आगे आना चाहिए. प्रस्तावित Excellence सेंटर शिक्षा क्षेत्र में नई खोजों, ट्रेनिंग और एआई के डेवलपमेंट के केंद्र के रूप में काम करेंगे.
AI के लिए फंड मिलना ही था क्योंकि बजट पेश होने से पहले 31 जनवरी को जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद को संबोधित किया, तब भी उन्होंने भारत के एआई मिशन की चर्चा की. इस मिशन का उद्देश्य है- AI से संबंधित तकनीकों को मजबूत करना. आईटी मंत्री ने कहा कि ‘इंडिया एआई मिशन’ भारतीय भाषाओं में देश को एआई समाधान देने के करीब पहुंच गया है.
देखने वाली बात ये है कि भारत अपना AI प्लेटफॉर्म बनाने से अभी कितनी दूर है? सवाल इसलिए उठना लाजमी है क्योंकि अमेरिका में ChatGPT और MetaAI जैसे AI प्लेटफॉर्म्स बने. चीन में बना DeepSeek. भारत की तैयारी भी मजबूत है. इसके बारे में आप नीचे लिंक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं.
चीन और अमेरिका ने अपना AI बना लिया, लेकिन इस पर भारत की तैयारी कहां पहुंची है?
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