डिजिटल अरेस्ट, डिजिटल अरेस्ट, डिजिटल अरेस्ट. कोई दिन नहीं जाता जब इससे जुड़ी खबर (Digital Arrest) नहीं होती है. ठगी का ये तरीका इतना भयानक है कि प्रधानमंत्री मोदी भी मन की बात कार्यक्रम में इसके बारे में आगाह कर चुके हैं. अभी तो कॉल करने पर कॉलर ट्यून भी इसी के बारे में बात करती है. हम भी आज फिर डिजिटल अरेस्ट (digital arrest) पर बात करेंगे मगर जरा दूजी किस्म की. ना-ना वो नहीं जो आप समझ रहे. मतलब हमने ठग का कॉल रिकॉर्ड किया या किसी ने ठग से किराना मंगवा लिया. ये सब तो पुराना हो चला है.
रिटायर्ड टीचर के 79 लाख बस उड़ने ही वाले थे, बैंक मैनेजर ने ऐसे फेल किया डिजिटल अरेस्ट स्कैम
Digital Arrest Scam: हम बात करेंगे डिजिटल अरेस्ट (digital arrest) से बची एक रिटायर टीचर की. अभी तक हमने लाखों-करोड़ों की रकम ठगों के अकाउंट में ट्रांसफर होने के केस सुने हैं मगर इस बार 79 लाख रुपये बच गए. जानेंगे, कैसे बैंक के एक कर्मचारी की सतर्कता ने बुजुर्ग को ठगों के चंगुल से निकाल लिया.

हम बात करेंगे डिजिटल अरेस्ट से बची एक रिटायर टीचर की. अभी तक हमने लाखों-करोड़ों की रकम ठगों के अकाउंट में ट्रांसफर होने के केस सुने हैं, मगर इस बार 79 लाख रुपये बच गए. जानेंगे, कैसे एक बैंक अधिकारी की सतर्कता ने बुजुर्ग को ठगों के चंगुल से निकाल लिया. अच्छी खबर है, आपको पढ़नी चाहिए.
बैंक मैनेजर ने बचा लिए 79 लाखमामला एकदम वैसा ही है जैसा अभी तक होता आ रहा. दिल्ली की एक 68 साल की रिटायर टीचर को 21 दिसंबर के दिन एक कॉल आता है. कैनरा बैंक के 300 करोड़ के स्कैम में नाम आने की बात कही जाती है. WhatsApp कॉल में पुलिस की डीपी लगाकर बात की जाती है और फिर सारे बैंक अकाउंट के डिटेल मांगे जाते हैं. जितना भी पैसा है, तो ट्रांसफर करने को कहा जाता है और साथ जांच के बाद 4 फीसदी ब्याज के साथ पूरी रकम वापस करने की बात भी कही जाती है.
टीचर 24 दिसम्बर को सेंट्रल दिल्ली की एसबीआई ब्रांच जाती हैं और 20 लाख रुपये गुजरात के किसी अकाउंट में ट्रांसफर करने को कहती हैं. The Hindu की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान टीचर लगातार पानी पी रही थीं और घबराई हुई भी लग रही थीं. बार-बार फोन पर बात करने के लिए बाहर भी जा रही थीं. बैंक मैनेजर को थोड़ा संदेह हुआ तो उसने पूछ लिया कि आप इतना पैसा क्यों ट्रांसफर कर रही हैं. 'अपने काम से काम रखो'. महिला ने मैनेजर को यही जवाब दिया. मगर मैनेजर ने अपने आप पर काबू रखा. महिला के अकाउंट में 19 लाख रुपये थे जो उन्होंने ट्रांसफर तो किए मगर लेनदेन को होल्ड पर रखा. बैंक ऐसा कर सकता है. हालांकि, महिला ने ट्रांसफ़र का सबूत लेने के लिए फोटो लेने की बात कही मगर मैनेजर ने मना कर दिया.

मैनेजर के बहुत जोर देने पर उन्होंने कहा कि गुजरात में उनके रिश्तेदार जमीन खरीद रहे हैं, इसलिए पैसा ट्रांसफर करना है. तीन दिन बाद यानी 27 दिसंबर को टीचर फिर बैंक जाती हैं और इस बार अपनी 30 लाख रुपये की सेविंग स्कीम और 30 लाख के म्यूच्यूअल फंड की रकम को उसी अकाउंट में ट्रांसफर करने को कहती हैं. मैनेजर साफ मना कर देते हैं और साथ में बैंक स्टाफ को ऐसा नहीं करने को कहते हैं. टीचर डर जाती हैं और बाहर निकलकर फिर किसी से फोन पर बात करती हैं.

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इसी दौरान सीसीटीवी में सब देख रहे मैनेजर बाहर आकर महिला से उनका फोन लेते हैं और सामने वाले से बात करते हैं. ठग उनके जीजा होने की बात करता है लेकिन महिला की बहन का नाम भी नहीं बता पाता और कॉल काट देता है. इधर महिला डर से कांपने लगती है लेकिन मैनेजर उनको भरोसा देते हैं. उनके दामाद को बुलाया जाता है और फिर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज होती है.
6 दिन डिजिटल अरेस्ट रखाटीचर और ठग के बीच WhatsApp चैट से पता चला कि उसने लगातार 6 दिनों से उनको बंधक बना रखा था. सब्जी लेने के लिए भी भी ठग से इजाजत लेनी पड़ रही थी. ठग ने टीचर से कहा था कि बाहर रिक्शे वाला भी पुलिस का आदमी है. आप पर 24 घंटे नजर रखी जा रही है.
दिल्ली पुलिस ने BNS की धारा 308 (2) (extortion), 319 (2) (cheating by personation), 61(2) (criminal conspiracy), और 3(5) (common intention) के तहत मामला दर्ज कर लिया है. बैंक ने 19 लाख रुपये वापस महिला के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए हैं.
हालांकि, जांच में पता चला है कि टीचर ने एक दूसरे अकाउंट से 35 लाख रुपये और भी ट्रांसफर किए थे जो वापस नहीं मिल सके.
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