क्रिकेट के इतिहास में साल 1979 में पहली बार डे-नाइट मैच खेला गया था. सिडनी के क्रिकेट ग्राउंड पर. यह वनडे मैच था. लेकिन डे-नाइट टेस्ट मैच होने में इस मैच के बाद 36 साल और लगे. 2015 में पहली बार डे-नाइट टेस्ट खेला गया. कहने का मतलब है कि क्रिकेट के इतिहास में लंबे समय तक सूरज की रोशनी में ही मैच खेले जाते थे. इसकी कई वजहें रहीं. इनमें से एक वजह ये थी कि क्रिकेट ग्राउंड पर फ्लड लाइट जिसे फ्लड लाइट्स कहते हैं उसका इंतजाम नहीं था. लेकिन जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी इंप्रूव होती गई फ्लड लाइट्स में डे-नाइट मैच खेलने का चलन बढ़ता गया. देखिए वीडियो.
कौन सा उपकरण क्रिकेट मैच में 'बैड लाइट' होने का संकेत दे देता है?
हाल ही में कानपुर टेस्ट खराब रोशनी के चलते रोक दिया था
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