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इगा स्वांतेक ने जीता विबंलडन का खिताब, महज 57 मिनट में खत्म कर दिया मैच

Iga Swiatek ने इतिहास रच दिया है. पोलैंड की इस खिलाड़ी ने Wimbledon 2025 के विमेंस सिंगल्स का खिताब अपने नाम कर लिया. स्वांतेक ने यह मुकाबला महज 57 मिनट में खत्म कर दिया

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इगा स्वांतेक ने पहली बार विंबलडन का खिताब अपने नाम किया है (फोटो: AFP)

पूर्व वर्ल्ड नंबर-1 टेनिस प्लेयर इगा स्वांतेक (Iga Swiatek) ने इतिहास रच दिया है. पोलैंड की इस खिलाड़ी ने विंबलडन 2025 के विमेंस सिंगल्स का खिताब (Wimbledon champion) अपने नाम कर लिया. फाइनल में उन्होंने अमेरिका की अमांडा अनीसिमोवा (Amanda Anisimova) को हराया. इस जीत में सबसे खास बात यह रही कि स्वांतेक ने यह मुकाबला महज 57 मिनट में खत्म कर दिया. वो भी सीधे सेट्स में 6-0, 6-0 की स्कोरलाइन के साथ.

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यह ओपन एरा, यानी 1968 के बाद सिर्फ दूसरी बार हुआ है जब किसी ग्रैंड स्लैम फाइनल में कोई खिलाड़ी बिना एक भी गेम गंवाए चैंपियन बनी हो. टेनिस की भाषा में इसे 'डबल बैगल' कहा जाता है. इससे पहले यह कारनामा जर्मनी की महान टेनिस खिलाड़ी स्टेफी ग्राफ ने किया था. उन्होंने 1988 के फ्रेंच ओपन फाइनल में नताशा ज्वेरेवा को 6-0, 6-0 से हराया था.

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साथ ही, यह 1983 के बाद पहला मौका है जब विंबलडन फाइनल का पहला सेट 6-0 की स्कोरलाइन से खत्म हुआ. तब मार्टिना नवरातिलोवा ने एंड्रिया जैगर को 6-0, 6-3 से हराया था. इस ऐतिहासिक जीत के बाद स्वांतेक ने अपनी खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा,

मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ होगा. मैं अब खुद को थोड़ा अनुभवी खिलाड़ी मानती हूं, लेकिन इस जीत की उम्मीद नहीं थी. मेरी टीम ने मुझ पर मुझसे ज्यादा भरोसा किया. खासकर मेरे कोच का शुक्रिया, जो इस साल मेरी टीम में आए. सब कुछ किसी सपने जैसा लग रहा है.

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स्वांतेक ने आगे कहा,

मैं अमांडा को भी बधाई देना चाहती हूं. उन्होंने पिछले दो हफ्तों में बहुत अच्छा खेला. आज जो हुआ, वो एक दिन का खेल है. उम्मीद है, हम आगे कई टूर्नामेंट्स में फिर साथ खेलेंगे. उनको और उनकी टीम को भी ढेर सारी शुभकामनाएं.

स्वांतेक ने करियर में पहली बार इस प्रतिष्ठित ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट का खिताब जीता है. यह उनके सिंगल्स करियर का छठा ग्रैंड स्लैम खिताब है. इससे पहले वह चार बार रोलां गैरो (फ्रेंच ओपन) और एक बार यूएस ओपन जीत चुकी हैं. सबसे खास बात यह है कि स्वांतेक अब तक छह बार ग्रैंड स्लैम फाइनल में पहुंची हैं और हर बार खिताब जीतने में सफल रही हैं.

अमांडा के लिए शानदार रहा टूर्नामेंट

वहीं, अमांडा अनीसिमोवा की बात करें तो 23 साल की यह खिलाड़ी पहली बार किसी ग्रैंड स्लैम के फाइनल में पहुंची थीं. सेमीफाइनल में उन्होंने टॉप सीड आर्यना सबालेंका को हराकर सबको चौंका दिया था. अमांडा ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार खेल दिखाया और अपने दम पर फाइनल तक का सफर तय किया. भले ही नतीजा उनके पक्ष में नहीं रहा, लेकिन उन्होंने टेनिस की दुनिया को यह दिखा दिया कि वो भविष्य की एक बड़ी खिलाड़ी बन सकती हैं.
 

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