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गौतम गंभीर की टेस्ट कोचिंग खतरे में? कैफ ने तो दावेदार का नाम तक बता दिया

कैफ को BCCI के कोचिंग स्टाफ चुनने की प्रक्रिया से भी आपत्ति है. उन्हें लगता है कि कोचिंग स्टाफ के चयन में ट्रांसपेरेंसी नहीं है.

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गौतम गंभीर ने पिछले साल टी20 वर्ल्ड कप के बाद तीनों फॉर्मेट में हेड कोच का पद संभाला. (Photo-PTI)

टीम इंडिया के कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) टेस्ट में अब तक प्रभावित नहीं कर पाए हैं. उनके कोच रहते भारत न्यूजीलैंड के खिलाफ घर में हारा. और अब साउथ अफ्रीका (South Africa) ने भी 15 साल में पहली बार भारत को उसी के घर पर हरा दिया. कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि बतौर टेस्ट कोच गौतम गंभीर पर तलवार लटक रही है. पूर्व भारतीय बल्लेबाज मोहम्मद कैफ (Mohammad Kaif) को भी लगता है कि टेस्ट में कोच पद के अन्य दावेदार सामने आएंगे.

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दबाव में हैं गौतम गंभीर?

कैफ को लगता है कि टेस्ट स्पेशलिस्ट के तौर पर मशहूर वीवीएस लक्ष्मण का नाम टेस्ट कोच के तौर पर आ सकता है. लक्ष्मण ने 100 से ज्यादा टेस्ट मैच खेले हैं. फिलहाल वो BCCI के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के अध्यक्ष हैं. कैफ ने लक्ष्मण को टेस्ट टीम का कोच बनने का दावेदार बताते हुए कहा,  

बेशक, दबाव बढ़ रहा है. इसमें कोई शक नहीं है. पहले के ज़माने में, अगर आप ऑस्ट्रेलिया जाते, तो आपकी हार पक्की हो जाती थी, और किसी को बुरा नहीं लगता था. आप ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड में हारते थे तो कहा जाता था कि यह तो होना ही था. लेकिन भारत में हार मानी नहीं जाएगी है क्योंकि वह आपका किला है. साउथ अफ्रीका ने उस किले को भेद दिया, और न्यूज़ीलैंड ने आकर वाइटवॉश कर दिया. इसलिए, दबाव बढ़ रहा है. इसलिए लक्ष्मण और अन्य लोगों का नाम आगे आएगा.

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सलेक्शन प्रक्रिया पर सवाल

कैफ को BCCI के कोचिंग स्टाफ चुनने की प्रक्रिया से भी आपत्ति है. उन्हें लगता है कि कोचिंग स्टाफ के चयन में ट्रांसपेरेंसी नहीं है. उन्होंने कहा,

मुख्य समस्या यह है कि बोर्ड आवेदन मांगते हैं, और सबसे अच्छे ऑप्शन को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा. उनसे सवाल पूछे जाते हैं और रोल दे दिया जाता है. लेकिन कई बार, कोच बिना इंटरव्यू के ही चुन लिए जाते हैं. ऐसे में, 50-60 टेस्ट खेल चुके खिलाड़ी सोचते हैं कि कोई निश्चितता नहीं है. अगर वह आवेदन करें और वह रिजेक्ट हो जाएं तो क्या होगा? यह अपमान जैसा है. वह अपना काम छोड़कर सर्विस करने की कोशिश कर रहे हैं. इसलिए, यहां एक ग्रे एरिया है जहां सब साफ नहीं है. यह सभी जानते हैं.

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पूर्व क्रिकेटर ने बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक का नाम लेकर कहा कि उन्हें बिना इंटरव्यू चुन लिया गया. कैफ ने कहा,

ज़रूरी नहीं कि योग्य व्यक्ति को ही चुना जाए. जब ​​गंभीर कोच बने, तो उन्होंने सितांशु कोटक और अभिषेक नायर जैसे खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया. बीसीसीआई इसकी अनुमति देता है. मुझे लगता है कि ट्रांसपेरेंसी की ज़रूरत है. 

कैफ ने साफ कहा कि जिन खिलाड़ियों ने एक लाख दर्शकों के सामने मैच जिताऊ पारी खेली है, उन्हें प्राथमिकता दी जानी चाहिए, न कि उन खिलाड़ियों को जिन्होंने 3-4 मैच खेले और टीम का हिस्सा रहे. उन्होंने दावा किया कि जब सितांशु कोटक टीम में शामिल हुए, तो कोई इंटरव्यू नहीं हुआ.

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